NEW DELHI. देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा छिड़ी हुई है। आम आदमी पार्टी और शिवसेना के बाद BSP ने भी UCC का समर्थन किया है। बसपा सुप्रीमो ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है, लेकिन बीजेपी के तरीके को गलत बताया है।
मायावती बोलीं- बीजेपी मॉडल पर असहमति
BSP सुप्रीमो मायावती ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है। मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। UCC लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है। बीजेपी UCC के जरिए संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है।
UCC पर कांग्रेस का मत
कांग्रेस ने शनिवार को सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजी ग्रुप की बैठक बुलाई गई। जयराम रमेश ने कहा कि 15 जून को ही हमने कह दिया था कि सभी पक्षों की सहमति से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड देश में लागू किया जाना चाहिए।
3 जुलाई को अहम बैठक
पीएम मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत के बाद लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी ने इस पर राय-मशविरा के लिए 3 जुलाई को अहम बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार ने भी 20 जुलाई से संसद का सत्र बुलाने की घोषणा कर दी है।
UCC के समर्थन में कौन
शिवसेना (उद्धव गुट)
उद्धव ठाकरे ने MPLB के मेंबर्स से बुधवार को कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इसका विभिन्न समुदायों पर क्या असर पड़ सकता है। साथ ही UCC पर अब चर्चा शुरू करने के पीछे मोदी सरकार का मकसद पाक-साफ नहीं है।
आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं क्योंकि आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। हालांकि इसके लिए सभी धर्म के लोगों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।
सुभासपा
ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा UCC के समर्थन में है। पार्टी नेता राजभर ने कहा कि देश में सबके लिए एक कानून जरुरी है। विपक्ष के नेताओं अखिलेश, मायावती और राहुल गांधी से भी अपील है कि वे इसका समर्थन करें।
UCC के विरोध में कौन
वहीं NCP, नेशनल कॉन्फ्रेंस, AIMIM, कांग्रेस, सपा, DMK और शिरोमणि अकाली दल यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में खड़े हैं।
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केरल की मुस्लिम संस्था ने किया UCC का विरोध
केरल की मुस्लिम संस्था समस्त केरल जेम-इयातुल उलमा ने भी UCC का विरोध किया है। संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद जिफ्री ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि दूसरे धर्म जैसे- ईसाई, बौद्ध और जैन भी यूनिवर्सल सिविल कोड को स्वीकार नहीं कर पाएंगे। मुस्लिमों में शादी, तलाक और विरासत धर्म का ही हिस्सा हैं। इनके लिए कुछ रूल्स और रेगुलेशन बनाए गए हैं, जिनका पालन करना होता है।