Udaipur. कांग्रेस (Congress राष्ट्रीय अध्यक्ष) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 13 मई को उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर (Nav Sankalp Chintan Shivir) का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में सोनिया ने नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी और उनके साथियों का मंत्र है मिनिमम गवर्नमेंट मैक्जिमम गवर्नमेंट और इसका मतलब है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना। अल्पसंख्यकों (Minorities) के प्रति क्रूरता दिखाना और राजनीतिक विरोधियों को धमकाना। जवाहरलाल नेहरू समेत अन्य नेताओं के योगदान, त्याग और उपलब्धियों को भुलाया जा रहा है। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारों को महिमामंडित किया जा रहा है।
Congress President Smt. Sonia Gandhi, Shri @RahulGandhi and senior Congress leaders & members from across the nation at the 'Nav Sankalp Chintan Shivir - 2022'.#NavSankalpShivir pic.twitter.com/63jTWwDATv
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
सामूहिक प्रयासों से होगा पार्टी का उत्थान
पार्टी की नेता ने कहा कि आज हमारे सामने असाधारण परिस्थितियां हैं और इनका मुकाबला असाधारण तरीकों से ही किया जा सकता है। हर संगठन को जीवित रहने, बढ़ने के लिए अपने अंदर पैनापन लाना होता है। हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। हमें रणनीतिक बदलाव, ढांचागत सुधार और रोजाना काम करने के तरीकों में बदलाव लेकर आना है। हमारा उत्थान सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा। ये प्रयास आगे टाले नहीं जा सकते।
Public sector companies built-up with such careful planning, with economic and social objectives in mind, by earlier Congress govt are now being privatised with vengeance.
: Congress President Smt. Sonia Gandhi#NavSankalpShivir pic.twitter.com/WtJkfRVAmk
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अल्पसंख्यकों के साथ क्रूर व्यवहार
नव संकल्प चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोगों से कर्ज उतारने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारे लंबे और सुनहरे इतिहास में आज एक ऐसा समय आया है, जब हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन के हितों के अधीन रखना होगा। पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है। अब कर्ज उतारने का समय है। मैं समझती हूं इससे आवश्यक और कुछ नहीं है। सोनिया गांधी ने बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर अल्पसंख्यकों के साथ क्रूर व्यवहार करने और महात्मा गांधी के हत्यारों को महिमामंडित करने का आरोप लगाया।
(Modi govt's governance) means more empty slogans, diversionary tactics, and utter silence on the part of ever-so-eloquent PM when the healing touch is most needed.
: Congress President Smt. Sonia Gandhi#NavSankalpShivir pic.twitter.com/l37qdihwBk
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
जवाहरलाल नेहरू को लेकर क्या कहा
सोनिया गांधी ने बीजेपी पर राजनीतिक विरोधियों को धमकाने और देश में डर का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीतियों का मतलब लोगों को बांटना और एकता और विभिन्नता के विचार को ख़त्म करना है। साथ ही राजनीतिक विरोधियों को धमकाना, उनकी छवि ख़राब करना, छोटी-छोटी बातों के लिए जेल में डालना और उनके ख़िलाफ़ जांच एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल करना है। इसका मतलब है लोकतंत्र की सभी संस्थाओं की स्वतंत्रता को ख़त्म करना। हमारे नेताओं, ख़ासतौर पर जवाहरलाल नेहरू का लगातार अपमान करना। उनके योगदान, उपलब्धियों और त्याग को व्यवस्थित तरीक़े से नकारते जाना।
It means keeping the country in a state of permanent polarisation. Compelling people to live in a constant state of fear and insecurity.
: Congress President Smt. Sonia Gandhi#NavSankalpShivir pic.twitter.com/bJVwOHsdrv
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
सोनिया गांधी ने पार्टी में सख्त जरूरी बदलावों की बात भी की। उन्होंने कहा कि हर संगठन को ना केवल जीवित रहने के लिए बल्कि बदलने के लिए समय समय पर अपने अंदर परिवर्तन लाने होते हैं। हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। रणनीति में बदलाव, सुधार और रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है। इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करना होगा।
सोनिया गांधी ने चुनावों में लगातार मिल रही हार पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हाल ही में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं। लोगों की हमसे जो उम्मीदें है उनसे हम अनजान नहीं हैं। व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्रण लेने के लिए एकत्रित हुए हैं कि देश की राजनीति में अपनी पार्टी को उसी भूमिका में लाएंगे जो भूमिका पार्टी ने सदैव निभाई है।
अपनों को भी दी नसीहत
सोनिया ने यह भी कहा कि हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं। हर संगठन को न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि बढ़ने के लिए भी समय-समय पर अपने अंदर परिवर्तन लाने होते हैं। रणनीति में बदलाव, सुधार और रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन लाना पड़ता है। यह सबसे बुनियादी मुद्दा है। यह शिविर इस दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन हितों के अधीन रखना होगा। मैं आप सबसे आग्रह करती हूं कि अपने विचार खुलकर रखे। मगर बाहर सिर्फ एक ही संदेश जाना चाहिए संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश। हाल ही में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं। न ही हम बेखबर हैं उस संघर्ष की कठिनाइयों से, जिनसे हमें जीतना है।