REWA: विन्ध्य BJP की राजनीति में घमासान, जिला पंचायत के शपथ समारोह में स्पीकर नहीं गए, कहा चपरासी ने फोन पर आमंत्रण दिया था इसलिए!

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The Sootr CG
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REWA: विन्ध्य BJP की राजनीति में घमासान, जिला पंचायत के शपथ समारोह में स्पीकर नहीं गए, कहा चपरासी ने फोन पर आमंत्रण दिया था इसलिए!

Rewa.रीवा की हाईवेल्टेज राजनीति(High voltage politics of Rewa) में स्पीकर गिरीश गौतम(Speaker Girish Gautam) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। इस बार का सबब है कि वे 8 अगस्त को जिला पंचायत के शपथ समारोह में नहीं गए। आमंत्रण पत्र में वे विशिष्ट अतिथि के तौर पर दर्ज थे और बैकड्रॉप(backdrop) में उनकी बड़ी तस्वीर भी लगी थी। स्पीकर गौतम ने इस पर कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुझे एक चपरासी से फोन करवाया गया। इसमें दूसरा पहलू यह कि गिरीश गौतम रीवा की राजनीति में निहायत अलग-थलग पड़ गए। जिला पंचायत में बेटे राहुल गौतम(Rahul Gautam) को मिली करारी हार के बाद स्थानीय निकाय व पंचायत के चुनाव में भी किसी ने उनसे नहीं पूछा। 8 अगस्त को शहर के ऐतिहासिक पद्मधर पार्क में जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व सदस्यों का शपथ समारोह था। गिरीश गौतम को छोड़ सभी विधायक उपस्थित रहे। आयोजन पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल(Former Minister Rajendra Shukla) के मुख्य आतिथ्य और वरिष्ठ विधायक नागेन्द्र सिंह(Senior MLA Nagendra Singh) की अध्यक्षता में हुआ। जिला पंचायत में बीजेपी समर्थक(BJP supporters) अल्पमत में जीते थे बावजूद इसके राजेन्द्र शुक्ल और नागेन्द्र सिंह ने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बीजेपी के निर्वाचित करवा लिए।



अलग-थलग पड़े



जिला पंचायत के चुनाव में शुरुआत में सबसे ज्यादा दखल रखने वाले गौतम अंत तक आते आते अलग-थलग पड़ गए।  वजह न उनके बेटे राहुल गौतम जीत पाए और न ही कोई अन्य समर्थक। एक निर्दलीय सदस्य बूटी कोल को वे बीजेपी में लाकर अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाने की पहल की पर उन्हें किसी ने भाव ही नहीं दिया। बीजेपी की इस अंदरूनी राजनीति का प्रकटीकरण 8 अगस्त को तब हुआ जब समारोह में बुलाए जाने के बाद भी स्पीकर गिरीश गौतम नहीं पहुंचे। जब गौतम से मीडिया ने इसकी कैफियत पूछी तो उनका दर्द छलककर सामने आया। मीडिया में छपे उनके बयान के अनुसार- " एक दिन पूर्व जिला पंचायत के चपरासी द्वारा फोन पर जानकारी दी गई थी कि उन्हें विशिष्ट अतिथि बनाया गया है। उनका निमंत्रण पत्र घर पहुंचा दिया गया है, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी, कलेक्टर या जिपं सीईओ द्वारा न तो उन्हें फोन पर सूचना दी गई न ही यह जानकारी दी गई कि उन्हें विशिष्ट अतिथि बनाया गया है। मुझे ताज्जुब है कि भोपाल में पीएस, सीएस बात करते हैं लेकिन कलेक्टर ने बात नहीं की। स्पीकर गिरीश गौतम के बयान के साथ ही कलेक्टर मनोज पुष्प की भी सफाई मीडिया में छपी है।



कलेक्टर ने दी ये सफाई



कलेक्टर पुष्प सीधे कहते हैं कि स्पीकर क्यों नहीं आए जिला पंचायत से पूछिए..। जिला पंचायत के प्रथम सम्मिलन में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह था। विशिष्ट अतिथि विधानसभा अध्यक्ष को बनाया गया था, यह कार्ड में भी छपा है। रही बात समारोह में उनके न आने की तो इसकी जानकारी जिला पंचायत से ली जा सकती है। जिला पंचायत के सीईओ स्वप्निल वानखेड़े कहते हैं कि मेरे द्वारा सभी विधायकों एवं सांसद सहित विधानसभा अध्यक्ष को सूचना दी गई थी। यह सही है कि मैंने फोन पर उनसे बात नहीं की परंतु आमंत्रण पत्र उनके घर भिजवा दिया था। उन्हें सूचना के लिए अधिकारियों को बताया गया था। उन्हें इसकी सूचना भी दी गई कि यह एक शासकीय कार्यक्रम है। इस पूरे प्रकरण को जहां विन्ध्य की बीजेपी की राजनीति में एक नया टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है वहीं स्पीकर गौतम ने इसे अपनी प्रतिष्ठा व प्रोटोकॉल के साथ जोड़ लिया है।


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