मेघवाल को कानून मंत्री बनाया, रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्रालय सौंपा, न्यायपालिका पर टिप्पणियों को लेकर विवादों में थे; सिब्बल का तंज

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Atul Tiwari
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मेघवाल को कानून मंत्री बनाया, रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्रालय सौंपा, न्यायपालिका पर टिप्पणियों को लेकर विवादों में थे; सिब्बल का तंज

NEW DELHI. मोदी कैबिनेट में 18 जुलाई को एक फेरबदल किया गया। अब अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। इससे पहले कानून मंत्री रहे किरण रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्रालय दिया गया है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए किरण ने बदलाव की वजह चुनावी बताई।



पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी। रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।



2021 में कानून मंत्री बने थे रिजिजू



रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद बीजेपी सांसद हैं। किरन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर, 1971 को अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले में हुआ था। उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री है। उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव (अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र) लड़ा और जीते। वे 2009 के लोकसभा चुनाव में हार गए। 2014 के चुनाव में रिजिजू ने फिर से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बनाए गए। इसके बाद वे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल यानी 2019 में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए थे। जुलाई 2021 में जब कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था। उन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई थी। 



न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे रिजिजू



रिजिजू पिछले कुछ वक्त से न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। रिजिजू ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम संविधान के लिए एलियन है। कॉलेजियम सिस्टम में कई खामियां हैं और लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। बाद में ये भी कहा था कि रिटायर्ड जज और एक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं। 



पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने रिजिजू की टिप्पणियों पर नाराजगी भी जताई थी। बेंच ने कहा था कि शायद सरकार जजों की नियुक्ति को इसलिए मंजूरी नहीं दे रही, क्योंकि एनजेएसी को मंजूरी नहीं दी गई। रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणियों के खिलाफ जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही इसे खारिज कर दिया था।  



कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल? 



अर्जुन राम मेघवाल 2009 से बीकानेर से सांसद हैं। मेघवाल का जन्म बीकानेर के किस्मिदेसर गांव में हुआ। उन्होंने बीकानेर के डूंगर कॉलेज से बीए और एलएलबी किया। इसी कॉलेज से मास्टर्स डिग्री ली। इसके बाद फिलीपींस विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया। वे राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी रहे। उन्हें राजस्थान में अनुसूचित जाति के चेहरे के रूप में देखा जाता है।



मेघवाल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए। उन्हें 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से नवाजा गया था। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान वे लोकसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक थे। मई 2019 में मेघवाल संसदीय मामलों और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री बने थे। अब उन्हें कानून मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया है। 



कपिल सिब्बल ने ली चुटकी



वरिष्ठ वकील और सपा से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया- कानून नहीं अब पृथ्वी विज्ञान मंत्री। कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है। अब विज्ञान के नियमों से जूझने की कोशिश करेंगे। गुड लक फ्रेंड।




— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 18, 2023



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