BHOPAL. नगरीय निकाय चुनावों के लिए बीजेपी द्वारा बनाया गया परिवारवाद का फार्मूला पंचायत चुनावों में पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। ग्राम और जनपदों के बाद जिला पंचायत के चुनावों में भी पुराने दिग्गज नेताओं के परिवार मुंह चिढ़ाते नजर आए। कहीं नेताओं के बहू-बेटे और बेटियों को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने के लिए पूरी पार्टी जुटी रही तो कहीं दिग्गजों के भाई और पट्ठे भी निर्विरोध चुनाव जीत गए। वहीं पार्टी में निचले स्तर पर मची खींचतान भी इन चुनावों में खुलकर सामने आ गई और पार्टी के बड़े चेहरों को भितरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर परिवारवाद के फार्मूले को लेकर बीजेपी का मजाक उड़ाने वाली कांग्रेस इस मामले में पीछे नहीं रही।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के अंतिम चरण में शुक्रवार को जिला पंचायतों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों का चुनाव किया गया। प्रदेश के 52 में से 51 सीधी में अदालत में प्रकरण होने के कारण नहीं हुआ, जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष व उपायक्ष का निर्वाचन शुक्रवार को भारी गहमागहमी के बीच किया गया। इन 51 में से 40 जिलों में बीजेपी समर्थित अध्यक्ष बने हैं तो कांग्रेस के खाते में केवल 10 जिलों में ही अध्यक्ष का पद आ सका। इनके अलावा एक पद सिवनी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समर्थित उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष बना है। सभी जिला मुख्यालयों में अपने-अपने उम्मीदवारों को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस के बीच खींचतान के नजारे बने रहे। राजधानी में आठ सदस्यों के साथ चुनाव में उतरी कांग्रेस को अपने ही सदस्यों के कारण हार का सामना करना पड़ा। अव्वल तो बीजेपी ने कांग्रेस समर्थित सदस्य राम कुंवर गुर्जर को अपने साथ मिलाकर अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना दिया। फिर टेंडर वोट और क्रास वोटिंग के जरिए दो वोट ज्यादा लेकर कांग्रेस के हाथ से अध्यक्ष पद हथिया लिया। प्रदेश में दिन भर चली खींचतान के बाद भी 51 में से 22 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। वहीं अधिकांश जिलों में परिवारों का ही जलाल नजर आया। बीजेपी के मंत्री-विधायक और प्रदेश पदाधिकारी भी अपने दिग्गजों के परिवारजनों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में दांव-पेंच लगाते रहे। साथ ही सभी सफल भी रहे। टीकमगढ़ में उमा भारती के विधायक भतीजे राहुल सिंह लोधी की पत्नी उमिता राहुल सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं तो सागर में प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरासिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। बड़वानी में प्रदेश सरकार के मंत्री प्रेम सिंह पटेल के पुत्र बलवंत सिंह पटेल अध्यक्ष बने तो मंडला में केंद्रीय मंत्री फुग्गन सिंह कुलस्ते के दामाद संजय कुशराम जीतकर आए हैं। ग्वालियर एवं भिंड में भी बीजेपी नेताओं के परिजनों के हाथ में जिलों की कमान सौंप दी गई।
डिंडोरी में भितरघात की शिकार बीजेपी की दिग्गज
आदिवासी वर्ग के आरक्षित डिंडौरी में बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई मैदान में आ गई। यहां से तीन बार की जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे की पत्नी ज्योति प्रकाश धुर्वे भितरघात की शिकार होकर कांग्रेस नेता रुदेश सिंह परस्ते से हार गईं। धुर्वे का पिछले दिनों आडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे डिंडोरी के ही एक बीजेपी पार्षद व उसके साथियों पर भितरघात का आरोप लगाते हुए बीच सड़क पर मारने की धमकी दे रही थीं। बावजूद इसके बीजेपी की दिग्गज नेत्री ज्योति प्रकाश धुर्वे को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उनकी हार लाटरी के जरिए हुई। बीेजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को 5-5 वोट प्राप्त हुए। बाद में टॉस कराया गया, जिसमें फैसला रुदेश के पक्ष में आया।
कौन कहां बना अध्यक्ष
- इंदौर - रीना मालवीय - बीजेपी
चुनावों में ऐसी बनी तस्वीर
दमोह: काग्रेस समर्थित प्रत्याशी रंजिता गौरव पटेल ने जीत हासिल की है। यहां भाजपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। कांग्रेसी प्रत्याशी को 10 वोट मिले वहीं प्रतिद्वंदी को 5 वोट मिले।
इंदौर : बीजेपी की रीना मालवीय 12 वोट के साथ एकतरफा जीती कांग्रेस प्रत्याशी को केवल पांच वोट मिले।
ग्वालियर: बीजेपी की दुर्गेश कुंवर जाटव निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समर्थक हैं। जाटव की जीत केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए झटका मानी जा रही है।
मुरैना: कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए एमपी एग्रो के चेयर मेन एदल सिंह कंसाना की समर्थक आरती गुर्जर निर्विरोध अध्यक्ष और बनवारी धाकड़ निर्विरोध उपाध्यक्ष घोषित हो गए। कंसाना केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खास माने जाते है । इस चुनाव का काँग्रेस सदस्यों ने चुनाव का बायकॉट किया। नगर निगम चुनाव में मेयर पद पर मिली करारी हार के बाद मिली इस जीत से बीजेपी को मिली राहत।
दतिया: बीजेपी की अध्यक्ष इंदिरा धीरू दांगी निर्विरोध चुनी गईं जिला पंचायत अध्यक्ष। उपाध्यक्ष बनी रामदेवी संतोष लश्करी।
मन्दसौरः बीजेपी की दुर्गा विजय पाटीदार निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुई।
सागर: बीजेपी के हीरा सिंह राजपूत निर्विरोध चुने गए जिला पंचायत अध्यक्ष। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई हैं।
शहडोल: प्रभा मिश्रा शहडोल जिला पंचायत अध्यक्ष पर निर्विरोध चुनी गई।
खंडवा: बीजेपी की कंचन मुकेश तनवे बनी जिला पंचायत अध्यक्ष।
नीमच: पांच बार विधायक रहे स्व. खुमान सिंह शिवाजी के पुत्र सज्जन सिंह (भाईजी) निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए।
राजगढ़: कांग्रेस के चंद्र सिंह सोंधिया 11 मतों से जीतकर बने जिला पंचायत अध्यक्ष। बीजेपी के पाले में आए कुल 6 मत और 1 रद्द।
शिवपुरी: बीजेपी की नेहा यादव निर्विरोध चुनी गईं। कला आदिवासी और निशा पालीवाल ने भी आवेदन किया था, लेकिन समय पूर्व वापस ले लिया। सामान्य पिछड़ा वर्ग की महिला चुनी गईं हैं।
जबलपुर: बीजेपी समर्थित संतोष बरकड़े बने जिला पंचायत अध्यक्ष। बीजेपी समर्थित संतोष बरकड़े को 8 वोट और कांग्रेस समर्थित रामकुमार सैय्याम को 7 वोट मिले। दो वोट रिजेक्ट हो गए।
पन्ना: बीजेपी समर्थित मीना राजे सिंह निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित। बीजेपी की संतोष सिंह यादव भी उपाध्यक्ष निर्वाचित।
गुना: बीजेपी समर्थित अरविंद धाकड़ निर्विरोध निर्वाचित। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी।
विदिशा : बीजेपी समर्थित गीता कैलाश रघुवंशी निर्वाचित। गीता को मिले 11 वोट। पूर्व में भी बीजेपी के खाते में थी जिला पंचायत।