BHOPAL. 'मुझे कतई अहम नहीं कि मैं ही योग्य हूं, कभी नहीं सोचा था कि CM बनूंगा; पार्टी कहेगी तो दरी बिछाने का काम भी करूंगा', सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये बातें एक इंटरव्यू के दौरान कहीं। बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बाद सीएम शिवराज का पहला बयान सामने आया है। उनका कहना है कि पार्टी कहेगी तो वे दरी बिछाने का काम भी राष्ट्र हित में करने के लिए तैयार हैं। वे बीजेपी के एक कार्यकर्ता हैं। उन्हें जो काम दिया जाएगा वो जरूर करेंगे। उन्हें ये कतई अहम नहीं है कि वे ही योग्य हैं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे सीएम बनेंगे।
“मुझे पार्टी दरी बिछाने का कहेगी तो बिछाऊँगा , जैत में रहने का कहेगी तो वहाँ रहने चले जाऊँगा “
निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा की करारी हार के रुझान जारी…
भविष्य की तैयारियाँ… pic.twitter.com/uy38PDFsO4
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 20, 2022
पार्टी जो कहेगी वो करूंगा-सीएम शिवराज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पार्टी कहेगी जैत में रहो तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। पार्टी कहेगी तो राष्ट्र हित में दरी बिछाने का काम भी करूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होनी चाहिए। स्वार्थी नहीं होना चाहिए। मैं स्वार्थी नहीं बन सकता।
सीएम शिवराज के बयान पर कांग्रेस का तंज
सीएम शिवराज के दरी बिछाने के बयान को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर लिखा है कि निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा की करारी हार के रुझान जारी हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान भविष्य की तैयारियां कर रहे हैं।
'कभी नहीं सोचा था सीएम बनूंगा'
सीएम शिवराज ने कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। एक बड़े लक्ष्य को सामने रखकर सालों से काम कर रहे हैं। जब काम करना शुरू किया था तो मुझे नहीं पता था कि MLA भी बनूंगा। 17 साल की उम्र में मैं आपातकाल का विरोध करने पर जेल चला गया था। 1974 में जेपी मूवमेंट से जुड़ गया था उसके बाद विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता रहा। कभी सोचा नहीं था कि विधायक, सांसद या मंत्री बनूंगा। सीएम बनने का तो कभी सोच ही नहीं सकता था।
17 अगस्त को हुआ था संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन
17 अगस्त को बीजेपी ने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था जिसमें कुछ नए चेहरों की जगह दी गई है। वहीं एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर कर दिया गया था। सीएम शिवराज पिछले 9 सालों से संसदीय बोर्ड के सदस्य थे। मध्यप्रदेश से दलित नेता सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है। जटिया उज्जैन से 7 बार सांसद रहे और संघ के करीबी माने जाते हैं।