सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह का 82 की उम्र में मेदांता अस्पताल में निधन, कल सैफई में होगा अंतिम संस्कार

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Shivasheesh Tiwari
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सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह का 82 की उम्र में मेदांता अस्पताल में निधन, कल सैफई में होगा अंतिम संस्कार

DELHI. समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज यानी 10 अक्टूबर को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार को सुबह 8.16 बजे आखिरी सांस ली। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। पहलवान और टीचर रहे नेताजी ने लंबी सियासी पारी खेली। वह देश के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे। उन्होंने तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। केंद्र सरकार में भी रक्षा मंत्री रहे। 82 साल के मुलायम सिंह यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 2 अक्टूबर को ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद ICU में शिफ्ट किया गया था। कल यानी 11 अक्टूबर को सैफई में नेताजी का अंतिम संस्कार होगा।







— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 10, 2022





कोरोना की जंग जीते, इसी साल जुलाई से अस्पताल आना-जाना लगा रहा





मुलायम सिंह यादव दो साल से बीमार चल रहे थे। अगस्त 2020 में पेट दर्द के चलते मेदांता में भर्ती कराए गए थे। जांच में यूरिन इन्फेक्शन का पता चला था। अक्टूबर 2020 में मुलायम कोरोना पॉजिटिव भी हो गए थे, हालांकि उन्होंने वैक्सीन लगवाई थी। 1 जुलाई 2021 को मुलायम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ी थी, तब उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 जून 2022 को भी मुलायम मेदांता में भर्ती हुए थे। जांच के बाद उन्हें उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया था। 24 जून 2022 को रूटीन चेकअप के लिए मुलायम सिंह यादव मेदांता गए थे। तबीयत खराब होने पर उन्हें 2 दिन के लिए भर्ती किया गया था। 13 अगस्त 2022 को भी मुलायम को मेदांता में भर्ती कराया गया था। 5 सितंबर 2022 को भी मुलायम सिंह को मेदांता में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उन्हें 26 सितंबर 2022 को आखिरी बार चेकअप के लिए मुलायम सिंह यादव मेदांता पहुंचे थे। तब से वे आखिर तक वहीं भर्ती थे।





8 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे





मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। उनके पिता सुघर सिंह यादव एक किसान थे। मुलायम सिंह मौजूदा वक्त में मुलायम सिंह मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद थे। उत्तर प्रदेश की राजनीति हो देश की राजनीति, मुलायम सिंह यादव को प्रमुख नेताओं में गिना जाता हैं। वे तीन बार यूपी के सीएम और केंद्र की संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे। इसके अलावा मुलायम सिंह 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद भी चुने गए। मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया। वे अखिलेश की मां थीं। मुलायम ने दूसरी शादी साधना गुप्ता से की। मुलायम सिंह और साधना के बेटे का नाम प्रतीक यादव है। हाल ही में साधना का निधन हो गया था। 





मुलायम सिंह का 5 दशक का राजनीतिक करियर







  • 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में 8 बार विधायक रहे। 



  • 1977 उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारी और पशुपालन मंत्री रहे। लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे। 


  • 1980 में जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 


  • 1982-85- विधानपरिषद के सदस्य रहे। 


  • 1985-87- उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। 


  • 1989-91 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 


  • 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया।


  • 1993-95- उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। 


  • 1996- सांसद चुने गए।


  • 1996-98- संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षा मंत्री रहे। 


  • 1998-99 में दोबारा सांसद चुने गए। 


  • 1999 में तीसरी बार सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे और सदन में सपा के नेता बने। 


  • अगस्त 2003 से मई 2007 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने। 


  • 2004 में चौथी बार लोकसभा सांसद बने। 


  • 2007-2009 तक यूपी में विपक्ष के नेता रहे।


  • मई 2009 में 5वीं बार सांसद बने। 


  • 2014 में 6वीं बार संसद पहुंचे।


  • 2019 से 7वीं बार मैनपुरी से सांसद चुने गए।






  • नेताजी के निधन पर मोदी ने लिखा- आपातकाल में वे लोकतंत्र के प्रमुख सैनिक थे





    मुलायम सिंह यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। लिखा- 'मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वे आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे। जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।' 





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