NEW DELHI. मल्लिकार्जुन खड़गे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर को 1072 वोट मिले। वहीं, 416 वोट अमान्य हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को हुई वोटिंग में कुल 9385 डेलिगेट्स ने वोट डाले थे। कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला। इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे। सोनिया 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी के पद से हटने के बाद अंतरिम अध्यक्ष थीं।
नतीजों से पहले ही एक घटनाक्रम और हुआ। राहुल गांधी ने बता दिया कि नया अध्यक्ष कौन होगा। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल ने 19 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान जब मीडिया ने कांग्रेस में उनके भावी रोल पर सवाल किया तो राहुल ने जवाब दिया- खड़गेजी से पूछो, वही तय करेंगे मेरा रोल।
थरूर के पोलिंग एजेंट ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जारी वोटों की गिनती के बीच शशि थरूर के पोलिंग एजेंट सलमान सोज ने ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सूत्रों के अनुसार सलमान सोज ने तीन राज्यों पंजाब, यूपी, तेलंगाना में चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि चुनावी प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए सलमान सोज ने कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को चिट्ठी भी लिखी।
नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का पहाड़
1. गुटबाजी खत्म करना होगी
कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने पार्टी की गुटबाजी को खत्म करने और नेताओं को एकजुट करने की चुनौती होगी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हार मिली। विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ। कई नाराज विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरना और गुटबाजी को खत्म करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
2. राजस्थान के मसले को सुलझाना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम सामने आते ही राजस्थान कांग्रेस में हलचल बढ़ जाएगी। पिछले महीने राजस्थान में विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और इस्तीफों पर आने वाले दिनों में बड़ी उठापटक की संभावनाएं जताई जा रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक राजस्थान में यथास्थिति बरकरार रहेगी। चुनाव होते ही राजस्थान पर कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है।
3. पार्टी को मजबूत करना और बीजेपी से टक्कर लेना
कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने बिखरी हुई पस्त पार्टी को फिर से खड़ा करने की चुनौती होगी। क्योंकि सामना मजबूत संगठन वाली बीजेपी से है। पार्टी की हालत फिलहाल खस्ताहाल है। अगले चुनाव में प्रदर्शन सुधारने की भी चुनौती होगी। इसके साथ ही बीजेपी को राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के अखाड़े में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कोई तरीका निकालना होगा।
4. गुजरात और हिमाचल चुनाव पहली परीक्षा
कांग्रेस के नए बॉस के सामने 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सुधारने की चुनौती होगी। गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव नए अध्यक्ष की पहली परीक्षा होगी। देश में कांग्रेस को पिछड़े और दलित वर्ग के वोटरों को साधने के लिए रणनीति बनानी होगी।
5. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद संगठन में होंगे बदलाव
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद संगठन में कई बदलाव हो सकते हैं। कई कांग्रेसियों का कहना है कि राज्य की कमेटियों में चेहरे बदले जा सकते हैं। आलाकमान के साथ मिलकर कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी के हित में कई महत्वपूर्ण और सख्त कदम भी उठाने होंगे।