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DELHI. यूपी में 10 सितंबर से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू होगा। राज्य में मदरसों के सर्वे करने की शुरूआत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे। इनके साथ शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी रहेंगे। इसको लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो चुका है। पहले मदरसे के मुद्दे पर BSP प्रमुख मायावती ने सरकार पर निशाना साधा था। अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर हमला बोला है। 25 अक्टूबर तक शासन को सर्वे की रिपोर्ट भेजी जाएगी। यूपी में अभी कुल 16,461 मदरसे हैं। इनमें से 560 को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है।
1. मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन व अतंकित करने (Muslim teasing) का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) September 9, 2022
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही है। वहीं, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। बोर्ड का कहना है कि जानबूझकर अल्पसंख्यक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है। एआईएमआईएम जैसे विपक्षी दलों ने सर्वे को 'मिनी-एनआरसी' (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर) करार दिया और कहा कि राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत मदरसों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
भाजपा शासित राज्यों में #मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलज़ाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं। सच्चाई कुछ और है... https://t.co/GSE01iNIye
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 3, 2022
मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया था कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा।