चाहे न चाहे शरू हुई योगी-शिवराज की रेस, CM की मुसीबत बने पहले अफसर अब मंत्री

author-image
Shivasheesh Tiwari
एडिट
New Update
चाहे न चाहे शरू हुई योगी-शिवराज की रेस, CM की मुसीबत बने पहले अफसर अब मंत्री

Bhopal. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) जितनी अलग-अलग चुनौतियों का सामना अपनी चौथी पारी में कर रहे हैं। उतनी परेशानियां उन्होंने अपने पंद्रह साल के सीएम काल में नहीं देखी थीं। सीएम शिवराज सिंह चौहान की नई चुनौती कोई करीबी मंत्री (Minister) या प्रदेश के कोई विधायक नहीं है। ये चैलेंज हैं योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)। यूपी (UP) के सीएम योगी आदित्यनाथ और शिवराज सिंह चौहान अचानक एक ही रेस के मैदान में पहुंच गए हैं। यहां उन्हें पहुंचाने वाले कोई और नहीं, बल्कि शिवराज सिंह चौहान के करीबी मंत्री या फिर वरिष्ठ मंत्री हैं, जिन्होंने अपने बयानों से प्रदेश में ये हालात बना दिए हैं कि तीन बार चुनाव जीत चुके और चौथी पर सत्ता पर काबिज हुए शिवराज सिंह चौहान को दूसरी बार ही जीते योगी आदित्यनाथ से मुकाबला करना पड़ रहा है। मजेदार बात ये है कि खुद शिवराज सिंह चौहान ऐसा नहीं चाहते। लेकिन उनके मंत्री बार-बार उन्हें इस रेस में ला खड़ा करते हैं।





सीएम के नजदीक कौन और कितना





इन मंत्रियों को योगीजी इतने पसंद है कि उनके हर कारनामे की बिना देर किए तारीफ करते हैं। शिवराज कैबिनेट के ये वही मंत्री या विधायक हैं, जो अमूमन हर फ्रेम में शिवराज सिंह चौहान के साथ नजर आएंगे। सीएम किसी जरूरी मुद्दे पर चर्चा करने मीडिया से रूबरू होंगे या फिर किसी करंट इश्यू पर बाइट दे रहे होंगे। तब उनके पीछे यही चेहरे खड़े नजर आएंगे। होड़ लगी होगी कि कौन सीएम के कितना नजदीक और सबसे ज्यादा देर स्क्रीन पर दिखाई देता है। लेकिन जब बात अकेले कैमरों के बीच घिरकर बाइट देने की होगी, तब योगी का गुणगान करना नहीं भूलेंगे।





योगी का एमपी में जादू





योगीजी यूपी में लाउडस्पीकर पर कार्रवाई करेंगे। इधर सुबह सुबह रूटीन बन चुके बाइट देने के चलन में शिवराज के मंत्री योगीजी की तारीफ करते सुनाई देंगे। सिर्फ लाउड स्पीकर वाले मामले पर ही क्यों। मदरसों में राष्ट्रगान की बात हो, बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करने की बात हो। योगीजी के हर कदम पर मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल्स पर आप कुछ मंत्रियों और विधायकों के इंटरव्यू में योगीजी की तारीफ सुन सकते हैं। नतीजा ये होता है का खुद शिवराज सिंह चौहान को न चाहते हए भी योगी के नक्शेकदम पर चलना पड़ता है। नौबत तो मंत्रियों को फटकार लगाने तक की भी आ चुकी है। पर नेता और मंत्री बाज नहीं आए।





यूपी की राह पर एमपी की राजनीति





अगर आपको तीसरी कार्यकाल तक के सीएम शिवराज सिंह चौहान याद होंगे। तो, ये भी याद होगा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कभी टोपी पहन कर ईद मिलने में जाने से गुरेज नहीं किया। वो जितनी स्नेह से गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा खरीदने निकले उतनी ही मोहब्बत के साथ ईद मिलने ईदगाह भी पहुंचते रहे। लेकिन इस बार शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से योगी के सांचे में ढलने की कोशिश में नजर आते हैं। ये योगी की लोकप्रियता का पैमाना है कि चौथी बार सीएम बने शिवराज को अपने से आधे तजुर्बे वाले सीएम की नकल उतारनी पड़ रही है। या योगी के हर फैसले पर ताली बजाने वाले अपने ही नेताओं की आदत से परेशान होकर वो चुपचाप सब होने दे रहे हैं। वजह चाहे जो भी हो ये साफ नजर आता है कि बेलगाम अफसरशाही का इल्जाम झेल रहे सीएम अपने मंत्री और नेताओं की लगाम भी नहीं कस पा रहे हैं। 





