MP के ‘पायलट’: उपचुनाव ना लड़ने के अरुण यादव के ऐलान के बाद से BJP ने डोरे डाले

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MP के ‘पायलट’: उपचुनाव ना लड़ने के अरुण यादव के ऐलान के बाद से BJP ने डोरे डाले

भोपाल. कांग्रेस नेता अरुण यादव के खंडवा उपचुनाव (Khandwa By Election) से अपनी दावेदारी लेने के बाद से खबरों का बाजार गर्म है। राजनीतिक हल्कों में कई लोग अरुण यादव (Arun Yadav) के इस फैसले की वजह जानना चाहते हैं। हाल ही में अरुण ने खुद अपनी दुखती रग के बारे में बात भी की थी। अरुण के पीछे हटते ही बीजेपी के कई नेता उन्हें अपने यहां आने का न्योता दे चुके हैं। यही स्थिति कमोबेश राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ भी हुई थी। पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ बगावत का ऐलान किया था, इस दौरान वे और कई विधायक करीब 21 दिन हरियाणा-दिल्ली में रहे। तब बीजेपी (BJP) के कई नेताओं ने उनके पार्टी में आने की बात की थी। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत और पायलट का सेटलमेंट करा दिया।

'पायलट' को बीजेपी ने 'हवा में उड़ाया' था

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की तकरार के समय बीजेपी ने ऐसा माहौल बना दिया था कि पायलट बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उस समय केंद्रीय खेल राज्यमंत्री और राजस्थान से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Singh Rathore) ने कहा था कि अगर पायलट बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने कहा कि कांग्रेस नेता पायलट (Sachin Pilot) अच्छे नेता हैं और वह अपने समकालीनों की तरह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। 

बयानों ने पायलट खेमे को उकसाया

बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा था कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट (BJP offer For Sachin Pilot) को धैर्य रखना चाहिए। अगर उन्हें कांग्रेस में घुटन महसूस हो तो वह भाजपा में आएं, उन्हें भाजपा में खुली हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा। उन्हें वह सब मिलेगा, जिसके वह हकदार हैं। बीजेपी (BJP) नेताओं के इन बयानों से पायलट खेमे को पार्टी के खिलाफ जाने के लिए उकसाया था, जिसका नतीजा हुआ कि सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ होटल में डेरा डाल लिया था।

इस तरह बनाया जा रहा है यादव को पायलट

इस समय खंडवा लोकसभा उपचुनाव सीट के दावेदार रहे अरुण यादव को लेकर भी बीजेपी की ओर से कई बयान सामने आए हैं। जिनमें यादव (BJP offer For Arun Yadav) को बीजेपी में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया है। 11 सितंबर को प्रदेश सरकार में मंत्री हरदीप सिंह डंग (Hardeep Singh Dang) ने कहा है कि अरुण यादव कांग्रेस (Congress) में एडजस्ट नहीं हो रहे हैं। वे भाजपा में आना चाहें तो उनका स्वागत है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने कहा कि अरुण यादव के साथ कांग्रेस में लगातार अन्याय हो रहा है, इसलिए उन्हें अब अपने राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी में आए, उनका राजनीतिक भविष्य अच्छा हो जाएगा। 

अरुण यादव के जख्मों पर नमक

अरुण यादव ने हाल ही में कहा था कि हर बार मैं फसल बोता हूं और काट कोई ओर ले जाता है। यादव ने यह बयान खंडवा से टिकट न मिलने के दर्द को जाहिर करते हुए दिया था। उनके इस बयान पर बीजेपी ने नेताओं ने नमक लगाना शुरू कर दिया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा था कि कांग्रेस में फसल बोता कोई है, काटता कोई और फसल कुछ चुराता भी कोई है। कांग्रेस में फसल चुराने की भी आदत है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narrottam Mishra) ने 11 सितंबर को कहा कि अरुण यादव ने इतिहास (History) से सबक नहीं लिया है, इतिहास से सबक लिया होता तो खेत बंटाई पर नहीं देते। दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कमलनाथ (Kamalnath) ऐसे हैं, जोकि जिस खेत को बंटाई पर लेते हैं, उस खेत पर ही कब्जा कर लेते हैं। गौरतलब है कि यादव बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर चुके हैं, लेकिन उनको बयानों से उनकी नाराजगी खुले तौर पर सामने आ रही है।

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