CHHINDWARA. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने परासिया के कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व सीएम कमलनाथ पर बड़ा हमला बोला है। जिसका वीडियो अब सामने आया है। वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय बागेश्वर धाम की कथा और प्रदीप मिश्रा के आगामी कार्यक्रम को लेकर कमलनाथ पर हमलावर हुए। विजयवर्गीय ने कहा कि जो राम को काल्पनिक मानते थे। जिनका उत्सव और त्योहार रोजा इफ्तार होता था। आजकल वे छिंदवाड़ा में राम कथा कर रहे हैं।
विरोधी हो रहे एक
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण में मोदी सरकार के काम, कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने और देश की राजनीतिक परिस्थितियों पर केंद्रित किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के विरोधियों के दिल्ली में एक हो जाने पर टिप्पणी की। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कार्यकर्ताओं की हत्या भूलकर सीपीएम, कांग्रेस दिल्ली में ममता की गलबहियां कर रही है।
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मोदी की बाढ़ को रोकने सभी हुए इकट्ठे
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण में कहा कि विपक्ष मोदी को हटाना चाहता है। पीएम मोदी की बाढ़ के सामने सभी इकट्ठा हो गए हैं। विजयवर्गीय ने जनता से पूछा कि कांग्रेस के राज में एक रुपए के 15 पैसे जनता तक पहुंचते थे। अब पूरे रुपए सीधे खाते में पहुंचाकर क्या मोदी ने पाप किया है ? दीपावली का त्योहार परिवार के साथ की जगह सीमा पर सैनिकों के साथ मनाना गलत है क्या ?
बीजेपी कार्यकर्ताओं को पढ़ाया अनुशासन का पाठ
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने नारे लगाने वाले कार्यकर्ताओं की खिंचाई की। नारों पर नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे कार्यकर्ताओं को वार्निंग दी। कुछ कार्यकर्ता विजयवर्गीय के सामने चेहरा बदलने का नारा लगा रहे थे। अमर्यादित तरीके से पार्टी की मर्यादा के खिलाफ जाकर नारे लगा रहे थे। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ लोग नारे लगा रहे थे। ऐसे नारा लगाने वालों को वार्निंग देते हैं। उन्होंने कहा कि नारा लगाने से चेहरे नहीं बदले जाते। एक ही चेहरा है कमल का फूल और हम सभी को उसके लिए काम करना है।
कार्यकर्ता लगाते थे नारे
बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता लगातार कार्यक्रमों में इस तरह के नारे लगा रहे है। बीजेपी मंडल इसकी शिकायत भी कर चुका है। इस मामले में आज बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संज्ञान लिया। बीजेपी मंडल आज के मामले की भी पार्टी को शिकायत करने जा रहे हैं। इससे पहले भी पार्टी में इस तरह की अनुशासनहीनता की शिकायत की गई थी।