RAIPUR. छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लग गया। छत्तीसगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रहे नंद कुमार साय ने 30 अप्रैल को पार्टी छोड़ दी। अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि 1 मई को साय कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनावी साल में छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता के बीजेपी छोड़ने और कांग्रेस जॉइन करने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है। अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान आए हैं। साव ने साय के पार्टी छोड़ने पर चिंता जताई तो रमन सिंह ने बधाई दी। वहीं, विष्णु देव साय ने कहा कि बीजेपी के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं। नंद कुमार साय के बीजेपी से जाने से पार्टी को कितना नुकसान होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
कांग्रेस आदिवासियों को अपमानित कर रही, फिर भी साय वहां गए- अरुण साव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बोले- नंद कुमार साय 1975 से बीजेपी में थे। पार्टी ने उन्हें तीन बार विधायक बनाया, 3 बार सांसद रहे। अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष रहे, छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष रहे, नेता प्रतिपक्ष भी रहे। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। बीजेपी ने नंद कुमार साय को पूरा सम्मान और प्रतिष्ठा बख्शी। उन्हें हमेशा बड़े पदों से नवाजा है। वे पार्टी के काम करते रहे, मेरे अध्यक्ष बनने के बाद भी वे लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में आते रहे। मैं सोच रहा हूं जिस कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने जीवन भर लड़ाई लड़ा और कैसे उस पार्टी में शामिल हो गए।
साव ने ये भी कहा कि ऐसा नेता (नंद कुमार साय), जिसने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी हो और कांग्रेस ने भी जिन्हें कई बार अपमानित किया हो, उस पार्टी में साय का जाना चिंता की बात है। साय का कांग्रेस में जाना ऐसे समय में हुआ, जब कांग्रेस ने आदिवासियों को अपमानित करने का काम किया। कांग्रेस ने आदिवासी आरक्षण छीनने का काम किया है। कांग्रेस ने कभी किसी आदिवासी को बड़ा पद नहीं दिया। देश में आज जो आदिवासी राष्ट्रपति हैं, वो बीजेपी ने दिया है। हमने देखा कि कैसे हाल ही में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपमान किया। निश्चित रूप से ये देखने वाली बात है कि किस वजह से नंद कुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए।
साय सबकुछ जानते समझते हैं- डॉ. रमन सिंह
नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नंद कुमार साय जी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी अध्यक्ष रहे। पार्टी ने हमेशा उनको सम्मान दिया, चाहें राष्ट्रीय स्तर का हो या फिर प्रदेश स्तर का। उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव लड़े। लोकसभा सांसद रहे, पार्टी ने दो बार राज्यसभा भेजा। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वे राजनीति में सब कुछ जानते समझते है। इसके बाद भी उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला लिया है। वह एक नए दिल में जा रहे है मैं अपनी तरफ से शुभकामनाएं देता हूं।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) May 1, 2023
दबाव होगा तो भी बीजेपी के दरवाजे खुले हैं- विष्णु देव साय
बीजेपी के एक और कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने नंद कुमार साय के कांग्रेस प्रवेश को लेकर आश्चर्य जताते हुए दबाव की आशंका जताई है। एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा में विष्णु देव साय ने कहा- “पार्टी ने सब कुछ दिया, फिर भी कांग्रेस में जाना गले नहीं उतर रहा है। हम सभी चकित हैं। मुझे लगता है कि यह किसी “दबाव” का नतीजा है। हम कहना चाहते हैं कि बीजेपी का दरवाज़ा फिर भी उनके लिए खुला हुआ है।”
साय ने विश्वासघात किया- धरमलाल कौशिक
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि नंदकुमार साय ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया। साय के बीजेपी छोड़ने और कांग्रेस में जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
लोग आते जाते रहते हैं, पार्टी स्थाई है। खुद के ग्राम, जनपद और जिला पंचायत में जो अपनी बेटी को नहीं जिता सके, ये उनकी ताकत रही। इसके बाद भी बीजेपी ने उनको पूरा सम्मान दिया। कांग्रेस में जाने के बाद करुणा शुक्ला की दुर्गति को हमने देखा है, नंद कुमार के साथ भी यही स्थिति होने वाली है।
भूपेश बघेल का तंंज- साय अनाज खाते हैं, नमक नहीं
कांग्रेस की सदस्यता दिलाने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कह कि आज (1 मई) अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। ऐसे नंद कुमार ने आज कांग्रेस सी सदस्यता ली है। इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। वह सच्चे आदिवासी नेता हैं। सीएम ने कहा कि नंदकुमार साय का जीवन सादगी भरा है। वे अनाज तो खाते हैं, लेकिन नमक नहीं खाते। पूरा जीवन आदिवासियों की सेवा के लिए संघर्ष किया। गरीबों के लिए लड़ते रहे। हमारी सरकार बनने के बाद आदिवासियों के हित में लिए गए निर्णय पर सार्वजनिक रूप से हमारे कामों की प्रशंसा करते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में साय के कांग्रेस में जाने पर BJP के 4 दिग्गज, किसी की बधाई तो किसी ने विश्वासघाती बताया, एक ने कहा- दरवाजे खुले हैं
