NEW DELHI. लोकसभा में मंगलवार 1 अगस्त को हुए भारी हंगामे की वजह से स्पीकर ओम बिरला काफी नाराज हो गए। अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए स्पीकर ओम बिरला सदन में होने के बावजूद भी लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठे। लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें अपने फैसले के बारे में भी बताया।
अनुशासन बहाल होने तक नहीं बैठूंगा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पक्ष और विपक्ष के सांसदों से कहा कि सदन में जब तक अनुशासन बहाल नहीं हो जाता है। तब तक वे अध्यक्ष के आसन पर नहीं बैठेंगे। स्पीकर बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा का ख्याल रखना उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सदन में कुछ सदस्यों का व्यवहार संसद की उच्च परंपराओं के विपरीत है। सदन में मर्यादा कायम करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मंगलवार को स्पीकर की कुर्सी की तरफ फेंके गए थे पर्चे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों पक्षों को अपने निर्णय से अवगत करा दिया है। आपको बता दें कि मंगलवार 1 अगस्त को लोकसभा में विपक्ष के सदस्य नारेबाजी और भारी हंगामा करते हुए सदन के वेल में आ गए थे और स्पीकर के आसन की तरफ पर्चे भी फेंके थे।
हंगामे से नाराज थे ओम बिरला
मंगलवार 1 अगस्त को लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जिस तरह से हंगामा किया। उससे स्पीकर ओम बिरला काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सदन में दिल्ली सेवा बिल के दौरान जिस तरह का हंगामा किया गया। एक बात भी नहीं सुनने दी, ऐसे सदन का कामकाज नहीं चल सकता। बुधवार 2 अगस्त को ओम बिरला लोकसभा में नहीं गए। सभी राजनीतिक दलों को सख्त चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि आप सदन को जब तक सुचारू रूप से चलने नहीं देंगे, मैं सदन के अंदर नहीं जाऊंगा।