BHOPAL. मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतम संपत्ति घोषित करने वाले टॉप 3 मंत्रियों में पहले नंबर पर भूपेंद्र सिंह (वर्तमान नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री) और दूसरे नंबर पर मोहन यादव (उच्च शिक्षा मंत्री) रहे हैं। 2013 में विधानसभा का पहला चुनाव लड़ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की चल संपत्ति 5 साल (2013-2018) में 16.44 फीसदी और अचल संपत्ति 138 फीसदी बढ़ी है।
5 साल में दोगुनी हुई उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की संपत्ति
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विधानसभा का पहला चुनाव 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से लड़ा था। इस चुनाव के लिए अपने नामांकन फॉर्म के साथ दाखिल किए गए शपथ पत्र में खुद को वकील, व्यवसायी और किसान बताते हुए अपनी 6 करोड़ 91 लाख 63 हजार रुपए की चल संपत्ति बताई थी। इसके अलावा उन्होंने 10 करोड़ 3 लाख 79 हजार रुपए की अचल संपत्ति का खुलासा किया था। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 16 करोड़ 95 लाख 42 हजार रुपए बताई थी। उन्होंने शपथ पत्र में बैंक लोन और अन्य उधारी के रूप में 5 करोड़ 11 लाख 34 हजार रुपए की देनदारी होने की भी घोषणा की थी।
यादव ने 2013 के बाद 2018 का विधानसभा चुनाव भी उज्जैन दक्षिण सीट से जीता और सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। चुनाव से पहले दाखिल किए गए शपथ पत्र के अनुसार 2018 में उनकी चल संपत्ति बढ़कर 8 करोड़ 5 लाख 35 हजार रुपए हो गई। जबकि अचल संपत्ति का मूल्य 2013 की तुलना में (10 करोड़ 03 लाख 79 हजार रुपए) दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 23 करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपए हो गया। इस प्रकार 5 साल में ही उनकी चल संपत्ति में 16.44 फीसदी और अचल संपत्ति में 138 फीसदी का इजाफा हुआ। उनकी कुल संपत्ति भी 2013 में 16 करोड़ 95 लाख रुपए के मुकाबले बढ़कर लगभग दोगुनी यानी 31 करोड़ 97 लाख 18 हजार रुपए हो गई। हालांकि उनकी देनदारी भी बढ़कर 8 करोड़ 10 लाख 14 हजार रुपए हो गई।
2013 में ये थी मोहन यादव की चल संपत्ति
मोहन यादव ने 2013 के विधानसभा चुनाव में चल संपत्ति की लिस्ट में अपने पास 1.48 लाख रुपए और पत्नी सीमा यादव के पास 1.44 लाख रुपए कैश बताए थे। इसके अलावा उन्होंने 3.56 लाख रुपए की अपनी और 2.64 लाख रुपए की पत्नी की सेविंग बताई थी। वाहन के रूप में खुद के पास 7.82 लाख रुपए कीमत की स्कॉर्पियो होना बताई थी। उन्होंने अपने पास 3.60 लाख रुपए मूल्य का 120 ग्राम सोना और पत्नी के पास 6.45 लाख रुपए का 215 ग्राम सोना, 6 लाख रुपए कीमत की 1.20 किलो चांदी होने का खुलासा किया था। इसके अलावा हथियार के रूप में उन्होंने अपने पास 80 हजार रुपए कीमत की एक रिवॉल्वर और 8 हजार रुपए की एक 12 बोर बंदूक होना बताई थी। कुल 6 करोड़ 91 लाख 63 हजार रुपए की संपत्ति में यादव की व्यक्तिगत संपत्ति 4.78 करोड़ रुपए और पत्नी की 2.12 करोड़ रुपए थी।
मोहन यादव ने उधार दिए 3 करोड़ 74 लाख रुपए
शपथ पत्र के अनुसार मोहन यादव और उनकी पत्नी ने कान्हा टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, श्री सिद्धि विनायक डेवकांस प्राइवेट लिमिटेड, सिंह कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और अपने कुछ रिश्तेदारों को 3 करोड़ 74 लाख रुपए उधार भी दिए हैं। कान्हा टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड को मोहन यादव ने 46 लाख रुपए और उनकी पत्नी ने 1.50 लाख रुपए उधार दिए हैं। श्री सिद्धि विनायक डेवकांस प्राइवेट लिमिटेड को मोहन यादव ने 1.17 करोड़ रुपए और उनकी पत्नी ने 50 लाख रुपए उधार दिए हैं। इनके अलावा मोहन यादव ने सिंह कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड को 43.19 लाख रुपए उधार दिए हैं। उन्होंने अपनी रिश्तेदार कलादेवी यादव को 11.60 लाख रुपए, सीमा यादव को 69.35 लाख रुपए और नारायण यादव को 6.10 लाख रुपए उधार दिए हैं।