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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लग गया। छत्तीसगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रहे नंद कुमार साय ने 30 अप्रैल को पार्टी छोड़ दी। अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि 1 मई को साय कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनावी साल में छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता के बीजेपी छोड़ने और कांग्रेस जॉइन करने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है। अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान आए हैं। साव ने साय के पार्टी छोड़ने पर चिंता जताई तो रमन सिंह ने बधाई दी। वहीं, विष्णु देव साय ने कहा कि बीजेपी के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं। नंद कुमार साय के बीजेपी से जाने से पार्टी को कितना नुकसान होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
कांग्रेस आदिवासियों को अपमानित कर रही, फिर भी साय वहां गए- अरुण साव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बोले- नंद कुमार साय 1975 से बीजेपी में थे। पार्टी ने उन्हें तीन बार विधायक बनाया, 3 बार सांसद रहे। अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष रहे, छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष रहे, नेता प्रतिपक्ष भी रहे। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। बीजेपी ने नंद कुमार साय को पूरा सम्मान और प्रतिष्ठा बख्शी। उन्हें हमेशा बड़े पदों से नवाजा है। वे पार्टी के काम करते रहे, मेरे अध्यक्ष बनने के बाद भी वे लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में आते रहे। मैं सोच रहा हूं जिस कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने जीवन भर लड़ाई लड़ा और कैसे उस पार्टी में शामिल हो गए।
साव ने ये भी कहा कि ऐसा नेता (नंद कुमार साय), जिसने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी हो और कांग्रेस ने भी जिन्हें कई बार अपमानित किया हो, उस पार्टी में साय का जाना चिंता की बात है। साय का कांग्रेस में जाना ऐसे समय में हुआ, जब कांग्रेस ने आदिवासियों को अपमानित करने का काम किया। कांग्रेस ने आदिवासी आरक्षण छीनने का काम किया है। कांग्रेस ने कभी किसी आदिवासी को बड़ा पद नहीं दिया। देश में आज जो आदिवासी राष्ट्रपति हैं, वो बीजेपी ने दिया है। हमने देखा कि कैसे हाल ही में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपमान किया। निश्चित रूप से ये देखने वाली बात है कि किस वजह से नंद कुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए।
साय सबकुछ जानते समझते हैं- डॉ. रमन सिंह
नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नंद कुमार साय जी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी अध्यक्ष रहे। पार्टी ने हमेशा उनको सम्मान दिया, चाहें राष्ट्रीय स्तर का हो या फिर प्रदेश स्तर का। उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव लड़े। लोकसभा सांसद रहे, पार्टी ने दो बार राज्यसभा भेजा। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वे राजनीति में सब कुछ जानते समझते है। इसके बाद भी उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला लिया है। वह एक नए दिल में जा रहे है मैं अपनी तरफ से शुभकामनाएं देता हूं।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) May 1, 2023
दबाव होगा तो भी बीजेपी के दरवाजे खुले हैं- विष्णु देव साय
बीजेपी के एक और कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने नंद कुमार साय के कांग्रेस प्रवेश को लेकर आश्चर्य जताते हुए दबाव की आशंका जताई है। एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा में विष्णु देव साय ने कहा- “पार्टी ने सब कुछ दिया, फिर भी कांग्रेस में जाना गले नहीं उतर रहा है। हम सभी चकित हैं। मुझे लगता है कि यह किसी “दबाव” का नतीजा है। हम कहना चाहते हैं कि बीजेपी का दरवाज़ा फिर भी उनके लिए खुला हुआ है।”
साय ने विश्वासघात किया- धरमलाल कौशिक
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि नंदकुमार साय ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया। साय के बीजेपी छोड़ने और कांग्रेस में जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
लोग आते जाते रहते हैं, पार्टी स्थाई है। खुद के ग्राम, जनपद और जिला पंचायत में जो अपनी बेटी को नहीं जिता सके, ये उनकी ताकत रही। इसके बाद भी बीजेपी ने उनको पूरा सम्मान दिया। कांग्रेस में जाने के बाद करुणा शुक्ला की दुर्गति को हमने देखा है, नंद कुमार के साथ भी यही स्थिति होने वाली है।
भूपेश बघेल का तंंज- साय अनाज खाते हैं, नमक नहीं
कांग्रेस की सदस्यता दिलाने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कह कि आज (1 मई) अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। ऐसे नंद कुमार ने आज कांग्रेस सी सदस्यता ली है। इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। वह सच्चे आदिवासी नेता हैं। सीएम ने कहा कि नंदकुमार साय का जीवन सादगी भरा है। वे अनाज तो खाते हैं, लेकिन नमक नहीं खाते। पूरा जीवन आदिवासियों की सेवा के लिए संघर्ष किया। गरीबों के लिए लड़ते रहे। हमारी सरकार बनने के बाद आदिवासियों के हित में लिए गए निर्णय पर सार्वजनिक रूप से हमारे कामों की प्रशंसा करते रहे हैं।