संजय गुप्ता, INDORE. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार रात को अचानक इंदौर पहुंचे और वे सीधे संघ के कार्यालय अर्चना में पहुंचे। वहां करीब 40 मिनट मेल-मुलाकात का दौर चलने के साथ बैठक हुई और इसके बाद वे रवाना हो गए। बाहर आए तो मीडिया ने घेर लिया, लेकिन मीडिया के माइक देखकर सभी के हाथ जोड़ लिए और कहा कि भैया आज बाइट नहीं, सभी को मेरा नमस्कार। इसका चुनाव से कोई संबध नहीं है और फिर एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो गए। सीएम मंदसौर में सिंचाई परियोजना का दौरा करके इंदौर सीधा आए थे और अर्चना कार्यालय में इस दौरान संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी भी विशेष तौर पर उपस्थित थे और सीएम उन्हीं से मिलने के लिए आए थे।
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संघ प्रमुख के खास देशपांडे से हुई मुलाकात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख सुनील देशपांडे और क्षेत्र सह संपर्क प्रमुख प्रवीण गुप्त अभी इंदौर प्रवास पर है। देश पांडे को संघ प्रमुख मोहन भागवत का सबसे खास और करीबी माना जाता है। इन्हीं से मुलाकात के लिए सीएम इंदौर पहुंचे थे क्योंकि ये गोपनीय और वीवीआईपी दौरा था, इसलिए इस दौरान किसी को कोई खबर नहीं दी गई और सीएम भी बिना सायरन वाली गाड़ियों के काफिले के साथ ही आए और तेजी से निकल गए।
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चुनाव की उल्टी गिनती शुरू, बैठक मानी जा रही अहम
विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (30 जुलाई) को ही इंदौर से इसका बिगुल फूंक गए हैं। ऐसे में सीएम का ये दौरा और बैठक भी काफी अहम मानी जा रही है। हालांकि सीएम इसे चुनाव से नहीं जोड़ने की बात खुद ही कर रहे हैं, लेकिन अगले चुनाव में सीएम भी जानते हैं कि संघ की भूमिका सबसे अहम होने वाली है। खासकर इस बार चुनाव टिकट वितरण को लेकर संघ की भूमिका सबसे अहम होने जा रही है। इसके साथ ही सीएम को खुद के पैर मजबूत से मैदान में जमाए रखने के लिए भी संघ का वरदहस्त काफी अहम होना है। इन सभी के चलते यह बैठक काफी अहम है।
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मुलाकात से प्रदेश में मची चुनावी हलचल
संघ द्वारा भी बार-बार चुनाव के पहले सर्वे कराने और इसमें प्रदेश में बीजेपी की हालत खराब होने की खबरें लगातार आती रहती है। ऐसे में संघ पदाधिकारियों ने सीएम को कोई सर्वे को लेकर जानकारी और समझाइश दोनों दी हों तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इस सर्वे को लेकर सीएम आगे की रणनीति भी तय कर सकते हैं, जिससे आचार संहिता लगने से पहले और क्या घोषणाएं करके मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सकता है, इस पर फैसला लिया जा सके। कुल मिलाकर ये मुलाकात इंदौर के साथ पूरे मध्यप्रदेश में चुनावी हलचल मचा गई है।