BHOPAL. मध्यप्रदेश में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। बीजेपी जीत के लिए UP का टेस्टेड फॉर्मूला MP में भी अपनाने वाली है। इसके लिए महाकाल प्रोजेक्ट को चुना है। अयोध्या-काशी की तरह ही महाकाल कॉरिडोर को भी बीजेपी चुनाव कैंपेन में शामिल करेगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि इसके लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा गया है। संभावना है कि PM मोदी जून में आ सकते हैं।
पीएम मोदी को न्योता देने की वजह
प्रदेश के पार्टी नेताओं को यह एक संदेश है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मोदी ही पार्टी का चेहरा होंगे. इसलिए महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन उनके ही हाथों कराया जाएगा. इस मॉडल को भी अयोध्या-काशी की तरह प्रस्तुत किया जाएगा. महाकाल कॉरिडोर, काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर से 3 गुना बड़ा बन रहा है। पॉलिटिकल एनालिस्ट मानते हैं कि वाराणसी में नवनिर्मित काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर का फायदा यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी के परंपरागत वोटर्स को साघने में मिला। यही टेस्टेड फॉर्मूला उसे MP के लिए भी सटीक दिख रहा है।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का एजेंडा
चुनाव से पहले महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण को बड़े सियासी प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मौके पर साफ संदेश देंगे कि BJP सरकार धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित करने में पीछे नहीं है। इस कार्यक्रम को अभूतपूर्व बनाने के लिए BJP युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है। यह उसके चुनावी अभियान का अहम हिस्सा है।
हिंदुत्व और विकास का फॉर्मूला
पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह तीसरी बार होगा, जब पीएम मोदी प्राचीन हिंदू मंदिरों से संबंधित प्रमुख विकास या निर्माण कार्यों का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद हिंदुओं के उन धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा, जिनकी पहले उपेक्षा की जा रही थी। अयोध्या और काशी विश्वनाथ के बाद अब महाकाल मंदिर के विकास के रूप में BJP दावा पूरा करती नजर आ रही है।