NEW DELHI/BENGALURU. कर्नाटक में मुख्यमंत्री को लेकर मची उधेड़बुन के चार दिन के बाद कांग्रेस हाईकमान ने आखिरकार फैसला ले लिया। सिद्धारमैया राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक सरकार के गठन के लिए आम सहमति बनाने में कामयाब रहे। शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को दोपहर 12.30 बजे बेंगलुरु में होगा। वहीं, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक आज (18 मई) शाम 7 बजे बेंगलुरु में बुलाई गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के केंद्रीय पर्यवेक्षकों को CLP बैठक के लिए बेंगलुरु पहुंचने के लिए कहा गया है।
लगातार बैठकों का दौर, फिर बनी सहमति
17 मई को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों (सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार) की कांग्रेस हाईकमान के साथ बैठकों का लंबा सिलसिला चला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के बीच कई दौर की चर्चा हुई। बैठक में डीके शिवकुमार को भी सहमति बनाने के लिए बैठाया गया। इससे पहले दिन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर साझा समझौते की खबरें आईं। दावा किया गया कि बेंगलुरु में शपथ ग्रहण की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, लेकिन शाम होते-होते पार्टी ने इस बात का खंडन कर दिया और कहा गया कि अभी सीएम का नाम तय करने में 2-3 का वक्त और लगेगा। देर रात खबर आई है कि अगले मुख्यमंत्री पर सहमति बन गई है।
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पहले ढाई-ढाई के फॉर्मूले पर हुई चर्चा
दरअसल, दिन में लंबी कवायद के बाद पार्टी में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी चर्चा हुई। इस पर भी डीके ने शर्त भी बता दी थी। सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार का कहना था कि अगर यह एक साझा समझौता है तो भी पहले ढाई साल का कार्यकाल मुझे दिया जाए, दूसरा सिद्धारमैया को। डीके ने साफ कर दिया था कि मुझे पहला कार्यकाल दिया जाए या फिर कुछ नहीं चाहिए। मैं उस स्थिति में भी चुप रहूंगा। डिप्टी सीएम पद के लिए भी डीके शिवकुमार ने साफ मना कर दिया था।
डीके ने 17 मई को फिर खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की थी। डीके अपनी शर्त से पीछे हटने को तैयार नहीं थे और डिप्टी सीएम का पद भी नहीं ले रहे थे। बाद में पार्टी हाईकमान ने बात की और भरोसे में लिया। पार्टी आलाकमान का मानना था कि ना तो सिद्धारमैया और ना ही डीके अकेले शपथ ले सकते हैं। चुनाव में जीत सामूहिक नेतृत्व की वजह से हुई है और शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर वन मैन शो नहीं चाहता था।
कर्नाटक में कांग्रेस को 135 सीटों के साथ जबर्दस्त मेजॉरिटी
कांग्रेस ने 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल की है। 13 मई को आए नतीजे में पार्टी को 224 सीटों में से 135 सीटों पर जीत मिली और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया। बीजेपी 66 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। जेडीएस को महज 19 सीटें मिलीं। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से कांग्रेस में राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर कवायद तेज हो गई थी।
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