संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी ने जब से प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 39 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं तब से कई जगह विवाद हो रहा है और नए चेहरों की मांग हो रही है। इंदौर की राऊ विधानसभा में भी मधु वर्मा के नाम को लेकर एक खेमा खुश नहीं है, तो वहीं इंदौर से सोनकच्छ भेजे गए डॉ. राजेश सोनकर का तो वहां खुलकर विरोध हो रहा है। वहीं नए और युवा दावेदार चिंतित है कि मेरा नंबर कब आएगा। बीजेपी के सत्ता में आने के समय साल 2003 के चुनाव से देखा जाए तो बीजेपी सामान्य तौर पर 9 में से 2 सीटों पर ही बदलाव करती है। सर्वाधिक बदलाव 1998 के बाद 2008 के चुनाव में हुआ था, तब इंदौर की 5 सीटों पर टिकट बदले गए थे। साल 2003 से 2018 तक के चुनाव में बीजेपी ने अब तक 19 चेहरों को मौका दिया है।
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2003 विधानसभा चुनाव में बदले थे चार सीटों पर उम्मीदवार
- साल 2003 के चुनाव में इंदौर में तब आठ विधानसभा सीट थी और बीजेपी ने इसमें छह सीट जीती, कांग्रेस ने महू और विधानसभा नंबर तीन सीट जीती थी। इस दौरान टिकट इस तरह बदले गए
विधानसभा एक- यहां 1998 में बीजेपी से मित्तल लड़े थे जिनकी जगह उषा ठाकुर को टिकट मिला वह जीतीं
विधानसभा दो- यहां से कैलाश विजयवर्गीय को फिर टिकट मिला और जीते
विधासभा तीन- यहां से 1998 में चुनाव लड़े गोपी नेमा का टिकट कटा राजेंद्र शुक्ला को मिला, लेकिन वह भी हारे।
विधानसभा चार- यहां से लक्ष्मणसिंह गौड को फिर टिकट मिला और जीते
विधानसभा पांच- यहां से हार के बाद भैरोसिंह शेखावत का टिकट कटा और महेंद्र हार्डिया को मिला, वह जीते।
विधानसभा देपालपुर- यहां 1998 में चुनाव हारे प्रेम पटेल का टिकट कटा और मनोज पटेल को मिला वह जीते
विधानसभा महू- यहां से फिर भेरूलाल पाटीदार ही चुनाव लड़े लेकिन फिर कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार से हारे
विधानसभा सांवेर- यहां से प्रकाश सोनकर को फिर टिकट मिला और वह इस बार चुनाव जीत गए
1998 में महू में हार के बाद भी 2003 में भेरूलाल पाटीदार को टिकट मिला था, वहीं सांवेर से भी हार के बाद फिर प्रकाश सोनकर को टिकट मिला था।
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विधानसभा 2008 में जीती हुई उषा का ही टिकट कट गया था, पांट टिकट बदले
- विधानसभा 2008 चुनाव में बीजेपी ने इंदौर में नई सीट राऊ पर चुनाव जीतने के साथ कुल छह सीट जीती और देपालपुर, विधासनभा तीन और सांवेर में हार मिली थी। इस दौरान पांच टिकट बदले गए-
विधानसभा एक- यहां जीतीं हुई उषा ठाकुर का टिकट काटकर सुदर्शन गुप्ता को मिला, वह चुनाव जीते
विधानसभा दो- यहां से कैलाश विजयवर्गीय को महू भेजा गया और रमेश मेंदोला को टिकट मिला, मेंदोला जीते
विधासभा तीन- यहां से 1998 में चुनाव लड़े गोपी नेमा को फिर टिकट मिला, हारे हुए राजेंद्र शुक्ला का टिकट कट गया। लेकिन नेमा भी हारे।
विधानसभा चार- यहां से लक्ष्मणसिंह गौड़ के निधन के बाद मालिनी गौड़ को टिकट मिला और जीतीं
विधानसभा पांच- यहां से मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया को ही मिला, वह जीते।
