संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में कांग्रेस के पूर्व विधायक और सांसद प्रेमचंद गुड्डू और उनके बेटी रीना बोरासी सैतिया के बीच राजनीतिक लड़ाई अब दुश्मनी में बदल गई है। गुड्डू और उनके बेटे अजीत बौरासी के अजित क्लब ने बेटी रीना के रेडियंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज की लीज निरस्त कर दी है। क्लब ने उन्हें साल 2009 से 30 साल के लिए बिल्डिंग लीज पर दी हुई थी। इस संबंध में जाहिर सूचना भी जारी कर दी गई है।
जाहिर सूचना में क्या लिखा है?
रेडियंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस इंदौर की लीज मेरे पक्षकार अजित क्लब द्वारा निरस्त की जा चुकी है। इस कॉलेज की संबद्धता निरस्त करने का आवेदन भी यूनिवर्सिटी को दिया जा चुका है जो विचाराधीन है। इसलिए सूचित किया जाता है कोई भी छात्र इस कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले सभी तथ्यों को ध्यान में रखें, नहीं तो भविष्य में कॉलेज बंद होने पर मेरे पक्षकार को कोई दायित्व नहीं होगा।
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क्या कहते हैं गुड्डू और उनकी बेटी रीना
गुड्डू ने द सूत्र से कहा कि अप्रैल में ही लीज निरस्त का बोल दिया था, लेकिन उन्होंने खाली नहीं किया, बच्चे एडमीशन नहीं लें, इसलिए ये जाहिर सूचना जारी की है। क्या इसे बेटी को राजनीतिक रूप से दबाव बनाने के कदम के रूप में देखा जाए, इस सवाल पर गुड्डू ने कहा कि मैं राजनीतिक बात का जवाब नहीं दूंगा, आप चाहे लड़ाओ या भिड़ाओ, लेकिन व्यवहार की बात तो व्यवहार से होगी। कॉलेज और संस्था लीज एग्रीमेंट था जो खत्म हो गया। बीच में कॉलेज के एक टीचर का नाम पेपर लीक कांड में आया वो तो किसी और को फंसाया गया। करते तो हमारे जवांई साहब (आशीष सैतिया, रीना के पति) ही है, इसलिए लीज निरस्त की। वहीं रीना ने कहा कि हमे कभी लीज निरस्त का नोटिस नहीं मिला, इसके वैधानिक रूप से ही हम देख रहे हैं, हमारे लिए एडमिशन लेने वाले बच्चे अहम है। हमारी लीज 30 साल की थी और शैक्षणिक संस्था की लीज ऐसे ही निरस्त नहीं हो सकती है। रही बात राजनीतिक लड़ाई की तो इस पर कुछ नहीं कहना है, टिकट की बात है तो वह तो पार्टी को तय करना है।
बेटा अजीत बोरासी 2 बार चुनाव हारा, गुड्डू उपचुनाव हारे
इस राजनीतिक लड़ाई के पीछे भी एक पूरी कहानी है। गुड्डू कांग्रेस से सांसद और विधायक रह चुके हैं। उनका बेटा अजीत बोरासी साल 2013 में SC सीट आलोट विधानसभा रतलाम जिले से चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और हारा। फिर गुड्डू जब बीजेपी में आए तो उन्होंने बेटे के लिए टिकट मांगा और बेटे को साल 2018 में एससी सीट उज्जैन की घटिया से टिकट मिला, लेकिन वे कांग्रेस के रामलाल मालवीय से 4 हजार 628 वोट से हार गए। उधर गुड्डू फिर कांग्रेस में आ गए और साल 2020 के उपचुनाव में सांवेर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। वे यहां से पहले विधायक भी रह चुके हैं, लेकिन बीजेपी में गए तुलसी सिलावट ने उन्हें बुरी तरह हरा दिया।
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हार के बाद गुड्डू ने ही पहले बेटी को आगे बढ़ाया
इन हार के बाद गुड्डू ने बेटे की जगह बेटी रीना बोरासी को सांवेर में एक्टिव किया। रीना ने मैदानी मेहनत भी शुरू कर दी, लेकिन बाद में गुडडू और बेटे अजीत ने कांग्रेस में अपने लिए भी लिए टिकट की कोशिश शुरू कर दी। कांग्रेस से जब हिंट मिली कि परिवार से एक को ही टिकट देंगे तो फिर उन्होंने रीना को बैठने के लिए कहा, लेकिन रीना नहीं मानी। इसके बाद 4 महीने से दोनों के बीच राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई और लगातार दोनों के बीच मतभेद बढ़ते चले गए। बीच में एक पेपर लीक कांड में भी कॉलेज का प्रोफेसर फंसा था, तब भी रीना के कॉलेज को लेकर शिकायत हुई थी।
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अब गुड्डू को चाहिए खुद या बेटे के लिए टिकट
कांग्रेस से एक परिवार मे 2 टिकट नहीं मिलने की संभावना देखते हुए गुड्डू रीना को बैठाकर अपने या बेटे के लिए सांवेर, आलोट की सीट पर नजर लगाए हुए हैं। इसके लिए लगातार वे कांग्रेस में मिल-जुल रहे हैं। उधर रीना के मैदानी काम को देखते हुए खासकर भारत जोड़ो यात्रा के समय सांवेर में हुए काम को देखते हुए कांग्रेस उन्हें उम्मीदवार के रूप में देख रही है। इसके चलते राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई है।