रेप केस: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति सहित 3 को आजीवन कारावास, 2 लाख का जिर्माना

author-image
एडिट
New Update
रेप केस: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति सहित 3 को आजीवन कारावास, 2 लाख का जिर्माना

उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार (akhilesh government) में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) और उनके दो साथियों को गैंगरेप (Gangrape) और पाक्‍सो एक्‍ट मामले में एमपी/ एमएलए अदालत ने उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। तीनों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना (Fine) भी लगाया गया है। नौकरी दिलाने के नाम पर चित्रकूट की एक महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी से रेप की कोशिश के मामले में 10 नवम्‍बर को कोर्ट ने प्रजापति और उनके दो साथियों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए आज की तारीख मुकर्रर कर दी थी। विशेष अदालत ने तीनों को धारा 376 डी एवं 5जी/6 पास्को एक्ट में दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने इसी मामले में आरोपी रहे अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल व रुपेश्वर उर्फ रुपेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। सभी आरोपी जेल में बंद हैं।

यह है पूरा मामला

 सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ 18 फरवरी, 2017 को थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दुष्‍कर्म पीड़िता की अर्जी पर दिया था। दुष्‍कर्म पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का आरोप लगाया था। गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को मार्च 2017 में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।

चाय में मिलाया था नशीला पदार्थ

 पीडि़ता ने कहा था कि वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली स्थित आवास पर मिली थी। इस दौरान पूर्व मंत्री ने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया था। पीडि़ता के बेहोश हो जाने के बाद गायत्री और छह अन्य लोगों ने दुष्कर्म किया था। महिला ने नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। उसने पूर्व मंत्री से जान का खतरा भी बताया था, जिसके बाद उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।

पीड़िता पर समझौते के लिए दबाव बनाया

चित्रकूट (Chitrakoot) की इस पीड़िता से समझौते के लिये गायत्री और उनके परिचितों ने पूरा जोर लगा दिया था लेकिन पीड़ि‍ता अपनी जिद पर अड़ी रही। गायत्री की गिरफ्तारी के बाद ही उस पर बयान बदलने के लिये दबाव बनाया गया लेकिन वह किसी से नहीं मानी। इतना ही नहीं उसने यह आरोप भी लगाया था कि गायत्री को सपा सरकार में पहले बचाने का पूरा प्रयास किया गया था। जब मामले ने काफी तूल पकड़ा और वह सुप्रीम कोर्ट तक गयी तब सरकार को भी पीछे हटना पड़ा। गायत्री प्रजापति के खिलाफ हर तरफ से शिकंजा कसता चला गया था।

Chitrakoot Uttar Pradesh Life imprisonment Fine GANGRAPE akhilesh government Gayatri Prajapati