पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने दिया इस्तीफा, सोशल मीडिया पर वायरल, बीजेपी की तरफ से आधिकारिक पुष्टि नहीं

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पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने दिया इस्तीफा, सोशल मीडिया पर वायरल, बीजेपी की तरफ से आधिकारिक पुष्टि नहीं

RAIPUR. अपनी पार्टी से नाराज बीजेपी के पूर्व सासंद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर व्यथा जताई थी। हालांकि, कुछ देर बाद ही ट्विटर से वीडियो हटा दिया। इस इस्तीफे की अभी तक बीजेपी की तरफ से इस्तीफे की पुष्टि नहीं की गई। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने लंबी उपेक्षा और अनदेखी के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ने का मन ​बनाया है। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। साय ने इस संबंध में राज्य के भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। साय ने पत्र में लिखा है कि उन्हें पार्टी ने जिन महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी उसे उन्होंने पूरे समर्पण और कर्तव्यपरायणता के साथ निभाया है।







— Dr Nand Kumar Sai (@nandksai) April 30, 2023




प्रदेश अध्यक्ष को पत्र में ये लिखा






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साय ने यह भी लिखा है कि पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से उनके विरुद्ध उनकी ही पार्टी के राजनीतिक प्रत‍िद्वंद्वियों द्वारा षड्यंत्र, मिथ्या आरोप और अन्य गति‍व‍िध‍ियों द्वारा लगातार उनकी गर‍िमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। इससे वे अत्यंत आहत महसूस कर रहे हैं। साय ने लिखा है कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। साय तीन बार विधायक और तीन बार संसद सदस्य रह चुके हैं। अविभावित मध्यप्रदेश में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं।





नंदकुमार साय का मोबाइल बंद





सोशल मीडिया के पोस्ट और डिलीट के इस मसले को स्पष्ट समझने के लिए नंदकुमार साय के मोबाइल पर लगातार कॉल किया गया, लेकिन मोबाइल बंद था। वहीं उनके परिजनों ने नंदकुमार साय कहां है इस सवाल पर अनभिज्ञता जाहिर की। 





बीजेपी प्रदेश कार्यालय ने कहा- उन्हें कुछ गलतफहमी हुई है





नंदकुमार साय ने क्या इस्तीफा दिया है सोशल मीडिया पर वायरल पत्र क्या बीजेपी प्रदेश कार्यालय को मिला है। इस प्रश्न के सवाल ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का बयान मीडिया को भेजा गया है। बयान में लिखा गया है कि “ नंदकुमार साय जी का इस्तीफा प्राप्त हुआ है, वह पार्टी के बेहद वरिष्ठ नेता हैं पार्टी को आगे बढ़ाने में उनका सक्रिय योगदान रहा है। अभी उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है आगे उनसे बात करके कोई गलतफहमी होगी तो जरूर दूर करने का प्रयास करेंगे।”





नंद कुमार साय का अब तक का राजनीतिक सफर







  • 1977-79 और 1985-89: सदस्य, मध्य प्रदेश विधान सभा (दो कार्यकाल)



  • 1977-78 और 1986-88: सदस्य, विशेषाधिकार समिति, मध्य प्रदेश विधान सभा


  • 1978-79: अध्यक्ष, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति, मध्य प्रदेश विधान सभा


  • 1988-89: सदस्य, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति, मध्य प्रदेश विधान सभा


  • 1989-1991: मध्य प्रदेश में रायगढ़ (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से नौवीं लोकसभा सदस्य । अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के 






  • कल्याण संबंधी समिति







    • 1990-91: सदस्य, वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति सदस्य, गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति



  • 1996–97: सदस्य, ग्यारहवीं लोकसभा (दूसरा कार्यकाल), मध्य प्रदेश में रायगढ़ (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से


  • 2000-2004: सदस्य, छत्तीसगढ़ विधान सभा


  • 2004-2009: सदस्य, चौदहवीं लोकसभा (तीसरा कार्यकाल) - सदस्य, छत्तीसगढ़ में सरगुजा (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से। निजी सदस्यों के 






  • विधेयकों और प्रस्तावों पर समिति सदस्य, ऊर्जा 2004 पर समिति, सदस्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के लिए सलाहकार समिति







    • अगस्त 2009: राज्यसभा के लिए निर्वाचित



  • जून 2010: राज्यसभा के लिए फिर से निर्वाचित।


  • अगस्त 2010: मई 2014 और सितंबर 2014 आगे: सदस्य, कोयला और इस्पात संबंधी समिति अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण सितम्बर।


  • 2014 आगे: सदस्‍य, सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता संबंधी समिति सदस्य, पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी समिति। 28 फरवरी 2017 को, नंद कुमार साय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया।




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