NEW DELHI/PATNA. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है। सीबीआई ने इससे पहले भी तेजस्वी को 4 फरवरी को समन जारी किया था, लेकिन वे सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे। लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर यह समन जारी किया गया है।
सीबीआई लालू के परिवार से पूछताछ कर रही है
इससे पहले सीबीआई ने लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। ईडी ने इस मामले में सीबीआई की शिकायत पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है। जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू परिवार को 15 मार्च को दिल्ली के कोर्ट में भी पेश होना है। बीते महीने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को समन जारी किया था। 10 मार्च को ही लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में ईडी ने दिल्ली, पटना समेत करीब 15 जगहों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी तेजस्वी यादव और लालू यादव की बेटियों के घर के अलावा अन्य आरजेडी नेताओं के घरों पर भी कई गई।
छापे में ये मिला
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 10 मार्च को लालू प्रसाद के रिश्तेदारों के आवास पर की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में बरामदगियां कीं। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान 53 लाख रुपए कैश, 1900 यूएस डॉलर, करीब 540 ग्राम सोना और 1.5 किलो सोने के जेवर जब्त किए।
विपक्ष का केंद्र पर निशाना
लालू यादव के रिश्तेदारों और परिजन के यहां हुई छापेमारी की विपक्ष ने आलोचना की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- पिछले 14 घंटे से मोदी जी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर ईडी बैठा रखी है। उनकी गर्भवती पत्नी और बहनों को सताया जा रहा है। लालू प्रसाद यादव जी बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, तब भी मोदी सरकार ने उनके प्रति मानवता नहीं दिखाई। अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है। मोदी सरकार, विपक्षी नेताओं पर ED-CBI का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या का कुत्सित प्रयास कर रही है।
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा- अडाणी समूह और कर्नाटक के बीजेपी विधायक के यहां नकदी बरामदगी पर ईडी चुप है, लेकिन जब विपक्ष की बात आती है तो वह अति उत्साही हो जाती है। दिल्ली हो या बिहार, तेलंगाना हो या फिर पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र, इसे इतिहास में स्वतंत्र एजेंसियों के सबसे काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा- जब उन्हें झुकने के लिए कहा गया तो वे रेंगने लगे।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है। ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। लालू 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेग्युलर कर दिया गया। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा कैश में हुआ था।