BHOPAL. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों एक नए प्लान पर काम कर रहे हैं। ये प्लान है लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन। राहुल गांधी देशभर से दलित और आदिवासी युवाओं की नई पौध तैयार कर रहे हैं जो आगे चलकर कांग्रेस के नेता कहलाएंगे। इन आदिवासी युवाओं को नेतागिरी के गुर सिखाए जाएंगे। इसका पूरा जिम्मा राहुल गांधी के सबसे करीबी पूर्व नौकरशाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के राजू को सौंपा गया है। के राजू नई टीम राहुल तैयार कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में खासतौर पर ऐसे युवाओं की तलाश की जा रही है जो टीम राहुल का हिस्सा बन सकें। आखिर इस नए प्लान का मकसद क्या है,आइए आपको बताते हैं।
खोया जनाधार पाने की कोशिश
राहुल गांधी कांग्रेस के खोए जनाधार को वापस पाने के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। दलित और आदिवासी यानी वंचित वर्ग कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता था। लेकिन ये वोटर कांग्रेस से छिटक गया है जिससे कांग्रेस अपने सबसे बुरे राजनीतिक दौर में पहुंच गई है। राहुल गांधी ने इस वोटर को फिर से अपने पाले में लाने के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन शुरु किया है। इस मिशन के जरिए गांव-गांव में दलित और आदिवासी युवाओं की तलाश की जा रही है। इन युवाओं को लीडरशिप सिखाई जाएगी। इसका जिम्मा राहुल गांधी ने अपनी कोर टीम के सदस्य पूर्व नौकरशाह के राजू को सौंपा है। राहुल ने हाल ही में के राजू को इस मिशन के लिए अपनी कोर टीम में शामिल किया है। के राजू लंबे समय से कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर एससी विभाग के प्रमुख रहे हैं। पूरे देश में चलने वाले इस मिशन की शुरुवात एमपी से हुई है। राहुल को उम्मीद है कि एमपी में सत्ता परिवर्तन करने में इस वर्ग की अहम भूमिका रहने वाली है। के राजू प्रदेश के हर गांव,हर ब्लॉक में इस वर्ग के युवाओं को चिन्हित करेंगे और उनको राजनीतिक गतिविधियों से जोड़ेंगे।
तैयार हो रही टीम राहुल
दरअसल पूरे देश में टीम राहुल तैयार की जा रही है। इन दलित और आदिवासी युवाओं में चुनिंदा नेताओं को राहुल गांधी के साथ यानी आरजी ऑफिस में अटैच किया जाएगा। ये युवा आदिवासियों और दलितों में कांग्रेस की फिर से पैठ बढ़ाने के लिए नीतियां तैयार करेंगे। इस लीडरशिप मिशन के तहत तैयार हुए नेता ही आने वाले समय में कांग्रेस के एमपी और एमएलए बनेंगे। के राजू इसके लिए हर विधानसभा में कोर्डिनेशन कमेटी तैयार कर रहे हैं जो इन युवाओं को राजनीतिक कार्यक्रमों से जोड़ेगी। जिला कांग्रेस कमेटी और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इस समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगे।
कांग्रेस के विधायक सिखाएंगे नेतागिरी
मप्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस मिशन को संचालित करने का जिम्मा जिला और ब्लॉक कमेटी के अध्यक्षों के अलावा खासतौर पर कांग्रेस के अनुसूचित जाति और जनजाति के विधायकों को सौंपा गया है। युवा कांग्रेस इस मिशन के लिए गांव से लेकर ब्लॉक और जिले तक दलित और आदिवासी युवाओं को जोड़ेगी। कांग्रेस की विचारधारा वाले इन युवाओं के जरिए पार्टी उनके परिवार से जुड़ेगी। इस तरह पार्टी अपने खोए जनाधार को वापस पाने की कोशिश कर रही है।
अगले पांच सालों के लिए मिशन
ये पूरा मिशन अकेले मध्यप्रदेश के इस विधानसभा चुनाव के लिए नहीं है बल्कि इसका मसौदा आने वाले दो लोकसभा चुनावों तक के लिए तैयार किया गया है। इसीलिए ये मिशन पूरे देश में चलाया जा रहा है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि कांग्रेस के लिए 2024 का चुनाव बहुत उपलब्धि वाला होगा, फिलहाल तो ऐसे हालात दिखाई नहीं दे रहे हैं लेकिन राहुल गांधी की बदली छबि के साथ यदि अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खोया जनाधार पाती है तो उसकी वापसी की उम्मीद लगाई जा सकती है।