देहरादून. पुष्कर सिंह धामी ने 23 मार्च को सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 8 और मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस मौके पर पीएम मोदी भी मौजूद थे। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh) ने धामी को शपथ दिलाई। पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के परेड ग्राउंड में सीएम पद की शपथ ली। पीएम मोदी ने इस मौके पर उन्हें बधाई दी। धामी प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं। बीजेपी ने उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था लेकिन वो खुद खटीमा से चुनाव हार गए।
मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली: धामी के साथ आठ अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली जिसमें से पांच—सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकारों का भी हिस्सा रहे हैं। धामी मंत्रिमंडल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित तीन नए चेहरों को भी जगह दी गयी है। मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले दो अन्य नए चेहरे सौरभ बहुगुणा और चंदन रामदास हैं। सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र हैं। उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को घोषित परिणाम में बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत हासिल कर दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने का इतिहास रचा है।
धामी ने रचा इतिहास: हालांकि, ‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’ नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बीजेपी की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं अपनी परंपरागत सीट खटीमा से हार गए हैं। इसके बावजूद पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य में सत्ता की बागडोर, उन्हें थमा कर अपना भरोसा जताया है। प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्तासीन हुई बीजेपी के साथ ही धामी ने भी लगातार दूसरे कार्यकाल की बागडोर संभाल कर इतिहास रचा है। प्रदेश के गठन के दो दशक से भी अधिक समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार पद की शपथ ली है। इससे पहले, बीजेपी के मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूरी ने भी दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन उनके दो कार्यकालों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखिरियाल निशंक मुख्यमंत्री रहे थे।
सागर से की है स्कूलिंग: धामी का मप्र के सागर से गहरा नाता रहा है। केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के अलावा वह आरएसएस से जुड़े रहे। धामी के पिता आर्मी में थे, उनकी पोस्टिंग सागर में रही। इसी दौरान धामी ने अपनी स्कूलिंग पूरी की। यहां पढ़ाई के साथ-साथ छात्र राजनीति से भी जुड़े रहे। आरएसएस से जुड़े होने के कारण पुष्कर का पूर्व मंत्री स्व. हरनाम सिंह राठौर के घर अक्सर आना-जाना लगा रहता था। जिसके बाद वे पूर्व विधायक राठौर के साथ भोपाल में पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल हुए।