Sidhi. नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के मार्फत होने से यहां टिकट के लिए ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ी है। अंतत: दोनों प्रमुख दलों ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन के पहले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने जहां अधिकांश युवाओं को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने चर्चित व उम्रदराज चेहरों को टिकट दिया है। टिकट घोषित होते ही प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रचार शुरू कर दिया है। पार्षद पद के उम्मीदवारों की घोषणा करने मे भाजपा आगे रही है। भाजपा ने बुधवार को तो कांग्रेस ने गुरुवार को 24 वार्डो के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। इसमें खास बात यह रही की भाजपा ने अधिकांश युवा चेहरों को मौका दिया है तो कांग्रेस ने चिरपरिचित व उम्रदराज लोगों को चुनाव मैदान मे उतारा है।भाजपा में टिकट पाने दावेदारों की लम्बी कतार रही पर इस बार युवाओं पर ज्यादा भरोसा किया है। इसमें 50 प्रतिशत महिला शामिल हैं।
पार्टी के वोट पर निर्भर प्रत्याशी
भाजपा ने कई ऐसे प्रत्याशी घोषित किए हैं जिनके घोषित वार्ड में खुद के वोट नहीं है। जाति विशेष के भी वोट गिने-चुने ही हैं। ऐसे में पार्टी के परम्परागत वोटों पर ही उन्हें निर्भर रहना होगा।दूसरी तरफ कांग्रेस ने अधिकांश उन्हें टिकट दिया है जो उसी वार्ड के निवासी हैं और वार्ड में अच्छी पकड़ है। इसके अलावा पूर्व में चुनाव जीत चुके ,अनुभवी लोगों को महत्व दिया है। जाहिर है अनुभव और उम्र चुनाव को काफी प्रभावित करेगी।
चुनाव मे दांव पर प्रतिष्ठा
नगर पालिका परिषद सीधी का अध्यक्ष कौन होगा यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन अभी तो कई दिग्गजों की वार्ड के चुनाव मे ही प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। बता दें कि भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती पूनम सोनी वार्ड 19 से पार्षद का चुनाव लड़ रही हैं। जीती तो अध्यक्ष पद की दावेदार होंगी और हार गईं तो राजनीति कैरियर पर बट्टा लगना तय है। पूनम युवा नेत्री हैं ऐसे में जानकारों की राय थी कि उन्हें पार्षद पद के लिए प्रतिष्ठा दांव में नहीं लगानी थी। इसी तरह वार्ड 7 से पार्षद पद के लिए कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे पूर्व अध्यक्ष आनन्द बहादुर सिंह की भी मधुरी से प्रतिष्ठा दांव पर है। कारण यह की एक तो छोटा चुनाव दूसरे जिस वार्ड से वे लड़े हैं वहां ब्राह्मणों का बाहुल्य है। भाजपा ने यहां से श्रीकान्त पाण्डे को मैदान में उतारा है।
टिकट में विधायक की चली
नगरपालिका क्षेत्र में पार्षदों के टिकट बंटवारे में विधायक केदारनाथ शुक्ला की ही चली है। भले ही सूची भाजपा अध्यक्ष इन्द्रशरण सिंह ने बांच कर मीडिया को सुनाया हो पर अधिकांश प्रत्याशी विधायक के पसन्द वाले ही घोषित हुये हैं। दूसरे नेताओं की गणेश परिक्रमा में लगे पार्टी कार्यकर्ता भले ही दमखम वाले रहे हों टिकट की फायनल सूची में नहीं आ सके हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी नेताओं से समन्वय बैठाकर और सर्वे बाद सूची तैयार की है। इसीलिए ज्यादातर वार्डो में जिताऊ उम्मीदवार देखे जा रहे हैं।हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस वार्ड 6 में प्रत्याशी चयन में पर्यवेक्षक पर भरोसा कर बड़े भाई दया वर्मा को टिकट न देकर उनके छोटे भाई जितेंद्र वर्मा को प्रत्याशी बना चूक की है फिर भी भाजपा के मुकाबले तो मजबूत स्थिति में ही रहेगी।