कर्नाटक जीत से कांग्रेस के पक्ष में माहौल, 2024 के लिए ''हाथ'' के नीचे आ सकता है विपक्ष, जानें किन नेताओं से मिली हरी झंडी

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Atul Tiwari
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कर्नाटक जीत से कांग्रेस के पक्ष में माहौल, 2024 के लिए ''हाथ'' के नीचे आ सकता है विपक्ष, जानें किन नेताओं से मिली हरी झंडी

NEW DELHI. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में तगड़ी जीत ( 224 से 135 सीट) के कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। बड़ी बात ये कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में साल के आखिर में होने चुनाव के लिए संजीवनी मिल गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए विपक्षी एकता की कवायद हो रही है, जिसमें कर्नाटक चुनाव से पहले तक कांग्रेस बैकफुट पर खड़ी थी। कांग्रेस इस मिशन के लिए खुद पहल करने के बजाय पर्दे के पीछे से दांव चल रही थी। विपक्षी एकता के लिए बुने जा रहे सियासी तानेबाने में अभी तक कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने वाले दलों के सुर कर्नाटक चुनाव नतीजे के बाद बदलने लगे हैं।





ममता बोलीं- ये बीजेपी के अंत की शुरुआत





कर्नाटक चुनाव नतीजे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'यह साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंत की शुरूआत है. कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस जहां मजबूत है, हम उसका समर्थन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस को यहां हमारे खिलाफ हर दिन लड़ना बंद करना चाहिए।'





महबूबा ही नहीं पटनायक के भी बदले सुर





पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कर्नाटक चुनाव के नतीजों को 'उम्मीद की किरण' बताया। साथ ही ओडिशा के सीएम और बीजेडी चीफ नवीन पटनायक ने भी बीजेपी पर इशारों ही इशारों में तंज कसा। पटनायक बोले, 'सिंगल या डबल इंजन की सरकार कोई मायने नहीं रखती, बल्कि सुशासन ही किसी पार्टी को जिताने में मदद करता है।' 





अभी तो पूरा हिंदुस्तान बाकी है- संजय राउत





उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, कर्नाटक तो झांकी है, अभी पूरा हिंदुस्तान बाकी है। कर्नाटक की जीत विपक्ष की जीत है। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में आंतरिक रूप से कोई गलतफहमी नहीं है और ना कोई मतभेद। हम एकजुट हैं और 2024 में बीजेपी का नाम लेवा कोई नहीं होगा। 





कैसे बदले विपक्षी नेताओं के सुर?





महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी और कांग्रेस तीनों दल अभी तक अलग-अलग सुर में बात कर रहे थे। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बयानबाजी से एमवीए के बिखरने का संदेश जा रहा था, लेकिन कर्नाटक चुनाव नतीजे के बाद बैठक कर एकजुट रहने का संदेश दिया। इसके साथ ही यह भी कहा कि महाराष्ट्र में होने वाले एमवीए की रैली में तीनों ही दल के नेता शामिल होंगे। 





एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कर्नाटक के नतीजों से सभी को एक संदेश मिला है और सभी विपक्षी पार्टियों को एक रास्ता दिखाया है। कर्नाटक जैसी स्थिति अन्य राज्यों में पैदा करने की जरूरत है। कर्नाटक जैसे हालात पैदा करने के लिए दूसरे राज्यों में भी मेहनत करने की जरूरत है। पवार ने एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों को लामबंद करने की अपील करते हुए कहा कि अलग-अलग राज्यों में समान विचारधारा वाली पार्टी एक साथ आकर जनता को एक विकल्प दे सकती हैं। 





कुछ महीने पहले विपक्षी एकता की कवायद पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। कांग्रेस को दरकिनार कर विपक्षी एकता की बात ममता कर रही थी, लेकिन कर्नाटक के चुनावी नतीजे और हाल ही में नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद से उनके रुख में कुछ बदलाव आया है। बीजेपी के प्रति नरम रुख अपना रखने वाले नवीन पटनायक के सुर बदल गए हैं।





कांग्रेस की किन राज्यों में सरकार और कहां समर्थन





कर्नाटक में जीत के बाद अब कुल चार राज्यों में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत तो 3 राज्यों में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है और कर्नाटक में सरकार बनने वाली है। झारखंड, बिहार और तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। 





1. हिमाचल प्रदेश 





कर्नाटक से पहले हिमाचल प्रदेश आखिरी राज्य था, जिसमें कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव (2022 में) जीता था। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 2027 तक है। राज्य में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से कांग्रेस ने 45 सीटों पर कब्जा कर बहुमत हासिल किया था और सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया। 





2. राजस्थान 





राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले साल 2018 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में 200 में से 100 सीटें हासिल की थी। 2018 के बाद से राजस्थान में कांग्रेस के शासन को पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह से जूझना पड़ा है। राज्य के दो सबसे बड़े नेताओं, सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच काफी समय से अनबन है। 





3. छत्तीसगढ़





राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में भी इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। 2018 में, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी को पटखनी दी थी। कांग्रेस ने 90 सीटों वाली विधानसभा में 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। 2003 से 15 सालों तक विपक्ष में रहने के बाद पार्टी ने राज्य में सरकार बनाई। इसके बाद भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया।





4. कर्नाटक





कांग्रेस ने कर्नाटक में 13 मई को शानदार जीत हासिल की है। बीजेपी के मुकाबले दोगुनी सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस यहां सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री की रेस में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं।



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