BHOPAL. प्रदेश में पटवारी भर्ती कांड ने सरकार की सांसें फुला रखी हैं। हाल ये है कि युवा वर्ग, लाड़ली बहना योजना और किसानों को मिलने वाले अर्थ लाभ की चर्चा से ज्यादा भ्रष्टाचार की चर्चा ज्यादा कर रहे हैं। उधर, बड़बोले बाबा बागेश्वर धाम पब्लिक को हंसाने के फेर में ऐसा कुछ बोल गए कि अब सोशल मीडिया पर उनकी बैंड बजी पड़ी है। हालात ये हैं कि बाबा की सोशल मीडिया टीम चाहकर भी डैमेज कंट्रोल नहीं कर पा रही है। इधर बीजेपी में चुनाव बैठकों का दौर जारी है। चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भोपाल में दो दिन से जमे हैं। उधर कांग्रेस को 21 जुलाई को कुछ बड़ी घोषणा होने का इंतजार है। प्रियंका गांधी ग्वालियर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बूस्ट करने कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं… खबरें तो और भी हैं, कुछ पक गई हैं तो कुछ अधपकी हैं। आप तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों में गोता लगाइए।
जमने से पहले ही उखड़ गई नेताजी की हाट
बीजेपी के कद्दावर नेता की हाट जमने से पहले ही उखड़ गई। साहब लंबे समय से अपनी झांकी खींचकर जमावट जमाने में लगे थे। साहब को उम्मीद थी कि इस चुनाव में उनका बेड़ा पार हो जाएगा। इस उम्मीद में साहब ने दक्षिण भारत की एजेंसियों से पार्टनरशिप करके उनका डेरा भी भोपाल में जमवा दिया था, लेकिन अचानक मोदी-शाह के बिग शॉट से नेताजी के सुर-ताल बिगड़ गए। पूरी कमान भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव को मिल गई। भूपेन्द्र यादव को उत्तर प्रदेश और गुजरात चुनाव का खासा अनुभव है। वहीं अश्विनी वैष्णव आईटी एक्सपर्ट माने जाते हैं। जाहिर है कि इनके आने के बाद यूपी और गुजरात के चुनाव में बेहतर काम करने वाली एजेंसियों को ही मौका मिलेगा। अंदरखाने की खबर है कि विंध्य के कद्दावर विधायक के बंगले पर जमी दक्षिण भारत की एजेंसी ने पहले ही अपना बिस्तर समेट लिया है।
चुनावी खर्च निकालने में जुटे मंत्रीजी
चुनावी मौसम शुरू होते ही एक मंत्रीजी सारे काम छोड़कर चुनाव के नाम पर फंड इकट्ठा करने में लग गए। मंत्रीजी की तैयारी को देखकर लग रहा है कि वो इस चुनाव के नाम पर अगले चार-पांच चुनाव का फंड जुटा लेंगे। इसके लिए वे कोई रास्ता नहीं छोड़ रहे। हालांकि, हाल में मुख्यमंत्री ने उनके मास्टर प्लान में बदलाव कर उन्हें तगड़ा झटका दिया है, लेकिन मंत्री हैं कि हार नहीं मानने वाले… अब उन्होंने विभाग के हर कोने को झाड़ना शुरू कर दिया। हाल ही में उनकी एक नोटशीट काफी चर्चा में है, जिसमे उन्होंने एक प्रोजेक्ट में जनवरी 2023 से लेकर अब तक के टेंडरों की फाइल तलब की है। मंत्री की नोटशीट के बाद ठेकेदारों में हड़कंप है। ओएसडी के फोन पहुंचना शुरू हो गए हैं- आकर मंत्रीजी से नमस्ते कर लो, नहीं तो जांच बैठाकर पूरा पैसा अटका देंगे।
भर्ती बनी जी का जंजाल
मामा जोश-जोश में घोषणा कर बैठे कि 15 अगस्त तक 1 लाख युवाओं को भर्ती कर देंगे, लेकिन अब ये घोषणा अफसरों के गले की फांस बन गई है। दरअसल 1 माह का समय बचा है और भर्ती होना हैं 55 हजार। कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारी जोश से लगे हुए थे कि इसी बीच पटवारी भर्ती कांड हो गया। सरकार को जांच समिति भी बनाना पड़ी। अब मंडल के अधिकारियों में डर बैठ गया है कि चुनावी मौसम में जल्दबाजी में भर्ती परीक्षा करवाई तो गड़बड़ी होने पर उनकी गर्दन नपना तय है। इसी डर ने सबकी स्पीड स्लो कर दी। इधर मामा की घोषणा है तो उधर अधिकारियों का डर है।
सीएस बनने कमलनाथ के दरबार में हाजिरी
दिल्ली में पदस्थ कई सीनियर अफसरों को भरोसा है कि 2023 में कांग्रेस की सरकार आ रही है। यही वजह है कि मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल अफसर अभी से लॉबिंग करने में जुट गए हैं। कमलनाथ के दिल्ली दौरे पर ये अफसर गुप-चुप रूप से मुलाकात कर रहे हैं। इन अफसरों का मानना है कि तोप मांगो, बंदूक तो मिल ही जाएगी। यानि कि मुख्य सचिव पद न मिला तो भी प्रदेश वापसी पर किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी तो मिल ही जाएगी। भाई लोग भी गजब हैं। शायद इन्हीं के लिए कहावत बनी है कि गांव बसा नहीं कि.......आ गए।
महिला अफसरों का प्रदेश से मोह भंग
प्रदेश से महिला अफसरों का मोह भंग हो रहा है। मजेदार बात ये है कि इनमें दो सीनियर महिला आईएएस बड़े साहब की विश्वासपात्र मानी जाती हैं, लेकिन अब वे केन्द्र में जाने के लिए बैचेन हैं। बड़े साहब हैं कि उन्हें छोड़ने तैयार नहीं। पहले बोले, मेरे रिटायरमेंट के बाद चले जाना। उसके बाद एक्सटेंशन मिला तो बोले 6 महीने और रुक जाओ। महिला अफसर मान भी गईं, लेकिन इसी बीच दूसरा एक्सटेंशन मिल गया। फिर 6 महीने रुकने को कहा, लेकिन अब महिला अफसर धैर्य नहीं रख पा रही हैं। दिल्ली जाने के लिए सारे घोड़े खोल दिए हैं। इधर तीसरी महिला आईएएस जो हाल ही में लंबी छुट्टी से लौटी हैं, वो भी दिल्ली के लिए अपना बैग तैयार कर बैठी हैं। सुना है- पूरा मामला जम गया है। कभी भी बुलावा आ सकता है।
दो जैन आईपीएस एक साथ होंगे रिटायर
प्रदेश के दो सीनियर आईपीएस पवन जैन और मुकेश जैन एक साथ रिटायर हो रहे हैं। पवन जैन ने रिटायरमेंट से पहले ही राजनीति में उतरने की जमावट जमा ली है। वो राजस्थान में अपने शहर से विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी से उनका टिकट तय माना जा रहा है। वहीं मुकेश जैन अब कारोबार करेंगे। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी बड़ा कारोबार करती हैं। अब उन्हीं के साथ कदमताल करेंगे। दोनों अफसरों को हमारी ओर से नई पारी की शुरुआत के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।