कंस्ट्रक्शन और प्रापर्टी की इन कंपनियों में भी शेयरधारक
मोहन यादव और उनकी पत्नी सीमा यादव चार कंपनियों में शेयरधारक भी हैं। इनमें सिद्धि विनायक डेवकांस में मोहन यादव के 1.60 करोड़ और पत्नी सीमा यादव के 1.18 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर हैं। दूसरी कंपनी सिक्योरा प्रापर्टी में यादव की पत्नी 1.20 लाख रुपए की शेयरधारक हैं। इनके अलावा 2 अन्य कंपनियों केटीपीएल और श्री सिद्धि विनायक डेवकांस लिमिटेड में भी यादव के शेयर हैं।
2013 में जमीन 5.51 करोड़ की, 2018 में 15.90 करोड़ की हुईं
मोहन यादव ने अपनी और पत्नी की अचल संपत्ति में कुल 31.96 एकड़ खेती की जमीन बताई, जिसका बाजार मूल्य उन्होंने 5.51 करोड़ रुपए बताया था। इसमें 4.02 एकड़ जमीन (बाजार मूल्य 62 लाख 59 हजार रुपए) उन्होंने विरासत में मिलना बताई। इसे मिलाकर यादव के नाम पर खेती की 3 जमीनें थीं जिसका बाजार मूल्य 2.88 करोड़ रुपए बताया गया। बाकी 5 जमीनें (14.01 एकड़) पत्नी सीमा यादव के नाम पर बताईं, जिनका बाजार मूल्य 2.63 करोड़ रुपए बताया गया। इनमें से ज्यादातर जमीनें 2008 के बाद खरीदी गईं, जो उज्जैन शहर के आसपास हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल किए गए शपथ पत्र में यादव की इन जमीनें का बाजार मूल्य 15.90 करोड़ रुपए बताया गया। यानी 5 साल में खेती की जमीनों की कीमत 3 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई।
2013 में 8 मकानों की कीमत 1.37 करोड़, 2018 में बढ़कर 4.90 करोड़ हुई
2013 के शपथ पत्र में यादव और उनकी पत्नी के उज्जैन शहर में कुल 8 मकान बताए गए, 99.44 लाख रुपए के 4 मकान मोहन यादव के नाम पर और बाकी 4 मकान (कीमत 37 लाख 98 हजार रुपए) पत्नी के नाम पर बताए गए। इन सभी 8 मकानों की कुल कीमत 1.37 करोड़ रुपए बताई गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में दाखिल शपथ पत्र में यादव और उनकी पत्नी की इन आवासीय संपत्ति का बाजार मूल्य बढ़कर क्रमशः 2.57 करोड़ रुपए और 2.33 करोड़ रुपए बताया गया। यानी 2013 में जिन 8 मकानों का मूल्य 1.37 करोड़ रुपए था, वो 2018 में बढ़कर 4 करोड़ 90 लाख रुपए हो गया यानी 3 गुना से भी ज्यादा।
2013 में 1.73 करोड़ के 6 प्लॉट, 2018 में 1.89 करोड़ के, 5 साल में कीमत सिर्फ 16 लाख बढ़ी?
आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि वाले मोहन यादव के पास उज्जैन शहर में 8 मकान, 2 दुकान, 3 ऑफिस के अलावा 1.73 करोड़ रुपए के 6 प्लॉट भी हैं। 2013 के शपथ पत्र के मुताबिक 41 लाख 81 हजार रुपए के 2 प्लॉट मोहन यादव के नाम पर और 1 करोड़ 31 लाख रुपए के 4 प्लॉट पत्नी के नाम पर बताए गए। 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए दिए गए शपथ पत्र में इन प्लॉट का बाजार मूल्य क्रमशः 47.72 लाख रुपए और 1.41 करोड़ रुपए बताया गया। यानी इनकी कुल कीमत बढ़कर 1.89 करोड़ रुपए बताई गई।
पत्नी के पास 1.41 करोड़ की 2 दुकानें, 3 ऑफिस
मोहन यादव ने 2013 के शपथ पत्र में खेती की 8 जमीनों और उज्जैन शहर में 8 मकानों के अलावा 1.41 करोड़ रुपए की 5 कॉमर्शियल प्रापर्टी का भी खुलासा किया है। हालांकि ये पांचों व्यावसायिक संपत्तियां उनकी गृहणी पत्नी सीमा यादव के नाम पर बताई गईं। इनमें उज्जैन के मालीपुरा और फ्रीगंज मार्केट में 2 दुकानें और सिद्धि विनायक टावर में 3 ऑफिस परिसर हैं।
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