जो अपनी कैबिनेट के चुनिंदा मंत्री और विधायकों को ही शिवराज सिंह चौहान को संभालना मुश्किल हो रहा है। ऐसा तब से लगने लगा है जब ये खबरें सुनने को मिलीं कि अपने ही एक मंत्री को शिवराज सिंह चौहान को फटकार लगानी पड़ी। ये मंत्री थे मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार। जिन्हें 24 घंटे में ही हिजाब पर बैन लगाने के अपने बयान से पलटना पड़ा। एक ही दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद परमार को नया बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका बयान स्कूलों में समानता, अनुशासन और पहचान के संदर्भ में था। फिलहाल नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं होगा, न ही इस पर कोई काम हो रहा है। स्कूलों में जो व्यवस्था चल रही है, वही चलती रहेगी। बताया ये भी जाता है कि परमार के इस बयान पर बात इतनी बिगड़ी जिसे संभालने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को आगे आना पड़ा। परमार के यू टर्न से पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी बयान आया। गृहमंत्री ने साफ कर दिया कि मध्यप्रदेश सरकार के पास हिजाब पर बैन लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 





सिर्फ इसी मुद्दे पर नहीं और भी मुद्दों पर बयानबाजी कर शिवराज सिंह चौहान के साथी उनकी मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं, जिनमें से एक हैं रामेश्वर शर्मा। जो योगी के हर कदम की जोरशोर  से तारीफ करते हैं। लव जिहाद कानून पर रामेश्वर शर्मा ने योगी की तारीफ तो की ही की उत्तरप्रदेश में जाकर उनसे मुलाकात करने के बाद भी इस फैसले पर उनकी तारीफ करना नहीं भूले। मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर रह चुके रामेश्वर शर्मा  शिवराज  सिंह चौहान के करीबी भी माने जाते हैं। शर्मा वही नेता हैं जिन्होंने शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर सीएम बनाने की पुरजोर कोशिश की है। इस साल शिवराज  का  एक साल और पूरा होने पर रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में ही बुलडोजरों की झांकी लगा दी गई थी। 





नरोत्तम मिश्रा और योगी आदित्यनाथ में बहुत अच्छे संबंध हैं





मदरसों में राष्ट्रगान के ऐलान के बाद मध्यप्रदेश के नेताओं ने भी खूब हामी भरी। रामेश्वर शर्मा ने भी कहा कि मदरसों में भी एक न एक दिन तो राष्ट्रगान गाना ही पड़ेगा। इस मामले पर तो प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में तो राष्ट्रगान गाने की जिद नहीं कर रहे। मध्यप्रदेश में ऐसा कहा जाए तो क्या गलत है। लाउड स्पीकर पर अजान का मामला हुआ तो साध्वी प्रज्ञा भारती, उमा भारती ने भी सुर में सुर मिलाए और लाउडस्पीकर पर अजान का विरोध किया। नरोत्तम मिश्रा ने नपे तुले अंदाज में इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि नरोत्तम मिश्रा और योगी आदित्यनाथ में बहुत अच्छे संबंध हैं। हाल ही में जब योगी आदित्यनाथ दतिया आए थे तब नरोत्तम मिश्रा भी वहां पहुंचे थे। पर सवाल ये है कि शिवराज के मंत्रियों को योगीजी क्यों इतने पसंद हैं।





शिवराज की शैली बदली





लगातार बयानबाजियों के चलते अब हालात ये हैं कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान को कट्टर बनने की या सख्ती दिखाने की कोशिश करनी पड़ती है। यकीनन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कोशिश तो बहुत की है। योगी स्टाइल में अफसरशाही पर हावी होने की। तो, कभी प्रदेश में सख्त कार्रवाई करने की। हालांकि ये कभी शिवराज सिंह चौहान का तरीका नहीं रहा। शैली बदलने के चक्कर में शिवराज सिंह चौहान इस कदर घिर गए हैं कि न मंत्री संभल रहे हैं न अफसर। वो न चाहते हुए भी उस रेस का हिस्सा हैं जो योगी और उनके बीच शुरू हो चुकी है। हालांकि राजनीति के मैदान में योगी भले ही शिवराज के सामने नए खिलाड़ी हों लेकिन लोकप्रियता के ट्रेक पर वो शिवराज से कहीं ज्यादा आगे निकल चुके हैं। उस पर शिवराज के मंत्रियों का योगी का मुरीद होना उनकी मुश्किलें और बढ़ा रहा है। जिन पर लगाम कसने कोई तरीका फिलहाल शिवराज सिंह चौहान के पास नजर नहीं आता।



Madhya Pradesh मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान SHIVRAJ SINGH CHOUHAN Yogi Adityanath योगी आदित्यनाथ up National Anthem यूपी मंत्री Minister Loudspeaker लाउडस्पीकर राष्ट्रगान