गुजरात, महाराष्ट्र से आए बीजेपी विधायक, विपक्ष के नेताओं से भी मिलकर करेंगे दल-बदल की कोशिश, 7 दिन के शेड्यूल में ये भी शामिल 

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Chandresh Sharma
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गुजरात, महाराष्ट्र से आए बीजेपी विधायक, विपक्ष के नेताओं से भी मिलकर करेंगे दल-बदल की कोशिश, 7 दिन के शेड्यूल में ये भी शामिल 

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की नौ विधासनभा सीटों सहित पूरे मप्र की 230 विधानसभा सीटों के लिए गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से आए बीजेपी के प्रवासी विधायकों द्वारा सोमवार से मैदानी काम शुरू होगा। इन विधायकों के बनाए गए शेड्यूल में आश्चर्यजनक रूप से विपक्ष के नेताओं, कार्यकर्ताओं तक पैठ बढ़ाने, उनसे मुलाकात कर उन्हें अपने साथ लाने पर भी औपचारिक तौर पर जोर दिया गया है। यानि साफ है कि बीजेपी की रणनीति दोहरी है, मैदान पर जाकर विधानसभा में अपने दावेदारों को परखना और साथ ही विपक्ष कितना मजबूत है इसे देखना व इनकी मजबूती को खत्म करने के लिए अभी से प्रयास शुरू करना। जनसभाओं में विपक्ष के नेताओं, कार्यकर्ताओं को बुलान पर जोर है और साथ ही यह भी कि बीजेपी प्रवासी विधायक उन सभी से चर्चा जरूर करे। 



शेड्यूल में यह दो बिंदु शामिल विपक्ष को लेकर



शेड्यूल में शामिल है कि प्रवासी विधायक जनसभाएं भी करेंगे। इसमें जनसभा में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं/ नेताओं को पार्टी में शामिल करने का कार्यक्रम भी होना चाहिए। साथ ही कोई भी प्रभावशाली वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेता जो बीजेपी में शामिल होना चाहतें हों या भाजपा के सभी कार्यकर्ता / नेता से प्रवासी विधायक मिलेंगे।



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हर दिन क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं को भी मनाने पर जोर



बीजेपी के प्रवासी विधायकों को हर उस शख्स और संगठन से हर हाल में फीडबैक लेना है, जो वोटर्स को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से प्रभावित करते हैं। इनमें वकील, डॉक्टर से लेकर बजरंग दल, विहिप और पत्रकार, सोशल मीडिया के आर्टिस्ट तक से मुलाकात करनी है। यह विधायक घर-घर जाकर संपर्क करेंगे। ऑटो रिक्शा चालकों, दुकानदारों के साथ विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस,बजरंग दल के साथ अन्य स्थानीय निकायों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। मोदी की योजनाओं का प्रचार भी करेंगे। जनसभा को संबोधित करना भी इनके शेड्यूल में है। लेकिन इसमें सबसे अहम है कि अलग से क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं, रूठे नेता, कार्यकर्ताओं को मनाने का भी इसमें शेड्यूल है। यानि कुल मिलाकर छह दिन में इन विधायकों को एक मिनट का भी चैन नहीं है और विधानसभा के हर पहलू को खंगाल लेना है। यह रिपोर्ट सीधे केंद्रीय स्तर पर अमित शाह को ही सौंपैंगे। पहले दिन 20 अगस्त को यह सभी विधायक अपनी विधानसभा की कोर कमेटी की बैठक ले चुके हैं।



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इस तरह रहेगा इनका शेड्यूल 



सुबह 10.30 बजे से शाम को 7 बजे तक विधनासभा में घूमेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। हर दिन मुलाकात की तरीका एक जैसा होगा लेकिन संगठन और लोग बदलते जाएंगे। 



