आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो करने पहुंचे पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब शिवराज निकर पहनते थे तब मैं सांसद बन गया था। दूसरों के रिकॉर्ड की बात करते हैं, खुद का रिकॉर्ड देख लें। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि रतलाम ने बीजेपी को क्या नहीं दिया लेकिन इसके बाद भी रतलाम उपेक्षित रहा।
'मैं शिवराज नहीं हूं'
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि मैं शिवराज नहीं हूं कि मैं बताऊं कितने बनेंगे अगर शिवराज से पूछेंगे कि 16 नगर निगम में कितने मेयर बनेंगे तो वो बोलेंगे कि 17 में उनके बनेंगे। देखिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति ठीक नहीं है वो अपनी बात करें ना, ये दूसरों के रिकॉर्ड की बात करते हैं इनका रिकॉर्ड खुद का कैसा है ऊपर से लेकर नीचे तक देख लो।
'20 लोगों को भी नहीं दिया रोजगार'
उदयपुर अमरावती घटनाओं को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को वोट ना देने की अपील पर कहा कि इनके पास कहने लायक कुछ नहीं होता तो ध्यान मोड़ने के लिए ऐसा शिगूफा छोड़ते हैं मध्यप्रदेश में आज शांति है। कैसे शांति खराब की जाए ये इनका प्रयास है। इनको डर है कि 15 महीने बाद कांग्रेस की सरकार आएगी तो ऐसे मुद्दे ले आओ। बेरोजगारी, व्यवसाय, उद्योग से कोई संबंध नहीं है शिवराज सिंह पता नहीं शर्म की भी हद होती है शर्म को भी ये शर्मा देंगे, झूठ को भी शर्मा देंगे उन्होंने कहा था एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देंगे लेकिन मैं कहता हूं कि 20 का भी तो नाम बता दो।
'तो मैं पॉलिटिकल नहीं हूं'
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा अगर शिवराज सिंह जी कहते हैं कि मैं नॉन-पॉलिटिकल हूं तो मैं झूठा नहीं हूं। मैं घोषणा ही नहीं करता और ऐसे में वे कहते हैं कि मैं नॉन पॉलिटिकल हो गया तो मैं मानता हूं कि मैं नॉन-पॉलिटिकल हो गया हूं। अगर पॉलिटिकल का मतलब झूठ बोलना नाटक नौटंकी करना, घोषणा करना, जनता का ध्यान मोड़ना, अगर ये उनकी भाषा में पॉलिटिकल है तो तो मैं पॉलिटिकल नहीं हूं।
वोट नहीं देने पर बोले पीसीसी चीफ कमलनाथ
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने नगर निगम चुनाव में वोट नहीं देने पर कहा कि सबसे पहली चीज मैं नगर निगम का वोटर नहीं हूं। मेरा गांव है, जहां मेरा गांव है वहां मैं पक्षपात नहीं करना चाहता था। हमने वहां किसी को कोई टिकट नहीं दिया, वहां गांव के सभी लोग अपने हैं और मैं पक्षपात नहीं करना चाहता। अगर मैं नगर निगम का वोटर होता तो मैं जरूर वोट करता लेकिन मैं नगर निगम का वोटर नहीं हूं। शिवराज सिंह जी के पेट में दर्द हो रहा है तो मैंने वोट नहीं डाला। वो भटकते गए वोट डालने नहीं गए थे। लोगों को पता नहीं दबाने गए, समझाने गए थे, डराने गए थे, इसलिए वो वोट डाले गए और ये मुझे समझा रहे हैं वोट डालने के बाद। बीजेपी उम्मीदवार मतदाताओं को डरा रहे हैं ये लोकतंत्र का अपमान है। ये पुलिस पैसा और प्रशासन से ही जीत सकते हैं।