शपथ लेने के 24 घंटे में ही अजीत खेमे में सेंध, सांसद अमोल कोल्हे बोले- मैं शरद पवार के साथ 

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BP Shrivastava
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शपथ लेने के 24 घंटे में ही अजीत खेमे में सेंध, सांसद अमोल कोल्हे बोले- मैं शरद पवार के साथ 

MUMBAI. महाराष्ट्र में एनसीपी में टूट के बाद लगातार घटनाक्रम बदल रहे हैं। इसी दौरान अजीत पवार को शपथ लिए अभी चौबीस घंटे भी नहीं हुए थे कि उनके खेमे में सेंध लगती नजर आ रही है। एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे ने पाला बदलते हुए कहा है कि वह शरद पवार के साथ में हैं। कोल्हे वही सांसद हैं जो रविवार (2 जुलाई) को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नजर आए थे। कोल्हे का पाला बदलना अजीत पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 



अमोल कोल्हे का ट्वीट




— Dr.Amol Kolhe (@kolhe_amol) July 3, 2023



शिरूर से एनसीपी के लोकसभा सांसद अमोल कोल्हे ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'जब दिल और दिमाग में जंग हो तो दिल की सुनो। शायद दिमाग कभी कभी नैतिकता भूल जाता है … पर दिल कभी नहीं।' इस ट्वीट में उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सांसद सुप्रिया सुले, विधायक जंयत पाटिल और जितेन्द्र आव्हाण को भी टैग किया है। 



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अजीत बोले सभी नेताओं का समर्थन मेरे साथ



एनसीपी में कलह के बाद अजीत पवार गुट ने दावा किया है कि उन्हें लगभग सभी विधायकों और नेताओं का समर्थन प्राप्त है। अजित पवार ने भी रविवार, 2 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही बात कही, लेकिन असल में कई विधायकों और नेताओं ने शरद पवार के प्रति समर्थन भी जताया है। और कुछ ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। अगर अजीत पवार को पार्टी के एक तिहाई विधायकों का समर्थन मिल जाता है तो उनके लिए पार्टी और सिंबल पर दावा करना आसान हो जाएगा। इसलिए दोनों गुटों की ताकत यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।



अजीत का दावा 40 का अभी साथ आए सिर्फ 24 विधायक



दल बदल कानून पर खरा उतरने के लिए दो तिहाई विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। वर्तमान में एनसीपी में कुल 53 विधायक हैं। इस हिसाब से अजीत पवार को करीब 36 विधायकों की दरकार है। अजीत एनसीपी के 40 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। वास्तविक स्थिति में अजीत पवार को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 24 है यानी अभी उन्हें 12 विधायकों की और जरूरत है। शरद पवार के साथ 14 विधायक हैं जबकि 15 विधायकों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। शायद, वे स्थिति के भांप रहे हैं।



अभी तक की स्थिति



अभी तक जो स्थित नजर आ रही है, उसके मुताबिक, अजीत पवार को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 24 है जबकि शरद पवार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 14 है। वहीं 15 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।



उन विधायकों की सूची जो अजीत पवार के साथ हैं और उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली




  • अजित पवार (बारामती)


  • धनंजय मुंडे (परली)

  • छगन भुजबल (येओला)

  • दिलीप वाल्से पाटिल (अंबेगांव)

  • अदिति तटकरे (श्रीवर्धन)

  • हसन मुशरिफ़ (कागल)

  • अनिल पाटिल (अमलनेर)

  • धर्मरावबाबा अत्राम (अहेरी)

  • संजय बनसोडे (उद्गीत)



  •  इन विधायकों ने अजीत पवार के प्रति समर्थन जताया




    • सुनील टिंगरे (वडगांव शेरी)


  • सुनील शेलके (मावल)

  • अतुल बेंके( जुन्नार)

  • अशोक पवार ( शिरूर)

  • सरोज अहिरे (देवलाली)

  • नरहरि जिरवाल ( डिंडोरी)

  • इंद्रनील नाइक (पुसद)

  • किरण लाहमाते (अकोले)

  • नीलेश लंके (पारनेर)

