NEW DELHI. संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी ने 25 मार्च को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जर्नलिस्ट्स से राहुल ने करीब आधा घंटे बात की। प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करते ही बिना कोई भूमिका बनाए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोला। कहा कि गौतम अडाणी की शेल कंपनी में किसी ने 20 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट किया। ये पैसा अडाणी जी का नहीं है। मैंने पूछा कि ये पैसा किसका है। पार्लियामेंट में मीडिया रिपोर्ट्स के सबूत देकर पूछा। अडाणी जी और नरेंद्र मोदी के बीच पुराना रिश्ता है। प्लेन में बैठे हुए मोदी और अडाणी की फोटोज हैं।
राहुल ने कहा कि एयरपोर्ट्स अडाणी को नियम बदलकर दिए गए। मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला। उन्होंने (सरकार के मंत्रियों ने) कहा कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी। आप मेरी सदस्यता खत्म कर दीजिए, अयोग्य करार दे दीजिए, जेल में डाल दीजिए। मुझे डर नहीं लगता। संसद से मेरे भाषणों को हटा दिया गया। मैं सवाल पूछना नहीं बंद करूंगा। मैं डरने वाला नहीं हूं। मुझे मारें-पीटें, जेल में डालें, फर्क नहीं पड़ता। इस देश ने बहुत कुछ दिया है।
राहुल गांधी की 9 प्रमुख बातें
- पहले जो पार्टियों को मीडिया से सपोर्ट मिलता था, अब नहीं मिलता। इसलिए अपोजिशन के पास यही रास्ता है कि वे जनता के बीच जाएं।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
केंंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि राहुल अहंकारी हो गए हैं। उन्हें माफी मांगनी ही होगी। राहुल को कोर्ट ने सजा दी है। उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों का अपमान किया है। उन्हें जनता सबक सिखाएगी।
दो दिन में राहुल गांधी का घटनाक्रम
23 मार्च को सूरत सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को एक मानहानि केस में दोषी करार दिया था। राहुल ने 2018 में कर्नाटक के कोलार में चुनावी सभा में कहा था- मोदी सरनेम के लोग चोर होते हैं। नवीन मोदी, नीरव मोदी, ललित मोदी...। इसको लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल पर मानहानि केस दायर कर दिया। 24 मार्च को राहुल की संसद की सदस्यता खत्म कर दी गई।