NEW DELHI/BENGALURU. कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम पर दिल्ली में मंथन जारी है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्धारमैया दोनों सीएम पद के लिए मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में कौन सीएम होगा, इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान पशोपेश में है। सिद्धारमैया ने 15 मई से ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। डीके शिवकुमार आज यानी 16 मई को दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले शिवकुमार ने कहा- हमारा एक जॉइंट हाउस (कांग्रेस) है, हमारी संख्या 135 है। मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता। वे मुझे पसंद करें या ना करें, मैं एक जिम्मेदार आदमी हूं। मैं पीठ में छुरा नहीं घोंपूंगा और ना ही ब्लैकमेल करूंगा। माना जा रहा है कि आज सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है।
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर 15 मई रात तक कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। खड़गे ने दोनों प्रमुख दावेदारों सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन शिवकुमार ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए दौरा रद्द कर दिया था। इसके बाद सीएम पद को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया। इससे पहले केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों से सीएम को लेकर उनकी पसंद के बारे में पूछा था। इस दौरान एक लाइन का प्रस्ताव पास कर विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर फैसला छोड़ा था।
पार्टी विचार-विमर्श के बाद फैसला लेगी- कर्नाटक प्रभारी सुरजेवाला
खड़गे के घर बैठक के बाद कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी जल्दबाजी में नहीं है और राज्य के नेताओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेगी। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट खड़गे को सौंप दी है। हम सिद्धारमैया और शिवकुमार समेत राज्य के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष का मानना है कि कर्नाटक के लोगों की एकता, सर्वसम्मतता और कल्याण को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जाना चाहिए।
सिद्धारमैया और डीके के अपने-अपने दावे
- सिद्धारमैया- दिल्ली रवाना होने से पहले सिद्धारमैया ने कहा था- ज्यादातर विधायक मुझे सीएम के तौर पर चाहते हैं। विधायकों ने मेरे पक्ष में वोट किया है। मेरे डीके शिवकुमार से भी अच्छे रिश्ते हैं।
शिवकुमार को ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला मंजूर नहीं
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व शिवकुमार के सम्मानजनक समायोजन के लिए ही ढाई-ढाई साल सीएम पद साझा करने के फॉर्मूले पर काम कर रहा था। उन्हें डिप्टी सीएम का प्रस्ताव दिया गया। सिद्धरमैया ने पार्टी के सामने पहले उन्हें और उसके बाद शिवकुमार को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था। शिवकुमार ने इससे इनकार कर दिया। इससे पहले छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव और राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच यही फॉर्मूला निकाला गया था, लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व इसे लागू नहीं करा सका।