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PATNA. बिहार में आज 15 विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक हुई। इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, एमके स्टालिन समेत 6 राज्यों के सीएम और अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती समेत 5 राज्यों के पूर्व सीएम शामिल हुए। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे। इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव और पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी को सत्ता से हटाने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। इस बैठक से बीआरएस, जेडीएस और वाईएसआर कांग्रेस ने दूरी बना ली। बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक (कन्वीनर) बनाया जा सकता है।
#WATCH | Opposition leaders' meeting to chalk out a joint strategy to take on BJP in next year's Lok Sabha elections, underway in Bihar's Patna
More than 15 opposition parties are attending the meeting. pic.twitter.com/d9qRfvOdVj
— ANI (@ANI) June 23, 2023
शाह का विपक्षी एकता पर निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू से विपक्षी दलों की बैठक पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज पटना में एक फोटो सेशन चल रहा है। सारे विपक्ष के नेता एक मंच पर आ रहे हैं। वे संदेश देना चाहते हैं कि हम बीजेपी और मोदी जी को चुनौती देंगे। मैं विपक्ष के नेताओं को कहना चाहता हूं कि कितने भी हाथ मिला लो, आप एक साथ नहीं आ सकते। आ भी गए तो 2024 में मोदीजी का 300 से ज्यादा सीटों के साथ आना तय है।
राहुल और ममता ने मकसद साफ किया
महाबैठक में राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी एकजुटता बहुत जरूरी है। साफ दिल से विपक्ष एकजुट हो। आमने-सामने साफ-साफ बात हो, यह नहीं कि अंदर कुछ और बाहर कुछ और कहा जाए। हम सब मिलकर बीजेपी को हराएंगे। देश में दो विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो विचारधारा है तो दूसरी ओर BJP-RSS की भारत तोड़ो। बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि सभी को महत्त्वाकांक्षा छोड़नी होगी। कोई अपना दबदबा नहीं बनाए।
महाबैठक में 27 नेता शामिल
महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए। इनमें नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं।