विधायक सुमित्रा के दस्तावेजों में जन्मतिथि अलग-अलग, कोर्ट ने कहा- केस दर्ज करो

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Gopal Devkar
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विधायक सुमित्रा के दस्तावेजों में जन्मतिथि अलग-अलग, कोर्ट ने कहा- केस दर्ज करो

Burhanpur. मध्य प्रदेश की नेपानगर (nepanagar) सीट से बीजेपी विधायक (BJP MLA) सुमित्रा कास्डेकर (Sumitra Kasdekar) के खिलाफ जिला कोर्ट (District Court) ने धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने खकनार थाना पुलिस को कहा है कि एफआईआर कर उचित कार्रवाई के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने ये आदेश विधायक के दस्तावेजों में दो अलग-अलग जन्मतिथि के कारण दिया। ऑर्डर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुरुवेन्द्र कुमार हुरमाड़े (Guruvendra Kumar Hurmade) की अदालत ने 20 मई को दिया था, लेकिन ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते दो जून को उपलब्ध हुआ। सुमित्रा कास्डेकर कांग्रेस से विधायक थी, उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी से चुनाव लड़ा था। 2020 में उनका नाम प्रदेश के नकली नोट कांड (Fake currency case) में उछला था। 





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ये है पूरा मामला





परिवादी बालचंद शिंदे की ओर से एडवोकेट जहीरुद्दीन और देवानंद तायड़े ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए बताया था कि सुमित्रा देवी कास्डेकर ने चुनाव के दौरान अपनी शैक्षणिक योग्यता (educational qualification) और जन्म तारीख को लेकर गलत एफिडेविट पेश किया। सुमित्रा की तरफ से 2011 में राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण एजेंसी के लिए भी झूठा शपथ पत्र दिया गया था। एक जगह उन्होंने जन्मतिथि (Date of Birth) 15 अगस्त 1983 और दूसरी जगह 4 मई 1985 दर्शाई है। इसी तरह पहले उन्होंने शैक्षणिक योग्यता दसवीं कक्षा बताई थी, जबकि चुनाव के दौरान शैक्षणिक योग्यता आठवीं बताई। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि तथ्यों को देखते हुए प्रथम दृष्टया पुलिस द्वारा केस के संबंध में कार्रवाई किया जाना सही प्रतीत होता है। इस संबंध में विधायक सुमित्रा कास्डेकर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया है। मामला 2011 का है। सुमित्रा गैस एजेंसी लेना चाहतीं थीं। इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी सामने आई है। इंडियन ऑइल कंपनी ने कास्डेकर के दस्तावेजों को जांच में गलत पाया था।







— TheSootr (@TheSootr) June 3, 2022




कांग्रेस में रहते बीजेपी ने ही उठाया था मुद्दा






विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर की जन्मतिथि और शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा उनके कांग्रेस (Congress) की टिकट से विधायक बनने के बाद बीजेपी  उठाया था। नेपानगर की पूर्व विधायक मंजू दादू ने इस संबंध में जरूरी दस्तावेज जुटाए थे। बाद में सुमित्रा देवी ने कांग्रेस पार्टी और विधायकी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे इस मामले को कोर्ट तक ले आए।





क्या है प्रावधान 





नियम के मुताबिक, नामांकन के समय दाखिल किए गए शपथ पत्र में गलत जानकारी देने पर जुर्माना के साथ 6 महीने की सजा का प्रावधान है। लेकिन यहां खास बात यह है कि नॉमिनेशन की जांच के दौरान अधिकारी भी इस गड़बड़ी की अनदेखी कर गए। 





नेपानगर का नोट कांड





4 जुलाई 2020 को उज्जैन की एसटीएफ टीम ने 10 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ एक गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ा था। जो आरोपी पकड़े गए थे, उनमें नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर का विधायक प्रतिनिधि किरण सोंडकर भी शामिल था। इसी घटना के बाद सुमित्रा पर आरोप लगा था कि उनके संरक्षण के बिना विधायक प्रतिनिधि इस तरह का काम नहीं कर सकता। ये आरोप बीजेपी ने लगाए थे, क्योंकि तब सुमित्रा कांग्रेस से विधायक थीं।





पुलिस ने ये कहा





बुरहानपुर एसपी राहुल कुमार लोडा (SP Rahul Kumar Loda) ने बताया कि कोर्ट ने एक आदेश दिया गया है, जिसमें 156(3) के तहत केस दर्ज करके एक महीने के अंदर विधायक सुमित्रा कास्डेकर पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।



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