REWA. मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपने निज सचिव अवधेश तिवारी को हटा दिया है। अध्यक्ष ने यह कदम पीए के सरपंच पद को लेकर विवाद के बाद उठाया। आरोप है कि अवधेश तिवारी ने ग्राम पंचायत सूरा में अपने पदों का इस्तेमाल कर पत्नी को सरपंच बनवा दिया। हालांकि श्री तिवारी ने उक्त आरोप को निराधार बताया गौरतलब है कि गिरीश गौतम जब विधानसभा अध्यक्ष बने तब अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए अवधेश तिवारी को निजी सचिव नियुक्त किया। तब से वे लगातार दायित्वों का निर्वहन करते रहे हैं। हालांकि विधानसभा के स्थायी कर्मचारियों के कॉकस से अवधेश को चुनौती मिलती रही है। इस कार्यवाही के पीछे भी उन्हीं कर्मचारियों का हाथ बताया जा रहा है जिनसे अवधेश तालमेल नहीं बिठा पाए थे। पत्नी का सरपंच चुना जाना एक बहाना है।
20 वोट से पीछे फिर 3 वोट से जीती
विधानसभा अध्यक्ष के साथ ही उनके निज सचिव अवधेश तिवारी का समय ठीक नहीं चल रहा है, वैसे अवधेश पत्नी कृष्णा तिवारी को सरपंच बनवाने में कामयाब हो गए लेकिन खुद प्रधानी हथियाने में इस कदर घुसे कि उनको अपने पद से हाथ धोना पड़ गया। जबकि अध्यक्ष पुत्र राहुल गौतम की हार नहीं टाल पाए। आरोप है कि ग्राम पंचायत सूरा के चुनाव में अवधेश तिवारी की पत्नी सरपंच पद की प्रत्याशी थीं। 1 जुलाई को वहां मतदान कराया गया और बाद में मतपत्रों की गणना हुई। बताया जाता है कि गणना में अवधेश तिवारी की पत्नी पिछड़ गई। लिहाजा दोबारा तिबारा गणना कराई जिसमें 20 वोट से पीछे रहने वाली सचिव की पत्नी कृष्णा तिवारी 3 वोट से विजेता घोषित हो गई। यह बात लीक हो गई जिसके कारण प्रधानी पाकर भी वे बाहर हो गए। अब अवधेश तिवारी विस अध्यक्ष के निज सचिव नहीं हैं। सूरा निवासी मोले द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि अवधेश तिवारी की पत्नी 20 वोट से चुनाव हार गई थीं। दोबारा गणना होने पर 7 वोट से पीछे रहीं, फिर तीसरी गणना में 3 वोट से बढ़त बना ली।
पुनर्गणना का आवेदन नहीं फिर किस बात की गिनती
अवधेश तिवारी का कहना है कि उन्होंने 1 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे पद में रहते हुए पत्नी के चुनाव में काम नहीं कर पाते यह पत्र अब वायरल हो रहा है इसके बारे में कुछ पता नहीं है।पुनर्गणना को ले अवधेश का कहना है कि मेरी पत्नी पहले ही जीत चुकी थी दोबारा मतों की गिनती के लिए किसी ने कोई आवेदन नहीं दिया तो पुनर्गणना का सवाल ही नहीं पैदा होता। यह सब तथ्यहीन बातें हैं। श्री तिवारी ने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर इसे गलत रूप में पेश कर रहे हैं।