NEW DELHI. कांग्रेस ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की घोषणा कर दी। 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी एकता दल की मीटिंग होगी। आप के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने फैसला लिया कि पार्टी बैठक में शामिल होगी। आप सांसद राघव चड्ढा ने कांग्रेस के फैसले को अच्छी पहल बताया।
सीएम केजरीवाल के आवास पर PAC की बैठक में फैसला
कांग्रेस के समर्थन के ऐलान के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक हुई। इसमें राघव चड्ढा, गोपाल राय, आतिशी पार्टी जैसे कई नेता मौजूद रहे। बैठक में आप ने तय किया कि वो विपक्ष की बैठक में शामिल होगी।
20 जुलाई से शुरू होगा मॉनसून सत्र
संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार इस सत्र में 21 बिल लाने वाली है, जिसमें दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर 20 मई को लाया गया अध्यादेश भी शामिल है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष का समर्थन जुटा रहे हैं।
सीएम केजरीवाल की शर्त क्या थी ?
23 जून को पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आम आदमी पार्टी समेत 17 दल शामिल हुए थे। इस बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने अध्यादेश पर हमारा समर्थन नहीं किया तो हम विपक्षी एकता की बैठक में नहीं आएंगे।
दिल्ली और पंजाब कांग्रेस कर रही थीं समर्थन का विरोध
केंद्र के अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का विरोध कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब की यूनिट कर रही थीं। दिल्ली में पार्टी के नेता अजय माकन और पंजाब में पार्टी अध्यक्ष राजा वडिंग ने कहा था कि राज्य में हम जिसके खिलाफ लड़ रहे हैं, उन्हें समर्थन क्यों दें। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने 29 मई को दोनों राज्यों के नेताओं के साथ मीटिंग की थी। खड़गे ने कहा था कि फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है। अंतिम फैसला वही करेंगे।
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सोनिया गांधी ने 12 जुलाई को केजरीवाल को लिखी थी चिट्ठी
विपक्षी एकता की बैठक में सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। 12 जुलाई को उन्होंने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी। सोनिया ने सीएम केजरीवाल समेत सभी विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 18 जुलाई को होने वाले मीटिंग के लिए अलग से सभी विपक्षी पार्टियों को न्योता भेजा है।