JAIPUR. राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का ही वक्त बचा है। पार्टियों में जोड़-तोड़ की राजनीति हो रही है। समितियां बनाई जा रही हैं। नए चेहरों को जिम्मेदारी दी जा रही है। इसी बीच कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की लिस्ट जारी कर दी है। उदयपुर से सांसद रहे रघुवीर सिंह मीणा की जगह जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कमान सौंपी गई है।
क्यों सौंपी गई जिम्मेदारी ?
बांसवाड़ा संभाग की बागीदौरा विधानसभा सीट से विधायक और जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कमान सौंपने की वजह दबी आवाज में नेता बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत रविवार रात को उदयपुर पहुंचे थे। तब पहली बार ऐसा हुआ कि रघुवीर सिंह मीणा सीएम का स्वागत करने नहीं आए थे। महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया था। सीएम गहलोत ने उन्हें वहां तवज्जो देते हुए मीडिया के सामने आगे भी बढ़ाया। इस फैसले से इस चर्चा मेवाड़ की राजनीति में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है।
उदयपुर की सीटों का गणित
उदयपुर जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं। लंबे समय से यहां पर कांग्रेस पिछड़ी हुई है। 8 में से 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस में चर्चा है कि उदयपुर में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास पिछला विधानसभा चुनाव हारी थीं। वे सभा और कार्यक्रमों में ज्यादा नजर नहीं आईं। अब रघुवीर सिंह मीणा भी बड़े पद पर नहीं रहे, वे अपने गढ़ सलूंबर में भी हार गए थे। अब कांग्रेस का नया पैंतरा क्या होगा ?
महेंद्रजीत मालवीय का उदयपुर में वर्चस्व नहीं
रघुवीर सिंह मीणा की जगह कांग्रेस ने मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को CWC मेंबर बनाया है। ऐसी चर्चा है कि महेंद्रजीत का वर्चस्व वागड़ तक ही सीमित है। बांसवाड़ा की 5 और डूंगरपुर की 4 विधानसभा तक ही उनका वर्चस्व है। उदयपुर की 8 विधानसभा सीटों पर मालवीय की इतनी पकड़ नहीं है, लेकिन वे जिताऊ चेहरे हैं। बांसवाड़ा के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार 3 बार विधायक रहे हैं। वे एक बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।
उदयपुर की 8 विधानसभा का क्या होगा ?
कांग्रेस ने मेवाड़ से रघुवीर से कमान ले ली है। वहीं मालवीय वागड़ के बड़े चेहरे हैं। अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि उदयपुर की 8 विधानसभा का क्या होगा ? क्या कांग्रेस इन्हें संभालने के लिए कोई नया दांव खेलेगी, क्योंकि इन सभी सीटों पर कांग्रेस काफी पिछड़ी हुई है। या फिर कांग्रेस महेंद्रजीत मालवीय के सहारे ही संतुलन बनाना चाह रही है।