LUCKNOW. तीसरी बार केंद्र में नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए बीजेपी कोई कसर बाकी रखने के मूड में नहीं है। बीजेपी ने अभी से कवायद शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में यूपी में 30 मई से 30 जून तक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान कई रैलियां, जनसभाएं और महाजनसंपर्क अभियान भी चलाए जाएंगे। बीजेपी का फोकस यूपी की सभी 80 में से 80 सीटों को जीतने पर रहेगा। इसके लिए प्रत्याशियों पर भी मंथन शुरू हो चुका है। कई सांसदों का टिकट काटकर यूपी के मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी है। मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखा जा रहा है।
कई सीटों पर विधायक या मंत्री लड़ेंगे चुनाव
बीजेपी का पूरा जोर चुनाव जितवाने वाले प्रत्याशियों को खोजने पर है। फिलहाल यूपी की 12 सीटें ऐसी हैं जिन पर मंत्रियों और विधायकों को उतारने का प्लान तैयार किया जा चुका है। अगर नाम की बात की जाए तो इनमें सबसे बड़ा नाम PWD मंत्री जितिन प्रसाद का है। उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। इसके अलावा मथुरा से विधायक पूर्व उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी के सूत्रों की मानें तो पार्टी फतेहपुर, पीलीभीत, लखीमपुर में किसी मंत्री या विधायक को उतारने का पूरा मन बना चुकी है। इसके अलावा बरेली, बलिया, रायबरेली से भी किसी मंत्री या विधायक को मैदान में उतारा जा सकता है। इसी तरह प्रयागराज, उन्नाव और कानपुर के साथ ही देवरिया, गाजीपुर और फूलपुर से भी विधायक या मंत्री को लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
ये भी पढ़ें...
पिछली सफलता दोहराने का लक्ष्य
पिछले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कई मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारा था। इसका नतीजा रहा कि सपा-बसपा के गठबंधन के बाद भी बीजेपी को भारी सफलता मिली थी। उसी प्रयोग को एक बार फिर दोहराया जा सकता है। जिन सीटों पर बीजेपी ने प्रत्याशी बदलकर किसी विधायक या सांसद को उतारने की तैयारी की है, उनमें से ज्यादातर पर इस समय बीजेपी के ही सांसद हैं। कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर बीजेपी को सफलता नहीं मिल सकी थी। ऐसे में इन सीटों पर ऐसे चेहरों को उतारने की तैयारी है जो जनता के बीच पहले से प्रसिद्ध हो और उनकी छवि भी साफ सुथरी और जिताऊ हो। सूत्रों का कहना है कि अगले महीने होने वाले अभियान के दौरान भी कई मौजूदा सांसदों की परीक्षा होगी। जसनभाओं और रैलियों के साथ ही जनसंपर्क अभियानों पर पार्टी संगठन की पूरी नजर रहेगी। मौजूदा सांसद पिछली बार की तरह इस बार भी मजबूत हैं या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी।