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कर्नाटक के नए CM सिद्धारमैया तय, लेकिन अभी औपचारिक ऐलान नहीं, कल ले सकते हैं शपथ, डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव

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Atul Tiwari
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कर्नाटक के नए CM सिद्धारमैया तय, लेकिन अभी औपचारिक ऐलान नहीं, कल ले सकते हैं शपथ, डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव

NEW DELHI/BENGALURU. कर्नाटक के सीएम को लेकर चार दिन से जारी कयासों का दौर 17 मई को खत्म हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धारमैया का कर्नाटक का नए मुख्यमंत्री बनना करीब-करीब तय है। हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान अभी तक नहीं किया गया है वे कल (18 मई) सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। वहीं, डीके शिवकुमार को अहम मंत्रालयों के साथ डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है। कल (18 मई) बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक भी होगी। पहले सिद्धारमैया राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंचे थे, फिर डीके शिवकुमार ने भी राहुल से मुलाकात की। 





इन 2 फॉर्मूले पर बात हुई







  • पहला: सिद्धारमैया को पहले ढाई साल तक CM बना दें। फिर ढाई साल बाद कुर्सी डीके को दी जाए।



  • दूसरा: सिद्धारमैया को CM बना दिया जाए। डीके को PCC के चीफ के अलावा दो बड़े मंत्रालय दिए जाएं।
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    सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं, जानें कहां उनका पलड़ा कहां रहा भारी?







    • सिद्धारमैया कर्नाटक कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। उन्हें शुरुआत से ही सीएम पद के लिए डीके शिवकुमार से ज्यादा मजबूत दावेदार माना जा रहा था। सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक जीवन में 12 चुनाव लड़े, इनमें से 9 जीते।

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  • सिद्धारमैया पहले भी सीएम रह चुके हैं। वे इससे पहले 1994 में जनता दल सरकार में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे। उनकी प्रशासनिक पकड़ मानी जाती है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला भी नहीं है, जबकि डीके शिवकुमार के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। डीके जेल भी जा चुके हैं।


  • सिद्धारमैया और डीके दोनों ही गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। सिद्धारमैया को 2008 में जेडीएस से कांग्रेस में लाने में मल्लिकार्जुन खड़गे की अहम भूमिका मानी जाती है। ऐसे में वे खड़गे के काफी करीबी बताए जाते हैं।


  • सिद्धारमैया 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रहे। इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान को कर्नाटक में नायक के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की। मुस्लिम समुदाय में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है।
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  • सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय (ओबीसी) से आते हैं। यह कर्नाटक में तीसरा बड़ा समुदाय है। इतना ही नहीं, सिद्धारमैया राज्य के सबसे बड़े ओबीसी नेता माने जाते हैं। शिवकुमार की तुलना में सिद्धारमैया को ज्यादा बड़ा जननेता माना जाता है।






  • लगातार बैठकों का दौर

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    16 मई की शाम को खड़गे ने दिल्ली में दोनों प्रमुख दावेदारों से अलग-अलग मुलाकात भी की। खरगे से मिलने पहले शिवकुमार पहुंचे थे। दोनों के बीच आधे घंटे मुलाकात हुई। उनके जाने के बाद सिद्धारमैया खड़गे के घर पर पहुंचे। सिद्धारमैया और खड़गे के बीच करीब एक घंटे मुलाकात हुई। जानकारी के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने खड़गे से कहा कि सिद्धारमैया सीएम बन चुके अब मेरी बारी है। 





    कर्नाटक के सीएम पर ऐसे चला मंथन





    कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस में 16 मई को भी गहन मंथन जारी रहा। पार्टी अध्यक्ष खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर दिनभर बैठकों का दौर चला। खड़गे ने राहुल गांधी के साथ विस्तृत चर्चा की। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। खड़गे के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हुए। खड़गे ने 15 मई को भी पार्टी के तीनों पर्यवेक्षकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की थी। पर्यवेक्षकों ने नवनिर्वाचित विधायकों की राय के आधार पर उन्हें अपनी रिपोर्ट भी सौंपी थी। सिद्धारमैया 15 मई को ही दिल्ली पहुंच गए थे, जबकि शिवकुमार 16 मई को दिल्ली पहुंचे।

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    सीएम के एक और नाम सामने आया





    इस बीच कर्नाटक से सीएम को लेकर एक और दावा सामने आया था। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देती है तो वह इसे संभालने के लिए तैयार हैं।





    'सिद्धारमैया बन चुके, अब मेरी बारी'





    डीके शिवकुमार ने खड़गे से अपनी मुलाकात के दौरान कहा कि सिद्धारमैया को पहले ही सीएम बनने का मौका दिया जा चुका है और अब उनकी बारी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सीएम की कुर्सी से वंचित किया जाता है तो वे पार्टी में विधायक के रूप में ही काम करना पसंद करेंगे। शिवकुमार ने खड़गे से यह भी कहा कि सीएम के रूप में सिद्धारमैया का कार्यकाल कुशासन था और लिंगायत समुदाय पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ था। पार्टी सूत्रों ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ गुप्त मतदान के परिणाम पर चर्चा करने के बाद कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला किया जाएगा। सोनिया गांधी इस समय शिमला में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि बेंगलुरु में ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जा सकती है।



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