विधानसभा देपालपुर- यहां 2003 में जीते मनोज पटेल को ही मिला लेकिन वह इस बार हारे
विधानसभा महू- यहां से फिर भेरूलाल पाटीदार के निधन के बाद कैलाश विजयवर्गीय को लड़ाया गया और जीते।
विधानसभा सांवेर- यहां से प्रकाश सोनकर के निधन के बाद निशान सोनकर को टिकट मिला, वह हार गईं
राउ- नई विधानसभा पर जीतू जिराती को टिकट मिला और वह जीत गए।
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धानसभा 2013 में बीजेपी ने दो टिकट काटे, नौ में आठ सीट जीतीं
- विधानसभा 2013 के दौरान बीजेपी ने केवल दो टिकट काटे, गोपी नेमा का टिकट कटा और पूर्व विधायक उषा ठाकुर को विधानसभा तीन में मौका मिला, वहीं निशा सोनकर की जगह सांवेर में डॉ. राजेश सोनकर को टिकट मिला। बीजेपी केवल राऊ सीट हारी और यहां जीतू जिराती की हार हुई।
विधानसभा एक- यहां से गुप्ता को फिर टिकट मिला और जीते
विधानसभा दो- यहां से रमेश मेंदोला को फिर टिकट मिला, मेंदोला जीते
विधासभा तीन- यहां से पूर्व विधायक उषा ठाकुर की फिर वापसी हुई और उन्हें टिकट मिला, वह चुनाव जीतीं, साल 2008 में टिकट कट गया था।
विधानसभा चार- यहां से मौजूदा विधायक मालिनी गौड़ को टिकट मिला और जीतीं
विधानसभा पांच- यहां से मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया को ही मिला, वह जीते।
विधानसभा देपालपुर- यहां 2003 में जीते और 2008 में हारे मनोज पटेल को ही फिर टिकट मिला और वह जीते
विधानसभा महू- यहां से फिर कैलाश विजयवर्गीय को लड़ाया गया और जीते।
विधानसभा सांवेर- यहां से डॉ. राजेश सोनकर चुनाव लड़े और जीते, 2008 में निशा सोनकर लड़ी थीं।
राऊ- यहां फिर मौजूदा विधायक जिराती को टिकट मिला लेकिन हार गए।
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विधानसभा चुनाव 2018 में दो नए चेहरे मैदान में आए
- विधानसभा 2018 के चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय ने पुत्र आकाश के लिए सीट खाली कर दी तो वहीं जिराती की राऊ से लगातार दो बार हार के बाद उन्हें हटाकर मधु वर्मा को टिकट दिया गया। बाकी सात चेहरे रिपीट हुए और बीजेपी 9 से में से 4 सीट हार गई।
विधानसभा एक- यहां से गुप्ता को फिर टिकट मिला और हारे।
विधानसभा दो- यहां से रमेश मेंदोला को फिर टिकट मिला, मेंदोला जीते
विधासभा तीन- यहां से आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिला, वह चुनाव जीते।
विधानसभा चार- यहां से मौजूदा विधायक मालिनी गौड़ को टिकट मिला और जीतीं
विधानसभा पांच- यहां से मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया को ही मिला, वह जीते।
विधानसभा देपालपुर- यहां 2003 में जीते और 2008 में हारे और फिर 2013 में जीते मनोज पटेल को ही फिर टिकट मिला और वह हार गए
विधानसभा महू- यहां से विधानसभा तीन की विधायक उषा ठाकुर को लड़ाया गया और वह जीती, वह तीन विधानसभा चुनाव में तीन अलग-अलग सीट से चुनाव जीतने वाली नेता बनीं।
विधानसभा सांवेर- यहां से मौजूदा विधायक डॉ. राजेश सोनकर चुनाव लड़े लेकिन हार गए, फिर उपचुनाव में 2020 में टिकट कटा और तुलसी सिलावट को बीजेपी ने टिकट दिया और सिलावट जीते।
राऊ- यहां मधु वर्मा को टिकट मिला था लेकिन वह हार गईं।
इंदौर में इस तरह 20 साल में बदले चेहरे, विधानसभा तीन में हर बार टिकट बदला
