NEW DELHI. राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार और सांसदी खत्म होने पर अमित शाह ने बात रखी है। शाह ने कहा कि देश में कानून से बड़ा कोई नहीं हो सकता। शाह ने मामले पर हो रही राजनीति को कांग्रेस का प्रोपेगैंडा बताया। ये भी कहा कि किसी को दोषी (कन्विक्शन) करार दिया जाता है तो उस पर स्टे नहीं हो सकता। अभी तक तो राहुल गांधी ने दोष पर रोक लगाने के लिए कोई अपील भी नहीं की है।
राहुल सांसद बने रहना चाहते हैं और कोर्ट भी नहीं जा रहे- शाह
शाह ने कहा, लालू को बचाने के लिए मनमोहन सरकार में एक ऑर्डिनेंस लाया गया था, जिसे राहुल गांधी ने पूरे देश के सामने नॉनसेंस कहकर फाड़ दिया था। उसके बाद उसे विड्रॉ कर लिया गया। आज यदि वह कानून होता, तो शायद वे बच जाते। उन्होंने अब तक अपने दोष पर रोक लगाने के लिए अपील भी नहीं की। ये किस प्रकार की एरोगेंसी है?" आप (राहुल गांधी) मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी बने रहना चाहते हैं और अदालत के सामने भी नहीं जा रहे। ये एरोगेंसी कहां से जनरेट होती है?
'कांग्रेस की ओर से बहुत बड़ी भ्रांति फैलाने का काम किया जा रहा है। हमारे कानून में प्रावधान है कि यदि किसी भी व्यक्ति को 2 साल की सजा होती है तो उसे सजा पर स्टे कराने के लिए 3 महीने का समय मिलेगा। सजा को स्टे कराना और दोष को स्टे कराना दोनों अलग-अलग बातें हैं। कानून में ये प्रोविजन ही नहीं है कि अदालत जब किसी भी व्यक्ति को 2 साल या उससे ज्यादा सजा दे, वो उस दोष पर रोक लगा सके।'
कार्रवाई कानून के तहत ही हुई है- गृह मंत्री
गृह मंत्री शाह ने कहा, कन्विक्शन स्टे नहीं हो सकता। 2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि तीन महीने नहीं मिलेंगे। जिस क्षण से सजा होती है, उसी क्षण से आपकी सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए। ये यूपीए के समय में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है। तब तो हम तो दूर-दूर तक नहीं थे। हम तो आज भी जजमेंट को सुधारना नहीं चाहते। राहुल गांधी पहले शख्स नहीं हैं, जिनकी संसद सदस्यता रद्द हुई हो, उनसे पहले भी लोग इस कानून के तहत सांसदी खो चुके हैं। लालू प्रसाद यादव पहले शख्स बने, उसके बाद जयललिता पर भी कार्रवाई हुई। राशिद अल्वी पर भी कार्रवाई हुई। राहुल गांधी के साथ ऐसे 17 लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है।
कांग्रेस वाले किस मेंटेलिटी में जीते हैं- शाह
शाह के मुताबिक, किसी ने काले कपड़े नहीं पहने, हाय-तौबा नहीं की, क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है। देश का कानून है, लेकिन अब इन पर आ गई तो कांग्रेस वाले कहते हैं कि गांधी फैमिली के लिए एक अलग कानून बनाना चाहिए। ये किस मेंटेलिटी में जीते हैं। किसी के लिए क्या अलग कानून बनना चाहिए? कुछ भी होता है तो मोदी जी पर आरोप लगा देते हैं। लोकसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इन्हें कांग्रेस के बड़े-बड़े वकील भी नहीं समझाते।