  • संग्राम जगताप (अहमदनगर शहर)

  • शेखर निकम (चिपलून)

  • दत्ता भरणे (इंडापुर)

  • अन्ना बंसोडे (पिंपरी)

  • माणिकराव कोकाटे (सिन्नर)

  • दीपक चव्हाण (फलटण)



  • इन विधायकों ने शरद पवार के प्रति समर्थन जताया




    • जयंत पाटिल (वालवा)


  • जीतेन्द्र आव्हाड( मुंब्रा)

  • अनिल देशमुख ( कटोल)

  • रोहित पवार ( कर्जत-जामखेड़)

  • प्राजक्त तनपुरे (राहुरी)

  • संदीप क्षीरसागर ( बीड शहर)

  • दौलत दरोदा  (शाहपुर)

  • नवाब मलिक (अणुशक्तिनगर)

  • मकरंद पाटिल (वाई)

  • मानसिंह नाइक (शिराला)

  • सुमनताई पाटिल (तासगांव)

  • बालासाहेब पाटिल (कराड उत्तर)

  • सुनील भुसारा (विक्रमगढ़)

  • चेतन तुपे ( हडपसर)



  • इन विधायकों ने अभी तक अपनी रणनीति तय नहीं की है




    • राजेंद्र शिंगणे (सिंदखेड राजा)


  • राजेंद्र कारेमोरे (तुमसर)

  • मनोहर चंद्रिकापुरे (अर्जुनी मोरगांव)

  • चंद्रकांत नवघरे (वसमत)

  • राजेश टोपे (घनसावंगी)

  • नितिन पवार (कलवान)

  • दिलीप बनकर (निफाड)

  • दिलीप मोहिते (खेद आलंदी)

  • आशुतोष काले (कोपरगांव)

  • प्रकाश सोलंखे (माजलगांव)

  • राजेश पाटिल (चांदगढ़)

  • यशवंत माने (मोहोल)

  • बबन शिंदे (माधा)

  • बाबासाहेब पाटिल (अहमदपुर)

  • बालासाहेब अजाबे (आष्टी)



  • अजीत पवार 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल



    लोकसभा चुनाव से पहले रविवार (2 जुलाई) को महाराष्ट्र की सियासत में उस समय हड़कंप मच गया जब एनसीपी के कद्दावर नेता अजीत पवार ने 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया। उन्होंने 8 विधायकों संग मंत्रीपद की शपथ ली और महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन गए। उनके इस कदम से एनसीपी और शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। अब एनसीपी ने अजीत पवार और उन 8 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है, जिन्होंने शिंदे सरकार में शपथ ली है।



    प्रफुल्ल पटेल बोले- पहले से प्लानिंग थी



    एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जो हुआ उसको लेकर पहले से बात चल रही थी और इसे लेकर प्लानिंग थी। उन्होंने ये साफ करने की कोशिश की रविवार को लिया गया फैसला सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि ये स्थिरता की बात थी और इससे कहीं अधिक ये फैसला महाराष्ट्र और राज्य के विकास के हित में लिया गया है। अजीत पवार के बगावती फैसले को लेकर अपनी राय पेश की और कहा कि शिवसेना और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है। इसमें कोई दोराय नहीं कि कुछ समय से एनसीपी में ये चर्चा जारी थी कि एनडीए में जाना चाहिए। इसलिए नहीं कि ये सत्ता की बात थी। शिवसेना और एनसीपी के साथ सरकार बनाना हमारा कोई नेचुरल अलायंस नहीं था। शिवसेना-बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। राजनीति में कम ज्यादा बातें नहीं होती। उस वक्त ऐसा हुआ। मेरे हिसाब से वो प्राकृतिक गठबंधन नहीं था।


    Maharashtra News महाराष्ट्र न्यूज split in NCP MP Kolhe with Sharad Pawar Amol Kolhe was seen in Ajit Pawar's swearing-in breach in Ajit Pawar camp सांसद कोल्हे शरद पवार के साथ अजीत पवार के शपथ ग्रहण में दिखे थे अमोल कोल्हे अजीत पवार खेमे में सेंध एनसीपी में टूट