JAIPUR. राजस्थान में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से उथल-पुथल मची है। जयपुर के शहीद स्मारक पर आज यानी 11 अप्रैल को सचिन पायलट अनशन पर बैठे। उनका अनशन पूर्व बीजेपी सरकार की सीएम वसुंधरा राजे शासनकाल के घोटालों को लेकर है। हालांकि, बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर वे अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ घेरने की कोशिश कर रहे हैं। पायलट के उपवास पर अडिग रहने के फैसले के बीच कांग्रेस ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी है। पार्टी ने दो टूक कहा है कि इस तरह की कोई भी गतिविधि पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी।
#WATCH | Rajasthan Congress leader Sachin Pilot at Shaheed Samark in Jaipur begins his daylong fast calling for action on alleged corruption during the previous BJP government in the state pic.twitter.com/PeFLSRbYMq
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 11, 2023
पायलट के इस कदम को विधानसभा चुनावों से पहले नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पायलट द्वारा प्रस्तावित धरने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ इस तरह का कोई भी विरोध साफतौर से पार्टी विरोधी है और कांग्रेस के हित के खिलाफ है।
तो क्या पायलट के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा?
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पायलट का अनशन अनुशासनहीनता माना जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी पार्टी द्वारा खींची गई रेड लाइन को पार करते हैं या फिर अपना फैसला वापस लेते हैं। अगर पायलट अनशन वापस नहीं लेते तो भी कांग्रेस के लिए उनके खिलाफ एक्शन लेना आसान नहीं होगा।
पायलट के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने और रंधावा दोनों ने फोन पर बात की, लेकिन राज्य के एआईसीसी प्रभारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को अनशन खत्म करने के लिए नहीं कहा. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई वसुंधरा राजे शासन के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ है, ना कि किसी और को निशाना बनाने क लिए। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के करीबी सूत्रों ने यह भी कहा कि जैसे राहुल गांधी कथित भ्रष्टाचार के अडाणी मुद्दे पर लड़ रहे हैं, वैसे ही पायलट पिछली वसुंधरा राजे सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
बीजेपी ने साधा निशाना
राजस्थान बीजेपी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट का अनशन इसलिए वसुंधरा राजे पर है, क्योंकि उनको पता है कि अगर वो सरकार के ऊपर आरोप लगाएंगे तो उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
गहलोत और पायलट में पुरानी तकरार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद की खबरें लगातार आती रहती हैं। कहा जाता है कि पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और गहलोत उन्हें मौका नहीं दे रहे। राज्य में एक ही पार्टी में दो नेताओं के गुट चलते हैं। एक गहलोत खेमा है तो दूसरा पायलट खेमा। 2022 में जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे तो इस पद के लिए अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे था। ऐसे में कहा जा रहा था कि अगर गहलोत पार्टी अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान की कमान सचिन पायलट को दी जा सकती है, लेकिन इस दौरान गहलोत ने अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और राज्य के सीएम बने रहे।
जून 2020 में पायलट ने दिखाए थे बगावती तेवर
सचिन पायलट के मन में यह टीस थी कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के हकदार थे और अशोक गहलोत बाजी मार ले गए। पायलट ने विधायकों का समर्थन जुटाना शुरू किया। उन्हें लगा कि उनके साथ 35 से 40 कांग्रेस विधायक हैं। प्लानिंग के मुताबिक, सचिन पायलट के पिता दिवंगत राजेश पायलट की पुण्यतिथि के दिन 11 जून 2020 को बगावत होनी थी, लेकिन जानकारी लीक होने और कुछ विधायकों की गैर-मौजूदगी से बगावत नहीं हो सकी। गहलोत ने सरकार बचा ली, पायलट को मना लिया गया और इसके बाद मामला टल गया।