New Delhi. दिल्ली में आज (18 जुलाई) होने वाली एनडीए की बैठक से पहले एलजेपी के दोनों गुटों यानी चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस में जुबानी जंग छिड़ गई है। इस जंग के पीछे मुख्य वजह है हाजीपुर लोकसभा सीट। इस सीट पर चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ने अपना अपना दावा ठोकते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में यहां से लड़ने का ऐलान किया है। दरअसल, हाजीपुर सीट रामविलास पासवान की परंपरागत सीट रही है। इससे अभी पशुपति कुमार पारस सांसद हैं, जबकि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं।
चिराग बोले- हाजीपुर सीट मेरे पिता रामविलास की पर्याय
चिराग पासवान हाल ही में एनडीए में शामिल हुए। वे मंगलवार (18 जुलाई) को होने वाली एनडीए की बैठक में भी शामिल होंगे। इससे पहले उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में हाजीपुर सीट पर दावेदारी ठोकी है। उन्होंने कहा, 'हाजीपुर पर दावा करने के लिए मेरे पास अपनी वजह है। वह सीट मेरे पिता रामविलास की पर्याय है और हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है।'
आखिर क्यों हाजीपुर पर दावा कर रहे हैं चिराग?
चिराग के चाचा पशुपति पारस भी हाजीपुर पर अपना दावा कर रहे हैं। ऐसे में चाचा के दावे पर उन्होंने कहा, हर कोई अपने दावे करता है। वह वहां से मौजूदा सांसद हैं, लेकिन हाजीपुर से दावेदारी के मेरे अपने कारण हैं। मैंने जबसे होश संभाला, तबसे अपने पिता रामविलास को वहां प्रतिनिधित्व करते देखा। कुछ काम उन्होंने किए कुछ रह गए, इसलिए हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है। उनके बचे हुए कामों को पूरा करना है।
चाचा के खिलाफ कभी टिप्पणी नहीं की : चिराग
चिराग ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी, वहीं जब उनसे चाचा पशुपति पारस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह मेरे चाचा ही हैं, उनके खिलाफ कभी कोई टिप्पणी नहीं की।
पशुपति पारस बोले- मैं ही हाजीपुर से लड़ूंगा
उधर, पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना जमुई की जनता से धोखा देने जैसा है। उन्होंने कहा, मैं केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय को साफ कर चुका हूं कि मैं ही हाजीपुर से लड़ूंगा। पशुपति पारस ने कहा, अगर चिराग को हाजीपुर से लड़ना था, तो वे 2019 में इस सीट से क्यों नहीं लड़े। अब उन्हें जमुई से हारने का डर सता रहा है, इसलिए वे हाजीपुर से लड़ने की बात कह रहे हैं।
बीजेपी दोनों गुटों को साथ लाना चाहती है- पारस
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय ने पशुपति पारस से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि बीजेपी चाहती है कि चुनाव से पहले एलजेपी के दोनों गुट यानी चाचा भतीजे मतभेद भुलाकर एक हो जाएं और पार्टी पुराने रंग में लौट आए। इस पर पशुपति पारस ने कहा, लेकिन मैंने बीजेपी से साफ कर दिया है कि इसके लिए मैं तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा, हम भविष्य में कभी एक नहीं होंगे। पारस ने चिराग पासवान को लेकर कहा कि दल टूटते हैं, जुड़ सकते हैं, लेकिन दिल टूटता हैं तो जुड़ता नहीं हैं।
'नीतीश का सपना कभी पूरा नहीं होगा'
पशुपति पारस ने कहा, पीएम मोदी देश के सबसे बड़े नेता हैं। 2024 में पीएम का पद खाली नहीं है। नीतीश कुमार का पीएम बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, नीतीश पहले बिहार को देखें, वहां क्या हालत हो गए हैं? वे कभी अपने दम पर सीएम नहीं बन पाए। हमेशा उन्हें किसी न किसी का सहारा लेना पड़ा।