NEW DELHI. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दिल्ली वाले बंगले पर राजनीति गरमा गई है। टाइम्स नाउ नवभारत के ऑपरेशन शीशमहल के खुलासे के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं। रिपोर्ट में बताया कि केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ खर्च हुए हैं। यह भी बताया गया कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था, जब दिल्ली कोरोना की भीषण महामारी से जूझ रही थी। तो क्या केजरीवाल बदल गए हैं? दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 2013 में एक शपथ पत्र में 7 बातें कही थीं। अब ये पत्र वायरल हो रहा है। जानें इस पत्र में क्या है...
केजरीवाल ने तब लिखा था- मैं चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं। मैं जीतने के बाद इन बातों का पालन करूंगा...
- 1. मैं लालबत्ती की गाड़ी नहीं लूंगा/ लूंगी।
केजरीवाल पर कांग्रेस का निशाना
@TimesNow@TNNavbharat #OperationSheeshMahal
तो केजरीवाल साहब ने अपने बंगले पर जनता के 45 करोड़ रुपए खर्च करे!
आरोप है की Dior पालिश के वियतनाम मार्बल, करोड़ों के पर्दे, करोड़ों के क़ालीन,.. कुल 45 करोड़ खर्च करे।
लेकिन, यह शपथ पत्र देखिए, 7 June, 2013 का, शपथ पत्र की यह… pic.twitter.com/nKFR2QqH7i
— Ajay Maken (@ajaymaken) April 25, 2023
बीजेपी का दावा
यह केजरीवाल के घर का रेनोवेशन नहीं, बल्कि पुराने की जगह नया ढांचा तैयार किया गया है। इसमें उनका कैंप कार्यालय भी है। इस मामले में सूत्रों का दावा है कि दस्तावेज से पता चलता है कि 43.70 करोड़ रुपए की स्वीकृत राशि के बजाय सिविल लाइंस के 6, फ्लैट स्टाफ रोड स्थित केजरीवाल के सरकारी आवास की शक्ल बदलने पर 44.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। सूत्रों का दावा है कि दस्तावेज में 9 सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच 6 बार में राशि खर्च की गई।
बीजेपी ने ये आरोप भी लगाया कि आवास के सौंदर्यीकरण पर उस वक्त करीब 45 करोड़ खर्चे गए, जब दिल्ली कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी। केजरीवाल से इस पर जवाब मांगा कि इतनी बड़ी राशि आखिरकार उस वक्त खर्च की गई, जब सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे। इससे साफ होता है कि केजरीवाल एक घर में नहीं, बल्कि एक शीश महल में रहते हैं। उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि आवास के लिए खरीदे गए 8 नए पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपए से ज्यादा है, जबकि सबसे सस्ता 3.57 लाख रुपए का है। दस्तावेजों का हवाला देते हुए बीजेपी ने कहा कि 1.15 करोड़ रुपए से ज्यादा के मार्बल वियतनाम से लाए गए थे, जबकि 4 करोड़ लकड़ी की दीवारों पर खर्च किए गए। पात्रा ने दावा किया कि केजरीवाल ने मीडिया हाउस को इस स्टोरी को सामने नहीं लाने के लिए 20 से 50 करोड़ तक की पेशकश की, लेकिन न्यूज चैनलों ने इसे नहीं माना।
दस्तावेज के मुताबिक किया गया कुल खर्च
- इंटीरियर डेकोरेशन पर 11.30 करोड़
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास स्थित कैंप कार्यालय के लिए स्वीकृत 9.99 करोड़ के अलावा 8.11 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
आप ने किया केजरीवाल का बचाव
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने इस मामले में पलटवार किया है। उन्होंने दावा किया कि मोदी के 'दोस्त' डोनाल्ड ट्रम्प के तीन घंटे के दौरे पर करीब 80 करोड़ रुपए खर्च किए गए। गुजरात और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अपने लिए 200 करोड़ के हवाई जहाज लेते हैं, लेकिन इसकी कहीं चर्चा नहीं होती। कक्कड़ ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को 1942 में एक एकड़ से भी कम एरिए में बना बंगला आवंटित किया गया। इसकी छतें तीन बार गिर चुकी हैं। एक बार उनके माता-पिता के कमरे की छत गिर गई। एक बार वहां छत गिरी, जहां जनता दरबार लगाया गया था। एलजी के 6 एकड़ में फैले बंगले की पुताई और मरम्मत में दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर बनाने के खर्च से अधिक होती है।