SIDHI. नगर पालिका सहित नगर पंचायतों के प्रथम सम्मिलन की तिथि निश्चित हो गयी है l साथ ही यह भी तय है कि किस दल का अध्यक्ष बनेगा इसके बाद भी भाजपा, कांग्रेस को क्रास वोटिंग का डर सता रहा है l पार्षदों की स्पष्ट तस्वीर के बाद भी जोड़ तोड़ की कोशिश निकाय अध्यक्ष चुनाव की कहानी में मोड़ ला सकती है l अध्यक्ष चुनाव में अभी हफ्ते भर का समय है l नगर पालिका सीधी, नगर पंचायत चुरहट, रामपुर नैकिन, मझौली में अध्यक्षों के चुनाव के लिए प्रथम सम्मिलन की तिथि कलेक्टर ने घोषित कर दी हैं l अगले 10 अगस्त को मझौली, रामपुर नैकिन में अध्यक्ष का चुनाव होगा तो 12 को सीधी, चुरहट में सुबह 11 बजे से चुनाव कराया जायेगा, इसके लिए अधिकारी भी नियुक्त किये जा चुके हैं l जीते पार्षदों के हिसाब से देखा जाय तो यह भी तय है की किस निकाय में किस दल का अध्यक्ष बनेगा पर इस सबके बाद भी दोनों दलों को सेंधमारी का डर सता रहा है l
सीधी में कम पार्षद फिर भी जुगाड़ में जुटी है भाजपा
नगर पालिका सीधी में सम्पन्न चुनाव में लाख प्रयास बाद भी भाजपा के 6 पार्षद ही चुनाव जीत सके हैं l उधर कांग्रेस के 14 तो एक आप का और तीन निर्दलीय चुनाव जीते हैं l जनपद और निकाय चुनाव में भद्द होने से स्थानीय भाजपा नेताओं की काफी किरकिरी हो रही है lइसीलिए कोशिश की जा रही की जोर जुगत से ही सही निकाय अध्यक्ष ज्यादा बन जाएं लेकिन सीधी नगर पालिका में भाजपा का अध्यक्ष निर्वाचित होगा ही अभी टेढ़ी खीर दिख रहा है l कारण यह की भाजपा को अध्यक्ष पद हासिल करने कम से कम सात पार्षदों का जुगाड़ करना होगा l एक आप सहित तीन निर्दलीय साथ आ भी गए तो कांग्रेस के तीन पार्षदों की फिर भी जरूरत पड़ेगी, यह तभी सम्भव होगा जब क्रास वोटिंग हो या सरेआम टूट कर भाजपा में आ जाएं l हालाँकि जिस तरह से कोशिश जारी है उससे कुछ भी हो सकता है l कांग्रेस इसी तोड़ भांज को लेकर चिंतित है और अपने पार्षदों को एकजुट रखने में लगी हुई है l
रामपुर नैकिन में एक पार्षद का गेम
नगर पंचायत रामपुर नैकिन में केवल एक पार्षद का गेम है, कांग्रेस यदि मैनेज कर गयी तो उसका अध्यक्ष वरना यहां भाजपा बढ़त में तो है ही l बता दें की रामपुर नैकिन में आठ पार्षद भाजपा के हैं तो सात कांग्रेस के, जीत हार का फासला केवल एक वोट का है l यद्यपि अभी जो स्थिति है उसमे भाजपा का अध्यक्ष बन रहा है पर सीधी में भाजपा की तरह यहां कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने जुगाड़ बैठा रही है l चुरहट और मझौली में जोर जुगत की सम्भावना कम ही है क्योंकि यहां एक दूसरे दल के जीते पार्षदों की संख्या में इतना ज्यादा अंतर है जिसे कोई भी जुगाड़ कम नहीं कर सकता l
चार जनपदों में हारी भाजपा फिर भी नहीं चेते
जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को मुँह की खानी पड़ी है l संगठन और जन प्रतिनिधियो के आपसी गुटबाजी का नतीजा रहा की कांग्रेस पांच में से चार अध्यक्ष बना ले गई l यह तो अच्छा था की सीधी जनपद में विधायक केदारनाथ शुक्ला की चल गई वरना यहां से भी हाथ धोना पड़ता l दरअसल में भाजपा नेताओं में आपसी सामंजस्य न होने से दूसरे फायदा उठा रहे हैं और किरकिरी नीचे से लेकर ऊपर तक हो रही है l आगे के चुनाव में भी यही हश्र हो कहा नहीं जा सकता कारण यह की इसके बाद भी भाजपा नेता न तो चेते हैं और न ही सामंजस्य बनाने का प्रयास करते दिख रहे हैं l