ग्वालियर. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने गुना सांसद केपी यादव (KP Yadav) के आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। सिंधिया ने केपी यादव को अपने परिवार का सदस्य बताया। सिंधिया ने कहा कि केपी यादव मेरे परिवार का सदस्य हैं, क्योंकि BJP का हर कार्यकर्ता हमारा सदस्य है और इन सभी को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। सिंधिया ने 27 जनवरी को ग्वालियर में ये बयान देकर दोनों के बीच दूरियां कम करने की कोशिश की है। कुछ दिनों पहले केपी ने जेपी नड्डा (JP Nadda) को पत्र लिखकर सिंधिया समर्थकों के व्यवहार के खिलाफ अपना दर्द बयां किया था।
जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिए: सिंधिया ने कहा कि एक-दूसरे के साथ जो मिलन की कमी है वह भी पूरी होनी चाहिए। पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में जो जिम्मेदारी मिली है उसे हमें मिलकर पूरा करना चाहिए। गौरतलब है कि सिंधिया को अपने ही गढ़ गुना में हार का स्वाद चखाने वाले केपी यादव ने हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया था।
केपी यादव ने कहा था कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों और उनके समर्थक नेता पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत परंपरा के चल रहे हैं। इस कारण कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा हो रहा है। सिंधिया समर्थक नेताओं द्वारा पार्टी के कार्यक्रमों में मेरी और निष्ठावान पदाधिकारियों की उपेक्षा की जा रही है। यहां तक कि कार्यक्रमों में आमंत्रण तक नहीं दिया जाता है।
शिलापटि्टका में नाम नहीं: केपी ने आरोप लगाया था कि न तो उन्हें कार्यक्रमों में बुलाया जा रहा है और न ही प्रोटोकॉल के तहत उद्घाटन, लोकार्पण के कार्यों में लगने वाली शिलापटि्टका में उनका नाम अंकित किया जा रहा है। जो काम उनके सहयोग से क्षेत्र में हुए हैं उन्हें उसका भी श्रेय नहीं दिया जा रहा है। इसके चिट्ठी में दोनों नेताओं के बीच रार खुलकर सामने आई थी। मामले को लेकर सिंधिया समर्थकों ने भी केपी यादव के खिलाफ पत्र लिखा था।