JAIPUR. राजस्थान के दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां बीजेपी का हार्डकोर हिन्दुत्व कांग्रेस के सॉफ्ट हिन्दुत्व से टकराता दिख रहा है, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महंगाई से राहत की गारंटियों का मुकाबला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सड़कों की सौगात से होता दिख रहा है।
एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने महंगाई राहत कैम्पों में 1.77 करोड़ से ज्याद परिवारों को 7.55 करोड़ महंगाई राहत गारंटी कार्ड वितरित कर चुके हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी पिछले छह माह के दौरान राजस्थान को 20 हजार करोड़ से ज्यादा की सड़कों और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की सौगात दे चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी रहने वाला है।
गहलोत की राहत गारंटियां
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार 500 रुपए में उज्जवला सिलेंडर, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले एक करोड़ से ज्यादा परिवारों को निशुल्क अन्नपूर्णा राशन किट, सौ युनिट तक मुफ्त बिजली और इंदिरा रसोइयों में आठ रुपए में भोजन जैसी लोकलुभावन घोषणाओं और गारंटियों के भरोसे चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है और इसके लिए पिछले तीन माह से प्रदेशभर में महंगाई राहत कैंप लगा कर जनता को महंगाई से राहत का गारंटियां जा रही है। गहलोत ने इस बार के बजट में 19 हजार करोड़ के महंगाई राहत पैकेज की घोषण की थी। इस पैकेज में उपरोक्त सभी राहत शामिल थी। इसके साथ ही इन कैंप के जरिए सामजिक सुरक्षा पेंशन और अन्य योजनाओं का सुनिश्चित लाभ दिए जाने की गारंटी भी दी जा रही है।
मोदी दे रहे सड़कें और एक्सप्रेस-वे
उधर, दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक में “फ्रीबीज“ की राजनीति के लिए खुद को अनफिट बता चुके पीएम मोदी राजस्थान में पिछले कुछ माह में अपने दौरों के जरिए ना सिर्फ पार्टी की कमजोर सीटों को साध रहे हैं, बल्कि हजारों करोड़ रुपए के सड़क और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लोकार्पण और शिलान्यास के जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सरकार ठोस और लम्बे समय तक लाभ पहुंचाने वाले काम कर रही है।
पीएम मोदी के दस माह में सात दौरे
पीएम मोदी राजस्थान में पिछले दस माह में सात दौरे कर चुके हैं और अब आठ जुलाई को आठवें दौरे के लिए आ रहे हैं। इन सात में से दौरे विकास योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए थे, वहीं एक दौरा पूरी तरह से पार्टी को समर्पित था जबकि दो दौरे आदिवासियों और गुर्जरों के धार्मिक स्थलों के थे। एक दौरा समय की कमी की वजह से हुआ तो सही, लेकिन बहुत संक्षिप्त था।
करीब 25 हजार करोड़ से ज्यादा की सौगात
विकास योजनाओं से जुड़े मोदी के दो दौरों के अलावा उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गड़करी भी राजस्थान आ रहे हैं और वे अपने दो दौरों में सड़क और विकास परियोजनाओं की सौगात दे गए हैं। यह सभी परियोजनाएं करीब 25 हजार करोड़ की हैं और राजस्थान के विकास के लिए अहम मानी जा रही हैं।
मोदी यह दे गए राजस्थान को
10 मई: नाथद्वारा-माउंट आबू
यहां 5500 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। इनमें राजसमंद और उदयपुर में दो-लेन वाली सड़क के उन्नयन, उदयपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, नाथद्वारा से नाथद्वारा शहर तक एक नई लाइन निर्माण का शिलान्यास और तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
12 फरवरी: दौसा
5940 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का लोकार्पण किया। इसकी लागत थी 12,150 करोड़ इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे रह गया है।
8 जुलाई: बीकानेर
यहां पीएम मोदी आठ जुलाई को अमृतसर-जामनगर के बीच बन रहे एक्सप्रेस-वे के राजस्थान से गुजरने वाले खंड का लोकार्पण करने के साथ ही करीब 25 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोर्कापण करेंगे।
4 जुलाई 2023
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के आदिवासी जिले प्रतापगढ़ में कुल 219 किलोमीटर लंबाई और 3,775 करोड़ रुपए की लागत वाली चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही करौली में मंडरायल से मध्यप्रदेश के सबलगढ़ को जोड़ने वाले हाई लेवल ब्रिज को भी शुरू किया। इसके साथ ही 1850 करोड़ की सात परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
22 मई- हनुमानगढ़
गडकरी ने ही 2050 करोड़ रुपए की कुल लागत की छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं तथा सेतुबंधन परियोजना के अंतर्गत सात रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
ईआरसीपी अभी बाकी
हालांकि, इन तमाम बड़ी परियोजनाओं के बावजूद राजस्थान जैसे रेगिस्तानी प्रदेश की सबसे बड़ी जरूरत पेयजल और सिंचाई को पूरा करने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी की मंजूरी का इंतजार अभी बना हुआ है और इस बार का बड़ा चुनावी मुद्दा है। राजस्थान के 13 दक्षिण-पूर्वी जिलों के लिए बनी इस परियोजना को केन्द्र सरकार मंजूरी देती है तो यह राजस्थान के लिए सबसे बड़ी सौगात होगी।