- इंदौर विधानसभा एक- साल 2003 में ऊषा ठाकुर, 2008 व 2013 और 2018 में सुदर्शन गुप्ता चुनाव लड़े
इंदौर विधानसभा दो- साल 2003 में विजयवर्गीय, 2008 से ही रमेश मेंदोला, 20013 और 2018 में भी
इंदौर विधानसभा तीन- साल 2003 में राजेंद्र शुक्ला, 2008 गोपी नेमा, 2013 उषा ठाकुर, 2018 में आकाश विजयवर्गीय। हर बार टिकट बदला
इंदौर विधानसभा चार- 2003 में लक्ष्मण सिंह गौड़ और फिर 2008 से मालिनी गौड़, साल 2013 व 2018 में भी।
इंदौर विधानसभा पांच- साल 2003 से महेंद्र हार्डिया, चारों चुनाव जीते
इंदौर देपापलपुर- साल 2003 से ही मनोज पटेल दो बार जीते दो बार हारे
इंदौर राऊ- 2008, 2013 में जीतू जिराती, 2018 में मधु वर्मा।
इंदौर सांवेर- 2003 प्रकाश सोनकर, 2008 निशा सोनकर, 2013 व 208 में राजेश सोनकर, 2020 उपचुनाव में तुलसी सिलावट बीजेपी से
इंदौर महू- 2003 भेरूलाल पाटीदार, 2008 व 2013 में कैलाश विजयवर्गीय, 2018 में उषा ठाकुर चुनाव लड़ी
क्या है अभी प्रत्याशियों की उम्र, सबसे पुराने प्रत्याशी सिलावट
बीते साल बीजेपी से चुनाव लडने वालों की उम्र की बात करें तो देपालपुर में चुनाव लड़ने वाले मनोज पटेल की अभी उम्र 50 साल है। सुदर्शन गुप्ता की उम्र 63 साल, मधु वर्मा की उम्र 71 साल है। वहीं उषा ठाकुर की उम्र 57 साल, मेंदोला, मालिनी गौड़ दोनों की 63 साल, आकाश की 39 साल, हार्डिया की 50 साल, तुलसी सिलालवट की 67 साल, वह साल 1985 से ही चुनाव लड़ रहे हैं, साल 2018 तक कांग्रेस से ही चुनाव लड़े तो 2020 में उपचुनाव बीजेपी की ओर से लड़ा था। वह मौजूदा सभी विधायकों में सबसे वरिष्ठ है। वहीं सोनकच्छ भेजे गए डॉ. राजेश सोनकर अभी 55 साल के हैं।
अब कहां के बदलेंगे टिकट
औसतन दो टिकट बदलने के फार्मूले पर नजर डाले तो राऊ में जो बात उलटफेर की थी, वह तो पार्टी ने खारिज कर दी और नए की जगह पुराने ही प्रत्याशी को हार के बाद रिपीट किया है और मधु वर्मा का नाम घोषित हो चुका है। उधर अब बात करें तो सबसे ज्यादा अटकले इस बार विधानसभा पांच में की जा रही हैं जहां से गौरव रणदिवे का नाम चल रहा है, साथ ही डॉ. निशांत खरे भी दावेदार बन सकते हैं। मिलिंद महाजन भी दौड़ में हैं, साथ ही नानुराम कुमावत भी। उधर विधानसभा एक में अटकले हैं, लेकिन गुप्ता के नरेंद्र तोमर और सीएम दोनों से ही संबंध मधुर है, हालांकि स्थानीय स्तर पर उनका विरोध होने लगा है। यहां पर दीपक उर्फ टीनू जैन दावेदार है, वहीं योगेश मेहता भी लगे हुए हैं। वहीं विधानसभा चार में अटकले चल रही है कि, सांसद लालवानी आ सकते हैं, हालांकि मालिनी गौड़ का ही पलड़ा भारी है, लेकिन वह पुत्र एकलव्य के लिए टिकट मांगने गई तो मुश्किलें हो सकती है। उषा ठाकुर फिर शहरी क्षेत्र की विधानसभा एक और तीन में टिकट मांग रही है। महू में स्थानीय प्रत्याशी की मांग हो रही है। विधानसभा दो को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि, कैलाश विजयवर्गीय इस बार आकाश के लिए यह सीट मांग रहे हैं, ऐसे में मेंदोला की दावेदारी एक या पांच के लिए हो सकती है। तीन नंबर के लिए उषा ठाकुर की वापसी बन सकती है। बात फिर वहीं आ रही है कि, नए दावेदार गौरव रणदिवे, टीनू जैन, माला ठाकुर, योगेश मेहता, डॉ. खरे व अन्य के लिए पार्टी और संघ क्या रास्ता अपनाएगा।