REWA: भाजपा-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला, 62.07 फीसदी पड़े वोट 

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Rakesh Mishra
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REWA: भाजपा-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला, 62.07 फीसदी पड़े वोट 

REWA. नगर पालिक निगम रीवा के महापौर और पार्षदों के पद के लिये डाले गए वोट और मतदान केन्द्रों के मिले रुझान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़े संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं। बुधवार को सुबह 7 से 5 बजे के बीच शहर सरकार के लिये 62.07 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया। छिटपुट घटनाओं अलावा आम तौर पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। इस बीच जिले की 9 नगर परिषदों में भी मतदान कराया गया। नगर निगम और नगर परिषदों का परिणाम फिलहाल ईवीएम में कैद हो गया है। जीत-हार का फैसला 20 जुलाई को सामने आयेगा। जिला निर्वाचन कार्यालय के हवाले से बताया गया है कि नगरीय निकाय के दूसरे और अंतिम चरण में बुधवार को नगर पालिक निगम रीवा में महापौर और पार्षद पद के लिये वोट डाले गये अंतिम आंकड़ों के अनुसार 64.25 फीसदी पुरुष और 59.72 फीसदी महिला मतदाताओं ने वोट डाले है। 





मतदान के बाद अटकलों का दौर शुरू 





नगर निगम रीवा में मतदान के बाद अब सियासी हल्को में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस दोनों दलों के नेता मतदाताओं के रुझानों के आधार पर जीत-हार का आकलन करने लगे है। जानकारों के अनुसार इस मर्तबा नगर निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर है। दोनों ही दलों के अपने जीत-हार के दावे है. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पहली बार चुनाव में भाजपा को सीधा और कड़ा टक्कर देते नजर आ रही है। 





दोनों दलों का बदला चरित्र 





नगर निगम चुनाव में मतदान के बाद पहली बार राजनीतिक गतिविधियों में बदलाव नजर आया. कांग्रेस पार्टी जहां संगठित और रणनीतिक तरीके से मेयर पद पर भाजपा को चुनौती दी। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आपसी खींचतान गुटबाजी चरम पर दिखी, जो पहले कांग्रेस में नजर आती थी। आलम यह था कि नगर निगम का चुनाव पूरी तरह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा बनाम पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला बन गया। टिकट वितरण को लेकर चुनाव प्रचार तक राजेन्द्र शुक्ला जूझते नजर आये. उन्हे कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के अन्दर उपजे असंतोष से भी संघर्ष करना पड़ा जबकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के नगरीय निकाय चुनाव में नियुक्त संगठन प्रभारी प्रताप भानू शर्मा के रणनीतिक सूझबूझ के कारण कांग्रेस में नेताओं के आपसी मनमुटाव और गुटबाजी का प्रभाव कहीं देखने को नहीं मिला।  कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी भाजपा की तर्ज पर नगर निगम चुनाव लड़ी जबकि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की तर्ज पर चुनाव लड़ी। माना जा रहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस जीती तो राजेंद्र शुक्ला के सिर पर हार का ठीकरा फूटना तय है और यदि वे भाजपा की नैया पार लगा गए तो उन्हें लेकर भारतीय जनता पार्टी में जो असंतोष और भितरघात के सूत्रधार हैं उनसे बड़ी राहत मिलेगी। 







नगर परिषदों में बम्पर वोटिंग 





बुधवार को ही 9 नगर परिषदों में मतदान कराया गया। इस दौरान नगर निगम के मुकाबले नगर परिषदों में बम्पर वोटिंग देखने को मिली। रीवा जिले के बैकुंठपुर करीब 80 फीसदी, चाकघाट में 75 फीसदी, डभौरा में 69 फीसदी, गोविन्दगढ़ और गुढ़ में 76 फीसदी, मनगवां में 81 फीसदी, सेमरिया में 80 फीसदी, सिरमौर में 79 फीसदी और त्योंथर में करीब 75 फीसदी वोट पड़े। नगर परिषदों की औसत वोटिंग 67.27 फीसदी रही



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