Lakhimpur. लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के तेवर आज भी ढीले नहीं पड़े हैं। एक नए वीडियो से इस बात की पुष्टि हुई है। 10 मई को लखीमपुर कोर्ट में पेशी पर जाते हुए आरोपी फुल टशन में दिखाई दिया। वह पुलिस कस्टडी में भी मीडिया के कैमरों को देखते ही मूंछों पर ताव देता नजर आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दी थी, जिसके बाद किसान पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुरखीरी हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने बीते माह निचली में सरेंडर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आशीष मिश्रा के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि शीर्ष अदालत से आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई थी। फिलहाल आशीष मिश्रा जेल में है। उसे आज सीजेएम कोर्ट में पुलिस कस्टडी में पेशी पर लाया गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दोबारा होगी सुनवाई
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान केस दर्ज होने पर लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू ने 4 माह जेल में बिताए थे। फिर इसी साल 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को मिली जमानत रद्द कर दी थी, तो फिर उसने आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि, अब फिर मुख्य आरोपी ने जमानत के लिए उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन 9 मई को ही उसकी जमानत अर्जी जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच ने 25 मई तक टाल दी।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़क पर उतर प्रदर्शन कर रहे थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को तब बनबीरपुर गांव जाने वाले थे। नए कृषि कानूनों को लेकर डिप्टी सीएम के विरोध में किसान सड़क पर उतर आए थे। इस दौरान किसानों को गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की तेज रफ्तार महिंद्रा थार ने रौंद दिया जिससे चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। घटना के बाद आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने थार के चालक समेत 3 लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में कुल 8 लोग मारे गए थे। चश्मदीदों ने दावा किया था कि मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष भी एक वाहन में सवार था।