सुबह 10.30 बजे- मंडल स्तरीय मूल्यांकन बैठक। 



सुबह 11.30 बजे- मंडल स्तरीय सत्यापन बैठक। मंडल, शक्तिकेन्द्र और बूथ स्तर पर सत्यापन और नियुक्तियों की समीक्षा करने के साथ ही यह सुनिश्चित करना कि मंडल, शक्तिकेन्द्र और बूथ स्तर पर सदस्यों द्वारा नमो एप, सरल और संगठन एप डाउनलोड किया है या नहीं। अगर डाउनलोड नहीं किया है तो फिर डाउनलोड कराना।



दोपहर 12 बजे- मोर्चा व प्रकोष्ठ के नेताओं के साथ बैठक। मोर्चा और प्रकोष्ठ का सत्यापन, विधानसभा में पार्टी की स्थिति हेतु उनका फीडबैक के साथ ही समूह विशिष्ट कार्यवाही मदों पर चर्चा करना।



दोपहर 2 बजे- भाजपा निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठक। विधानसभा में बीजेपी की स्थिति और उक्त विधानसभा के मुद्द्दों को समझना प्राथमिक उद्देश्य होगा।



दोपहर 3 बजे- संपर्क से समर्थन, घर-घर संपर्क। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण मतदाताओं (जैसे व्यवसायी, प्रमुख पत्रकार, वकील, डॉक्टर) आदि से संपर्क करना, केन्द्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों के पत्रक लेकर घर-घर जाना। वहीं जिन विधानसभाओं में एससी/एसटी समुदाय की जनसंख्या अधिक है वहा की बस्तियों में घर घर संपर्क करना और उनका मन टटोलना।



दोपहर 4 बजे- समूह बैठक। विभिन्न व्यवसायिक संगठनों और यूनियनों (बस चालक, टैक्सी चालक, किसान सफाई कर्मचारी आदि ) के सदस्यों के साथ बैठक एंव टाउनहॉल आयोजित करना। जिसने उनकी समस्या और सुझावों पर बात करना।



शाम 5 बजे- केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओ के लाभार्थियों से बातचीत। प्रदेश व केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बैठकें आयोजित करना। इस बैठक के बाद मीडिया से बात करना। बैठक में भाजपा सरकार के समर्थन में बोलने वाले लाभार्थियों की सेल्फी या वीडियों सोशल मीडिया पर पोस्ट करना।



शाम 6 बजे- वरिष्ठ कार्यकर्ता बैठक। पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ चाय पर चर्चा करना। इस दौरान रूठों को मनाने की कोशिश करना।



शाम 7 बजे- विचार परिवार समन्वय बैठक। विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल के साथ अन्य स्थानीय निकाय जैसे विचार परिवार के सदस्यों के साथ चाय पर चर्चा और उनका मन टटोलना।



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विधायक की सक्रियता भी परखेंगे, उनके साथ रात्रि भोज भी होगा



इसके साथ ही यह विधाक पहली बार मतदान करने वाले युवाओं से भी मिलेंगे। विधायकों के साथ रात्रि भोज बैठकें और कायकर्ताओं के साथ रात्रि भोजन का भी कार्यक्रम होगा। जिस जगह बीजेपी विधायक है वह देखेंगे कि वह विधायक सभी सोशल मीडिया पर सक्रिय है या नहीं, है तो कितना है? विविध वाट्सग्रुपों का सत्यापन तक होगा। विधानसभा क्षेत्र में रहने वालें सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की पहचान कर और उनसे संपर्क करेंगे, इंटरव्यू देंगे। प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे। 



अंतिम मौके पर कुछ भी बदलाव संभव, राउ की सीट भी



पार्टी ने भले ही इंदौर का राउ सहित 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं लेकिन यह अंतिम सूची नहीं है। इन प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट के आधार पर और आगे पार्टी को मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर यह इस सूची में बदलाव हो सकता है।  टिकट घोषित होने के बाद यदि सर्वे में लगता है कि किसी सीट पर टिकट बदलना है, कहीं कार्यकर्ता असंतुष्ट हैं या कहीं बगावत होने की आशंका है तो पार्टी टिकट बदलने पर भी विचार कर सकती है।


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