NEW DELHI. हिमाचल प्रदेश में खालिस्तानी झंडे लगाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। प्रदेश की शीतकालीन राजधानी धर्मशाला के विधानसभा परिसर के मेन गेट पर रविवार सुबह खालिस्तानी झंडे लगे मिले। वहीं दीवारों पर खालिस्तान लिखा था। पुलिस ने झंडे उतरवाए और जहां खालिस्तान लिखा था, वहां पेंट करा दिया है। पुलिस CCTV खंगालकर ये हरकत करने वालों को तलाश रही है। इस घटना पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराजगी भी जताई है। दूसरी तरफ मामले में सियासत भी शुरू हो गई है।
CM जयराम ने ट्वीट कर विरोध जताया
हिमाचल प्रदेश के CM ने भी घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा - मैं धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने की कायरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करता हूं। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है, इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है। इसी का फायदा उठाकर यह घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटना की जांच कर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
मामले में शुरू हुई सियासत
सदन के गेट पर खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। इस पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार विधानसभा ना बचा पाए, वो जनता को कैसे बचाएगी। ये हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है। भाजपा सरकार पूरी तरह फेल हो गई है।
वहीं कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि मैंने पहले भी चेताया था, फिर कह रहा हूं। देश मेरी चेतावनी को याद रखे। मैंने पंजाब के वक्त कहा था, लेकिन अब उसकी इस दूसरे प्रदेश पर नजर है। हालांकि कुमार विश्वास ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इससे पहले जब पंजाब चुनाव थे, तब उन्होंने सीधे-सीधे अरविंद केजरीवाल पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए थे।
पहले ही दी थी झंडा फहराने की धमकी
धर्मशाला SDM शिल्पी बेक्टा ने कहा कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों पर हिमाचल सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेंगे। बता दें कि खालिस्तानी समर्थकों ने शिमला के विधानसभा परिसर पर खालिस्तान का झंडा फहराने की धमकी दी थी, लेकिन प्रशासन की सतर्कता से मामला टल गया। अब धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में रविवार सुबह खालिस्तान के झंडे लगे देखे गए।